पुलिस थाना नवलगढ की कार्यवाही -तीन माह से फरार बलात्कार का आरोपी गिरफतार
संबंधी मामलों के निस्तारण के संबंध में चलाये जा रहे जिला स्तर के अभियान के तहत श्रीमान् अतिo पुलिस अधीक्षक महोदय ,झुंझुंनूं व श्रीमान् वृत्ताधिकारी वृत्त नवलगढ के निर्देशन में सुनील शर्मा थानाधिकारी पुलिस थाना नवलगढ के नेतृत्व में गठित पुलिस टीम के द्वारा
कार्यवाही करते हुए तीन माह से फरार चल रहे बलात्कार के आरोपी अभियुक्त दयाराम पुत्र जमनाराम निवासी परसरामपुरा थाना नवलगढ जिला झुंझुनूं को -02.अप्रैल21 गिरफ्तार किया गया। 5 जनवरी 21 को पीडिता ने एक रिपोर्ट इस आश्य की पेश की कि उसके घर के सामने आरोपी का घर है और 12.अगस्त 20 को रात को जबरन पीडिता के घर में घुस कर बलात्कार किया और अश्लील तस्वीरें मोबाईल में लेकर धमकाया कि किसी को भी बताया तो मैं तेरे बच्चों को खत्म कर दूंगा और इस प्रकार का डर दिखा कर कई बार बलात्कार
किया। इसके बाद में दिनांक 01 अक्तूबर 20 को डरा धमका कर जयपुर ले गया और कई जगह पर बिना सहमति के बलात्कार किया 01 जनवरी 21 को भी जबरन घर में घुस कर बलात्कार किया वगैरहा पर अभियोग सख्या 10 / 21 धारा 376. 382.450 भा.द.स. में दर्ज कर तफतीश प्रारम्भ की गई।
-: गठित टीम का विवरण :-
1. सुनील शर्मा पुलिस निरीक्षक थानाधिकारी पुलिस थाना नवलगढ
2. जिज्ञासा पूनिया आर०पी०एस0,प्रोबेशनर
3. दिनेश कुमार एचसी 81 साईबर सैल जिला पुलिस अधीक्षक कार्यालय झुन्झुनू
4. सुरेन्द्र कुमार एच सी 2556 थाना नवलगढ
5. संजय कुमार कानि 1043 थाना नवलगढ़
**ग्राम न्यायालय से फरार हुआ आरोपी पकडा
पुलिस थाना नवलगढ की कार्यवाहीं**
झुंझुनूं जिला पुलिस अधीक्षक मनीष त्रिपाठी के द्वारा वांछित अपराधियों की धरपकड के संबंध में चलाये जा रहे जिला स्तर के अभियान के तहत अति0 पुलिस अधीक्षक झुंझुनू व वृत्ताधिकारी वृत्त नवलगढ के निर्देशन में सुनील शर्मा थानाधिकारी पुलिस थाना नवलगढ के नेतृत्व में गठित पुलिस टीम के द्वारा कार्यवाही करते हुए ग्राम न्यायालय के समक्ष पेशी से फरार चल रहे आरोपी धर्मेन्द्र झूरिया पुत्र इन्द्राज सिंह निवासी घोडीवारा खुर्द को आज 2 अप्रैल को पकड लिया गया। घटना के अनुसार राजेश कुमार पुत्र गोर्वधन सिंह जाति जाट उम्र 44 साल निवासी वार्ड न3 नवलगढ थाना नवलगढ हाल प्रस्तुतकार ग्राम न्यायालय नवलगढ ने ऑर्डर सीट10.मार्च को ग्राम न्यायलय नवलगढ की इस आशय की पेश की कि १० मार्च को अभियुक्त धर्मेन्द्र ने उपस्थित होकर ग्राम न्यायालय के समक्ष समर्पण किया। जिस पर उसे अभिरक्षा में लिया गया । अभियुक्त के विरुद्ध जिन अपराधो का प्रसंज्ञान लिया गया है व आरोप लगाया गया है व जमानतीय होने से आदेश दिया जाता है कि यदि अभियुक्त न्यायालय में अपनी नियमित उपस्थिति बाबत दस हजार रुपये का निजि मुचलका व इसी राशि का एक प्रतिभू न्यायालय को संतुष्टिप्रद प्रस्तुत कर तस्दिक करवा लेवे तो अभियुक्त को जमानत पर रिहा किया जावे अन्यथा अभिरक्षा में रखा जावे । अधिवक्ता अभियुक्त जमानत मुचलके तैयार करने के लिए न्यायालय से बाहर गये,अभियुक्त को न्यायालय में ही रहने की हिदायत दी गई । जिसके पश्चात अभियुक्त बिना न्यायालय को सूचित किए, बिना जमानत मुचलके प्रस्तुत किए तथा प्रकरण में अग्रिम कार्य वाही संपादित हुए बिना न्यायालय से चला गया। बार-बार आवाज दिलाने पर भी अभियुक्त न्यायालय में उपस्थित नही आया । अधिवक्ता अभियुक्त आवाज पर उपस्थित आये जिन्होने जाहिर किया कि अभियुक्त न्यायालय से चला गया है तथा बार- बार फ़ोन करने पर भी फोन नही उठा रहा है । उपरोक्त तथ्यों को दृ ष्टिगत रखते हुए यह प्रकट होता है कि अभियुक्त द्वारा इस प्रकरण में स्वयं से व बिना न्यायालय को सूचित किए विधिपूर्ण अभिरक्षा से निकल भागा है । अभियुक्त द्वारा स्वयं को न्यायालय की विधिपूर्ण अभिरक्षा में सुपुर्द करने के पश्चात बिना न्यायालय के आदेश के तथा बिना न्यायालय को सूचित किए न्यायालय से चले जाने का कृत्य उसके विधिपूर्ण अभिरक्षा में से निकल भागने की श्रेणी में आता है । उक्त मामले में रिपोर्ट दर्ज कर थानाधिकारी सुनील शर्मा ने अनुसंधान प्रारंभ किया। थानाधिकारी के नेतृत्व में टीम का गठन किया गया और आरोपी धर्मेन्द्र को नवलगढ थाना इलाके में ही तलाश कर पकड लिया गया।