1098 हैल्पलाईन का उपयोग करें- जिला कलक्टर उमरदीन खान
कोविड में माता-पिता खो चुके बच्चों के पुनर्वास और संरक्षण के लिए है यह हैल्पलाईन
जिला प्रशासन करेगा ऐसे बच्चों की पूरी मदद
झुंझुनूं, 31 मई। कोविड 19 महामारी के दौरान अनेक बच्चे अनाथ हो गए या माता-पिता में से किसी एक का देहांत होने से बच्चों की परवरिश पर संकट खड़ा हो गया है। जिसे देखते हुए जिला कलक्टर उमरदीन खान ने कोविड महामारी से प्रभावित बच्चों के पुनर्वास विधिक अधिकारों के संरक्षण के लिए प्रतिबद्धता दिखाते हुए सोमवार को कलक्ट्रेट सभागार में विभागीय अधिकारियों की बैठक ली। बैठक में जिला कलक्टर ने अपील करते हुए कहा कि जिन बच्चों के माता-पिता में से किसी की या दोनों की या बच्चों के संरक्षक क कोरोना की वजह से मृत्यु हो गई और परवरिश पर संकट पैदा हो गया हो, उनके परिचित या रिश्तेदार या पड़ौसी 1098 हैल्पलाईन पर कॉल करके इसकी जानकारी दें, ताकि इन बच्चों की पहचान करके इनके लिए चलाई जा रही विभिन्न सहायता योजनाओं का लाभ इन तक पहुंचाया जा सके। ऐसे बच्चों के पुर्नवास और उनके विधिक अधिकारों के संरक्षण में जिला प्रशासन पूरी मदद करेगा। 1098 हैल्पलाईन के अलावा सहायक निदेशक जिला बाल संरक्षण ईकाई या सामाजिक सुरक्षा अधिकारी से भी संपर्क कर उन्हें जानकारी दी जा सकती है। बैठक में ऐसे बच्चों की पहचान के लिए सर्वे करने पर चर्चा हुई। गौरतलब है कि राज्य सरकार के निर्देशानुसार ऐसे बच्चों को पालनहार योजना के तहत मासिक सहायता राशि प्राप्त हो सकती है। इसके अलावा उनके निशुल्क आश्रय, शिक्षण, प्रशिक्षण और पुर्नवास की व्यवस्था भी राज्य सरकार द्वारा की जाएगी।
बैठक में अतिरिक्त जिला कलक्टर जगदीश प्रसाद गौड़, पुलिस अधीक्षक मनीष त्रिपाठी, सामाजिक कार्यकर्ता राजन चौधरी, बाल अधिकारिता विभाग की सहायक निदेशक प्रिया चौधरी, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के सहायक निदेशक नरेश बारोठिया, महिला अधिकारिता विभाग के उपनिदेशक विप्लव न्यौला, श्रम कल्याण अधिकारी अरुणा शर्मा, महिला एवं बाल विकास विभाग के उपनिदेशक बिजेन्द्र राठौड़, पुलिस उपाधिक्षक देवेन्द्र सिंह मौजूद रहे।