*एग्जाम की तैयारियां शुरू: स्कूल स्तर पर ही होंगी छठी और सातवीं की परीक्षाएं; 9वीं व 11वीं क्लास के बारे में नहीं हुआ निर्णय*
बीकानेर- शिक्षा विभाग ने होम एग्जाम को लेकर तैयारियां शुरू कर दी हैं। माध्यमिक शिक्षा निदेशालय में शुक्रवार को राज्य के सभी जिला शिक्षा अधिकारी, माध्यमिक और जिला समान परीक्षा के संयोजकों की बैठक रखी गई। माध्यमिक शिक्षा निदेशक सौरभ स्वामी ने अब तक की तैयारियों का फीडबैक लिया।
मीटिंग में छठी और सातवीं क्लास की परीक्षाएं स्कूल स्तर पर ही कराने का निर्णय लिया गया। 9वीं और 11वीं कक्षा की परीक्षा को लेकर कोई निर्णय नहीं हो पाया। होम एग्जाम अप्रैल में होने हैं। वहीं कोरोना के केस में भी बढ़ोतरी हो रही है, इसलिए शिक्षा विभाग कोई रिस्क नहीं लेना चाहता।
10वीं-12वीं का कोर्स पूरा, अब रिवीजन पर फोकस : 10वीं -12वीं की बोर्ड परीक्षा मई में होनी है। कोर्स लगभग पूरा हो चुका है। स्कूलों में अब बच्चों को रिवीजन करवाया जा रहा है। अप्रैल में होम एग्जाम शुरू होने पर भी 10वीं -12वीं बोर्ड की कक्षाएं जारी रहेंगी।
परीक्षा, छात्रवृत्ति, आरटीई प्रवेश आदि मुद्दों को लेकर मीटिंग में समस्त जिला शिक्षा अधिकारियों से फीडबैक लिया गया है। 9वीं-11वीं कक्षा की परीक्षाओं का कार्यक्रम जल्द ही जारी किया जाएगा- सौरभ स्वामी, निदेशक, माध्यमिक शिक्षा।
*स्कूल फीस मुददा: दिल्ली के जंतर मंतर पर अभिभावक संगठनों का विरोध प्रदर्शन*
*राजस्थान से संयुक्त अभिभावक संघ भी होगा शामिल।
स्कूल फीस को लेकर विवाद लगातार गहराता जा रहा है, अब तक राज्य स्तर पर राजस्थान सहित विभिन्न राज्यों में अभिभावकों ने विरोध प्रदर्शन किए लेकिन अब देशभर के अभिभावक संगठन एकजुट होने लगे हैं। यूपी के गौतमबुद्ध नगर पेरेंट्स वेलफेयर सोसाइटी, गाजियाबाद पेरेंट्स एसोसिएशन और हरियाणा के गुडग़ांव पेरेंट्स एसोसिएशन रविवार 14 मार्च को दिल्ली के जंतर.मंतर पर दोपहर 2 बजे से 5 बजे तक विरोध प्रदर्शन करेंगे। इस प्रदर्शन में राजस्थान से संयुक्त अभिभावक संघ भी शामिल होगा और प्रदेश के अभिभावकों की आवाज को दिल्ली में बुलंद करेगा।
संघ के प्रदेश प्रवक्ता अभिषेक जैन बिट्टू ने बताया कि शुक्रवार को विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ कॉन्फ्रेंस कॉल मीटिंग की गई जिसमें कार्यक्रम के कोर्डिनेटर सुखपाल सिंह नोएडा ने कार्यक्रम की रूपरेखा रखते हुए 14 मार्च का दिन निर्धारित किया। रविवार को जयपुर से प्रदेशाध्यक्ष अरविंद अग्रवाल सहित 5 पदाधिकारी इस विरोध प्रदर्शन में शामिल होंगे, इसके अलावा भिवाड़ी, अलवर के पदाधिकारी भी इस प्रदर्शन में शामिल होंगे। जैन का कहना था कि सरकारों के रवैये से अभिभावक निराश हैं। पिछले काफी समय से देशभर के अभिभावक संगठनों के साथ कार्यक्रम की रूप रेखा बनाई जा रही थी। 14 मार्च को होने का विरोध प्रदर्शन केवल ट्रेलर है अगर सरकार अभिभावकों की समस्याओं का निदान निर्धारित समय पर नहीं करती है तो इससे भी बड़ा विरोध प्रदर्शन देशभर के अभिभावकों दिल्ली की सड़कों पर देखने को मिलेगा। : *अलवर में आकाशीय बिजली गिरने से एक युवक की मौत*
एमआईए थाना क्षेत्र के गांव की घटना, युवक को ले जाया गया अस्पताल, लेकिन मौके पर ही हो गई थी युवक की मौत, युवक का मोबाइल भी फटा हुआ मिला
: *अलवर जिले के जीवनसिंहपुरा का लाल शहीद*
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: *अब इंजीनियरिंग में प्रवेश के लिए 12वीं कक्षा में मैथ्स और फिजिक्स का होना जरुरी नहीं*
AICTE: अब बीई या बीटेक की पढ़ाई करने के लिए 12वीं कक्षा तक मैथ्स और फिजिक्स की पढ़ाई करना अनिवार्य नहीं है।
*AICTE Latest Update:* इंजीनियर बनने का सपना देखने वाले उन युवाओं के लिए अच्छी खबर है, जिन्होंने किसी भी मजबूरी के चलते सामान्य विषयों से बारहवीं कक्षा उत्तीर्ण की है। ऑल इंडिया काउंसिल फॉर टेक्निकल एजुकेशन (AICTE) ने इन विद्यार्थियों के लिए इंजीनियरिंग की पढ़ाई को लेकर अहम् निर्णय लिया है। अब बीई या बीटेक की पढ़ाई करने के लिए 12वीं कक्षा तक मैथ्स और फिजिक्स की पढ़ाई करना अनिवार्य नहीं है। सत्र 2021-22 से इस नियम को लागू कर दिया जाएगा। वर्तमान में इंजीनियरिंग और टेक्नोलॉजी के युगी पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए बारहवीं मैथ्स और फिजिक्स विषय के साथ उत्तीर्ण होना जरुरी है।
अब AICTE से मान्यता प्राप्त सरकारी और निजी कॉलेजों में अन्य विषयों से उत्तीर्ण विद्यार्थी भी इंजीनियरिंग का सपना पूरा कर सकेंगे। इस फैसले से स्टूडेंट्स को फिजिक्स, मैथ्स, केमिस्ट्री, बायोलॉजी, इंफोर्मेटिक प्रैक्टिस, बायोटेक्नोलॉजी, कंप्यूटर साइंस, इलेक्ट्रॉनिक्स, आईटी, टेक्निकल वोकेशनल सब्जेक्ट, एग्रीकल्चर, बिजनेस स्टडीज, इंजीनियरिंग ग्राफिक्स में से कोई तीन विषय पास करने जरूरी है। यह निर्णय सभी प्रकार के कोर्सों हेतु इंजीनियरिंग की पढ़ाई के लिए आने वाले विद्यार्थियों को राहत देने के लिए लिया गया है। इंजीनियरिंग की पढ़ाई के लिए दिए गए इन विषयों में न्यूनतम 45 फीसदी मार्क्स लाने जरुरी है। आरक्षित वर्ग के उम्मीदवारों को प्रतिशत की छूट दी जाएगी।
*इन्हे मिलेगा फायदा*
दिए गए 14 विषयों से बारहवीं कक्षा उत्तीर्ण विद्यार्थियों को सीधे इसका लाभ मिलेगा। ये विद्यार्थी अब इंजीनियरिंग की प्रवेश परीक्षा में भी बैठने के पात्र है। “यदि बिना गणित विषय वाले के विद्यार्थी को प्रवेश दिया जाता है, तो उसे प्रथम वर्ष में बहुत सारे गणित के पाठ्यक्रम कम्पलीट करने होंगे। यह राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुरूप बहुत लचीलापन लाएगा और 5 + 3 + 3 + 4 की नई प्रणाली में कोई कला, विज्ञान और वाणिज्य स्ट्रीम नहीं होगी। जहां अभी भी इंजीनियरिंग को समझने के लिए, गणित की आवश्यकता होगी, वहीं भौतिक विज्ञान और बहुत से पाठ्यक्रमों को उसी स्तर पर आने की भी आवश्यकता होगी।