झुंझुनूं। राजस्थान प्रदेश का सबसे समृद्ध क्षेत्र शेखावाटी अंचल से अब स्वच्छता की गूंज निकालनी चाहिए जो प्रदेश की राजधानी जयपुर सहित सभी जिला स्तर तक पहुंचे और हमारा यह क्षेत्र पूरे प्रदेश के लिए रोल मॉडल सिद्ध हो। यह अंचल न सिर्फ अपने आप में ऐसी ऐतिहासिकता समेटे हुए हैं बल्कि धार्मिक दृष्टिकोण से भी यह प्रमुख केंद्र बिंदु है।
यह वक्तव्य स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) राजस्थान सरकार के प्रदेश समन्वयक केके गुप्ता ने जिला परिषद झुंझुनूं सभागार में स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) की एकदिवसीय कार्यशाला और प्रशिक्षण बैठक को संबोधित करते हुए व्यक्त किया। बैठक में जिला परिषद अधिकारियों द्वारा गुप्ता का स्वागत अभिनंदन किया गया। बैठक में स्वच्छ भारत मिशन के तहत झुंझुनू जिले की प्रत्येक पंचायत समिति में से एक-एक ग्राम पंचायत को मॉडल पंचायत के रूप में चयनित करने के निर्देश दिए गए इसके साथ ही गुप्ता ने यह भी स्पष्ट शब्दों में कहा कि आगामी झुंझुनू जिला भ्रमण के दौरान उनके द्वारा किसी भी चयनित ग्राम पंचायत का आकस्मिक निरीक्षण किया जा सकता है।
गुप्ता ने कहा कि गांव की जनता, अधिकारी, कर्मचारी सहित जनप्रतिनिधियों का भी प्रथम दायित्व है कि हमारा क्षेत्र स्वच्छ और सुंदर बने तथा गांव के अंतिम छोर तक स्वच्छता पहुंचे। उन्होंने कार्यशाला में उपस्थित सरपंच को भी यह आह्वान किया कि आपको आपके गांव का मुखिया बनने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है और गांव की जनता के प्रतिनिधि होने के नाते हमारा एक नैतिक दायित्व यह भी बनता है कि हमारा गांव स्वच्छ और सुंदर बने जिससे वहां निवासरत लोग भी बीमारी मुक्त रहेंगे तथा गांव में आर्थिक संपन्नता और खुशहाली रहेगी। चुनाव के समय हम प्रत्येक मतदाता तक पहुंचाते हैं और अपनी बात रखते हैं तथा विभिन्न प्रचार सामग्री पर भी राशि खर्च करते हैं लेकिन, यदि सरपंच स्वच्छ भारत मिशन में पूरी लगन और ईमानदारी के साथ में कार्य करें तथा राजस्थान सरकार और भारत सरकार द्वारा समय-समय पर जो फंड जारी किए जाते हैं उसके लिए उपयोगिता प्रमाण पत्र जारी करते हुए भविष्य के लिए भी फंड बुक कराते हुए गांव को स्वच्छ बनाने में कार्य करें तो उसे जनप्रतिनिधि को मत देने के लिए और जीताने के लिए जनता स्वयं प्रचार करती है।
गुप्ता ने कहा कि स्वच्छ भारत मिशन एक राष्ट्रीय अभियान है लेकिन हमारे प्रदेश राजस्थान में इसके तहत कार्य बहुत धीमी गति से चल रहा है। जो कि चिंताजनक विषय है और राजस्थान में विभिन्न पंचायत में यह भी देखा गया है कि इससे जुड़े हुए किसी भी घटक पर कार्य प्रारंभ ही नहीं किए गए हैं। गुप्ता ने कहा कि राज्य के यशस्वी मुख्यमंत्री श्री भजन लाल शर्मा एवं मंत्री महोदय श्री मदन दिलावर जी का स्वच्छ भारत मिशन के प्रति एक विजन है और इसको साकार करना समस्त जनप्रतिनिधियों, अधिकारियों और कर्मचारियों का दायित्व है। दोनों ही सरकार इस विषय पर बहुत गंभीरता के साथ कार्य कर रही हैं जिसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही और कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने कहा कि स्वच्छ भारत मिशन के कार्यों की देश की स्थिति राजस्थान के यशस्वी मुख्यमंत्री श्री भजन लाल शर्मा जी एवं पंचायती राज मंत्री श्री मदन दिलावर जी द्वारा स्वयं सघन निगरानी की जा रही है। उन्होंने कहा कि स्वच्छता का विषय प्रत्येक जनमानस के साथ जुड़ा हुआ है और हमारे प्रदेश का प्रत्येक गांव स्वच्छ और सुंदर रहेगा तो वहां निवास करने वाले लोग भी स्वस्थ रहेंगे इसके साथ ही एक स्वच्छ और स्वस्थ वातावरण के साथ हमारे ग्रामीण अंचल भी सुदृढ़ होंगे जिससे वहां की आर्थिक व्यवस्था भी मजबूत बनेगी और हमारे गांव क्षेत्र भी विकसित श्रेणी में आ सकेंगे। स्वच्छता पर्यावरण के साथ भी जुड़ी हुई है इसलिए स्वच्छता अभियान में पर्यावरण और वातावरण का भी विशेष ध्यान रखते हुए बड़े स्तर पर वृक्षारोपण किया जाना चाहिए।
गुप्ता ने कहा कि स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण के तहत एक प्रमुख घटक यह भी है कि गांव के प्रवेश स्थान पर कचरा पड़ा रहता है जो कि गांव के प्रत्येक घर से निकला हुआ रहता है, उसका उचित निस्तारण किया जाना चाहिए। इसे लेगसी वेस्ट मैनेजमेंट भी कहा जाता है। इसके लिए वैज्ञानिक पद्धति अपनाते हुए तकनीकी अधिकारियों द्वारा मापदंड बनाए गए हैं। पुराने कचरा में अधिकतर सामग्री समय के साथ में जमीन में ही निस्तारित हो जाती है लेकिन उसमें शामिल प्लास्टिक कभी खत्म नहीं होता है। ग्राम पंचायत सरपंचों को अपने-अपने गांव में प्लास्टिक रोकथाम और उन्मूलन के प्रति जन जागरूकता फैलानी होगी। गांव के दुकानदारों को भी यह समझना होगा कि पुनः उपयोग में नहीं ले सकने वाले प्लास्टिक कैरी बैग में वे ग्राहक को समान नहीं दे और ग्राहक भी अपने साथ में घर से ही कपड़े की बनी हुई थैली का उपयोग करें।
गुप्ता ने बताया कि चयनित ग्राम पंचायत में आरआरसी (रिसोर्स रिकवरी सेंटर) प्लांट, गीला और सूखा कचरा नियत समय पर अलग-अलग करके एकत्र करना, कंपोस्ट पीट बनाना, कचरे का सेग्रीगेशन करना, ग्रेव वॉटर ट्रीटमेंट, तालाब के अंदर गंदे पानी के जाने पर रोकथाम, पंचायत में बाग बगीचे और ओपन जिम तथा झूले लगाए जाना, सामुदायिक शौचालय का निर्माण, ब्लैक वाटर का ट्रीटमेंट, प्लास्टिक घर बनाना, बायोगैस प्लांट, सार्वजनिक दीवारों पर पेंटिंग, नारा लेखन आदि करना, पंचायत के प्रवेश पर प्रदेश के माननीय मुख्यमंत्री और मंत्रीजी का फोटो सहित होर्डिंग लगाना, कचरा यार्ड की नियमित रूप से सफाई और लिगेसी वेस्ट का निस्तारण करना, पुरानी टूटी हुई सडक़ और नाली की मरम्मत करने सहित गांव में महिला स्वरोजगार को बढ़ावा देने के लिए प्रत्येक पंचायत में 10 सिलाई मशीन उपलब्ध कराना, पंचायत में पुस्तकालय, आरो मशीन प्लांट, पंचायत में स्थित होटल में साफ सफाई की विशेष निगरानी सहित सौर ऊर्जा प्लांट लगाना और वातावरण में फैले हुए प्रदूषण को नियंत्रित करने सहित आदि घटक पर कार्य किया जाएगा।
गुप्ता ने कहा कि स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण भारत सरकार की एक महत्वपूर्ण योजना है। इसका लक्ष्य है कि हमारा देश के सुदूर क्षेत्र तक गांव-गांव और ढाणी - ढाणी तक स्वच्छता पहुंचने चाहिए। स्वच्छ भारत मिशन में सिर्फ सफाई करना ही नहीं है बल्कि इसके साथ और भी प्रमुख घटक है जैसे कि जल संरक्षण, पर्यावरण संरक्षण, घर-घर से कचरा एकत्र करना, नालियों की साफ सफाई, लेगेसी वेस्ट का निस्तारण, बायोगैस प्लांट लगाना, आरआरसी प्लांट, प्लास्टिक रोकथाम है। उन्होंने यह भी कहा कि हमारे क्षेत्र में प्रायः देखा जा रहा है कि प्लास्टिक की थैलियां का उपयोग बहुत हो रहा है जो कि कचरे के साथ में यदि जल रहा है तो आसपास के वातावरण को भी प्रदूषित करता है इसके साथ ही गौ माता द्वारा यदि प्लास्टिक खा लिया जाता है तो वह गौ माता की मृत्यु का कारण भी बनता है। प्लास्टिक की रोकथाम के लिए गांव वासियों को जागरूक करना होगा और प्लास्टिक को हमारे घर में ही एकत्र करना होगा। इसके पश्चात प्रत्येक घर के लिए प्लास्टिक संग्रहण करने के लिए एक बैग दिया जाएगा जिसे "प्लास्टिक घर" कहा जाता है। उसी में विभिन्न प्रकार का प्लास्टिक एकत्र करके प्रति माह ग्राम पंचायत द्वारा एक प्लास्टिक एकत्रित करने वाला व्यक्ति आकर वजन कर लेगा तथा बदले में कुछ राशि भी दी जाएगी।
गुप्ता ने कहा कि, स्वच्छ भारत मिशन के तहत एक और महत्वपूर्ण घटक है कि प्रत्येक घर से प्रतिदिन कचरा वाहन के माध्यम से एकत्र होना चाहिए। कचरा एकत्र करने वाला वाहन भी प्रतिदिन एक निश्चित समय पर पहुंचना चाहिए और घर के समस्त कचरे को दो प्रकार के पात्र में रखा जाए। जिसमें एक में सूखा कचरा और एक में गीला कचरा रहेगा। इसके पश्चात गांव में ही बने हुए कचरा सेग्रीगेशन प्लांट पर इसकी वैज्ञानिक पद्धति द्वारा निस्तारण की कार्यवाही की जाएगी। लेगेसी वेस्ट को भी उचित तरीके से निस्तारित किया जाएगा और जो गीला कचरा होता है उसकी खाद भी बनाई जा सकती है और इस खाद को गांववासी और किसान वर्ग अपने खेत या बाड़े में उपयोग में भी ले सकते हैं अथवा ग्राम पंचायत द्वारा इसको बेचकर राजस्व भी प्राप्त किया जा सकता है और अपनी निजी आय मद में वृद्धि की जा सकती है।
गुप्ता ने कहा कि जब तक जनभागीदारी नहीं जुड़े तब तक ना तो शहर स्वच्छ हो सकते हैं ना ही ग्राम स्वच्छ हो सकते हैं और ना ही हमारे धार्मिक स्थान स्वच्छ हो सकते हैं। स्वच्छता ही सेवा है। हमारे देश के लिए, हमारे जीवन में स्वच्छता की बहुत जरूरत है। गंदगी हमारे आसपास के वातावरण और जीवन को प्रभावित करती है। हमें व्यक्तिगत व आसपास भी सफाई अवश्य रखनी चाहिए और दूसरों को भी इसके लिए प्रेरित करना चाहिए। कोरोना काल में रोगियों की बढ़ती संख्या एवं अस्पतालों में साफ-सफाई को ध्यान देने की आवश्यकता से यह बात और भी स्पष्ट हो गई है कि जीवन में स्वच्छता की कितनी जरूरत है। जीवन में स्वच्छता से तात्पर्य स्वस्थ होने की अवस्था से भी है। स्वच्छता एक अच्छी आदत है जो हमारे जीवन की गुणवत्ता को बढ़ाती है। यह हमारे जीवन का एक महत्वपूर्ण अंग है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के स्वच्छ भारत अभियान के उद्देश्य को पूरा करने के लिये एक बड़ा कदम हो सकता है हर भारतीय नागरिक का एक छोटा सा कदम। रोजमर्रा के जीवन में हमें अपने बच्चों को साफ-सफाई के महत्व और इसके उद्देश्य को सिखाना चाहिये। अच्छा स्वास्थ्य किसी के जीवन को बेहतर बना सकता है और वह हमें बेहतर तरीके से सोचने और समझने की ताकत प्रदान करता है और अच्छे स्वास्थ्य का मूल मंत्र स्वच्छता है। स्वच्छता को यदि आजादी से भी बड़ी लड़ाई कहा जाए तो भी कोई अतिशयोक्ति नहीं है।
उन्होने कहा कि स्वस्थ रहने के लिए स्वच्छता आवश्यक है तथा अगर हम हमारी उम्र को बढ़ाना चाहते हैं। तो स्वच्छ वातावरण में रहना आवश्यक है। यह जरूरी नहीं है कि हम कचरा ना फैलाएं परंतु यह जरूरी है कि हमारे सामने कोई भी दूसरा व्यक्ति भी कचरा ना फैलाएं। अगर हम सभी यह निर्णय कर ले तो यह देश निश्चित रूप से स्वच्छ बनेगा स्वस्थ बनेगा यह धरती माता जिसे गंदा करने का अधिकार किसी को नहीं है। धरती माता को स्वच्छ रखने का काम हम सबको मिलकर करना चाहिए। उन्होने कहा कि आज हम सब के लिए गर्व की बात है कि हमारा देश बदल रहा है हमारा देश आगे बढ़ रहा है। इसमें देश के 141 करोड लोगों की अहम भूमिका है। स्वच्छता आजादी से भी बड़ी लड़ाई है। स्वच्छता की तासीर बताते हुए उन्होने कहा कि आज हम देख रहे हैं कि हमार देश की 60 प्रतिशत जनसंख्या खुले में शौच करने जाती थी खुले में शौच के लिए एक महत्वपूर्ण बदलाव आया है। देश मे 10 करोड़ शौचालय भारत सरकार तथा राज्य सरकार के बजट से निर्माण करा कर खुले में शौच जाने को बंद करवाया जिससे पूरा देश खुले में शौच मुक्त देश बना। जब कोरोना पूरे देश में छाया हुआ था आमजन भयभीत था लॉकडाउन लगा हुआ था अगर हम सोचे हैं ऐसे में जिस घर में अगर शौचालय नहीं होता उन घरों में माताओं बहनों की क्या हालत होती है? यह देश के लिए एक सुखद निर्णय था आज स्वच्छता की ताकत की अगर बात करें तो हम सब जानते हैं की गंदगी के अंदर पनपने वाले कीटाणुओं से फैलने वाली बीमारियां जो खेलने वाली बीमारियां जानलेवा होती है। राष्ट्रीय सर्व के अनुसार वर्ष 2014 में स्वच्छ भारत मिशन के पूर्व में हमारे देश में लगभग 25 लाख लोग प्रतिवर्ष गंदगी से होने वाली बीमारियों के कारण काल का ग्रास बन रहे थे। मलेरिया, टाइफाइड, डेंगू, बुखार, उल्टी - दस्त जैसी बीमारियां गंदगी की वजह से होती है आदमी और स्वस्थ होता है हॉस्पिटल जाता है दवाइयों में पैसा खर्च करता है। उन सब से छुटकारा पाने के लिए शत-शत आवश्यक है और यह स्वच्छता घर में माता और बहनों के समर्पण से ही संभव है।
