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वेक्सीनेशन सेन्टर का किया निरीक्षण /इगानप ः पीने हेतु पानी चलाये जाने का कार्यक्रम निर्धारित

वेक्सीनेशन सेन्टर का किया निरीक्षण

चूरू, 10 जून। जिला कलक्टर साँवर मल वर्मा के निर्देशानुसार मुख्य कार्यकारी अधिकारी सत्तार खान एवं अतिरिक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ.नरेन्द्र चौधरी ने गुरुवार को चूरू शहर के वार्ड संख्या 8 में संचालित वेक्सीनेशन सेन्टर का निरीक्षण किया।

मुख्य कार्यकारी अधिकारी खान ने बताया कि वैक्सीनेशन सेन्टर पर गुरुवार को 200 वैक्सीन डोज लगाने का लक्ष्य था जिसके तहत दोपहर तक 152 व्यक्तियों का टीकाकरण किया गया। उन्होंने वार्डवासियों को वैक्सीन की महता बताते हुए कहा कि संक्रमण की चैन तोड़ने के लिए अधिकाधिक लोगों का टीकाकरण आवश्यक है। एसीईओ डॉ. चौधरी ने लोगों से कहा कि तीसरी लहर के दौरान एकदम निश्चिंत होना है तो अपना व अपने आसपास सभी का वैक्सीनेशन करवाए। प्रत्येक व्यक्ति अपना वैक्सीनेशन करवाए तथा दूसरे लोगों की मदद करे ताकि सभी का वैक्सीनेशन हो सके। उन्होंने स्वास्थ्य कर्मियों को निर्देश दिये कि वैक्सीनेशन के दौरान कोई भी डोज खराब न हो तथा 10 व्यक्तियों की उपस्थिति होने पर ही नई वाइल खोली जाए। इस अवसर पर  जमील चौहान, जावेद खान आदि उपस्थित थे।

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इगानप ः पीने हेतु पानी चलाये जाने का कार्यक्रम निर्धारित

चूरू, 10 जून। जिले में इन्दिरा गांधी नहर परियोजना क्षेत्र में 11 जून को प्रातः 6 बजे से 20 जून को प्रातः 6 बजे तक अनिवार्य आवश्यकता एवं लोसेस के उपरांत उपलब्ध पानी को पीने हेतु चलाये जाने का कार्यक्रम अनुमोदित किया गया है।

संभागीय आयुक्त (बीकानेर) भंवर लाल मेहरा ने बताया कि इन्दिरा गांधी नहर परियोजना के चक्रीय कार्यक्रम में इन्दिरा गांधी फीडर एवं इन्दिरा गांधी मुख्य नहर में 1100 क्यूसेक सीपेज लोस का प्रावधान है। अतः अनिवार्य आवश्यकता 1080 क्यूसेक पानी की आपूर्ति के पश्चात् लगभग 2810 क्यूसेक पानी सीपेज लोस सहित सभी नहरों में पीने हेतु चलाये जाने के लिए उपलब्ध हो सकेगा।

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बाढ नियंत्रण कक्ष व ईओसी की स्थापना

चूरू, 10 जून। जिले में बाढ/ अतिवृष्टि की संभावना के दृष्टिगत सूचना प्राप्त करने एवं जन साधारण को तत्काल राहत प्रदान करने हेतु 15 जून से आगामी आदेश तक अतिरिक्त प्रशासनिक अधिकारी, कलक्ट्रेट कक्ष, चूरू में बाढ नियंत्रण कक्ष एवं ईओसी की स्थापना की गई है।

जिला कलक्टर साँवर मल वर्मा द्वारा जारी आदेशानुसार बाढ नियंत्रण कक्ष एवं ईओसी के दूरभाष नम्बर 01562-251322 एवं टोल फ्री नम्बर 1077 है। नियंत्रण कक्ष के समग्र प्रभारी अधिकारी अतिरिक्त जिला कलक्टर चूरू पी आर मीना (250918 व 250536), प्रभारी अधिकारी मुख्य आयोजना अधिकारी (9829243263) एवं सहायक प्रभारी (बाढ नियंत्रण) तहसीलदार चूरू (250930) है। आपातकालीन सूचनाओं के संबंध में जिला कलक्टर व जिला मजिस्ट्रेट (01562 - 250806 व 250805) पर सम्पर्क किया जा सकता है।

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मुख्य फेसिलिटेटर नियुक्त

चूरू, 10 जून। जिले में ऎसे अयोग्य अति संवेदनशील लाभार्थी/ समूहों, जिनके पास पहचान पत्र नहीं है, उनका कोविन सॉफ्टवेयर के माध्यम से निर्धारित पहचान पत्र के बिना कोविड-19 टीकाकरण करने बाबत मानक संचालन प्रक्रिया जारी की गई है।

जिला कलक्टर साँवर मल वर्मा द्वारा जारी आदेशानुसार मानक संचालन प्रक्रिया के दिशा-निर्देशानुसार अधिकारियों को मुख्य फेसिलिटेटर बनाया गया है। कैदी वर्ग के लिए जिला जेल चूरू (चूरू, रतनगढ व राजगढ कारागृह) के उप अधीक्षक, घुमन्तु वर्ग के लिए समस्त विकास अधिकारी, भिखारी वर्ग के लिए स्थानीय निकायों के आयुक्त/ अधिशाषी अधिकारी एवं आश्रम/ सुधार गृह वर्ग के लिए सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग चूरू के सहायक निदेशक को मुख्य फेसिलिटेटर बनाया गया है।

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माइक्रो कन्टेनमेंट जोन निरस्त

चूरू, 10 जून। जिला मजिस्ट्रेट साँवर मल वर्मा ने इन्सीडेन्ट कमाण्डर सुजानगढ से प्राप्त प्रस्तावानुसार  सुजानगढ के वार्ड 29 एवं छापर के वार्ड नम्बर 21 व 23 में सभी व्यक्ति कोरोना नेगेटिव होने के कारण पूर्व में घोषित माइक्रो कन्टेनमेंट जोन निरस्त किया है।

इसी प्रकार जिला मजिस्ट्रेट ने इन्सीडेन्ट कमाण्डर सरदारशहर से प्राप्त प्रस्तावानुसार सरदारशहर तहसील क्षेत्र के ग्राम ढाणी पांचेरा (वार्ड नम्बर 9), ग्राम पाटमदेसर, सरदारशहर के वार्ड 16 व 21 में सभी व्यक्तियों के कोरोना नेगेटिव आने के कारण पूर्व में घोषित कन्टेनमेंट जोन को निरस्त किया गया है।

राज्य सरकार की मंशा है कि प्रदेश के हर जिले में पशु विज्ञान केंद्र खुलें

राज्यपाल मिश्र एवं मुख्यमंत्री गहलोत ने किया रतनगढ़ के पशु विज्ञान केंद्र भवन का ऑनलाइन लोकार्पण

चूरू, 10 जून।  राज्यपाल कलराज मिश्र एवं मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने गुरुवार को रतनगढ़ के पशु विज्ञान केंद्र सहित कृषि विवि जोधपुर और पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान विवि बीकानेर के विभिन्न भवनों का लोर्कापण एवं शिलान्यास किया। इस मौके पर कलक्ट्रेट स्थित राजीव गांधी सेवा केंद्र में जिला कलक्टर साँवर मल वर्मा, पशपालन विभाग के संयुक्त निदेशक डॉ धनपत सिंह, कृषि उपनिदेशक दीपक कपिला, पशु विज्ञान केंद्र प्रभारी डॉ अशोक कुमार, सहायक निदेशक (जनसंपर्क) कुमार अजय, पशुपालन विभाग के सहायक निदेशक डॉ निरजंन चिरानियां, एसीपी मनोज गर्वा, डॉ सुशील कुमार, डॉ विनय कुमार आदि मौजूद थे।

कार्यक्रम के दौरान राज्यपाल मिश्र ने प्रदेश में कृषि, पशुपालन और डेयरी उत्पादों के लिए प्रभावी विपणन नीति बनाने पर बल दिया ताकि ये उत्पाद वैश्विक बाजार में अपनी जगह बना सकें। राज्यपाल मिश्र ने कृषि और पशुपालन को राज्य के विकास का मुख्य आधार बताते हुए कहा कि विज्ञान और तकनीक के क्षेत्र में हुए आधुनिक विकास का लाभ किसान और पशुपालकों को मिलना चाहिए। उन्होंने कहा कि आज भी ग्रामीण क्षेत्रों में निवास कर रही बड़ी आबादी की आजीविका का मुख्य आधार कृषि और पशुपालन ही है। उन्होंने कहा कि पश्चिमी राजस्थान में विषम भौगोलिक परिस्थितियों को देखते हुए खेती के अलावा किसान अनुपूरक आय के लिए पशुपालन पर निर्भर हैं, ऎसे में पशुधन के बेहतर प्रबन्धन के साथ पशुधन संरक्षण के क्षेत्र में हो रहे नवाचारों के डॉक्यूमेंटेशन की जरूरत है। उन्होंने पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान विवि बीकानेर को स्थान विशेष की विशेषताओं पर आधारित उत्पादों के प्रोत्साहन और विपणन के लिए कार्ययोजना बनाने का सुझाव दिया।

राज्यपाल मिश्र ने कृषि विवि जोधपुर को मरुक्षेत्र की भौगोलिक परिस्थिति और जैव विविधता को ध्यान में रखते हुए भविष्य की चुनौतियों से निपटने हेतु अनुसंधान करने का सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि फसलों की ऎसी किस्में भी विकसित की जानी चाहिए जो प्राकृतिक आपदाओं और सूखे को सहन कर सकें। उन्होंने कहा कि वैश्विक स्तर पर फसल उत्पादन, बीज गुणवत्ता और भूमि की उर्वरा शक्ति को बढ़ाने के लिए हो रहे प्रयासों का लाभ स्थानीय किसानों और पशुपालकों को अधिकाधिक मिलना चाहिए।

र्कायक्रम में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि कोराना संक्रमण के इस दौर में जब देश की अर्थव्यवस्था धीमी गति से आगे बढ़ रही है, राजस्थान की जीडीपी में कृषि क्षेत्र का 14 प्रतिशत एवं पशुपालन सेक्टर का 12.5 प्रतिशत योगदान है। राज्य सरकार का प्रयास है कि कृषि एवं पशुपालन क्षेत्र का विस्तार तेज गति से हो। इन दोनों सेक्टर को बढ़ावा देने के लिए पिछले तीन बजट में राज्य सरकार ने एक से बढ़कर एक फैसले लिए हैं। इनमें आगामी वित्तीय वर्ष से कृषि का अलग बजट तथा कृषक कल्याण कोष में 2 हजार करोड़ रूपए का प्रावधान शामिल है। पशुपालकों को दूध पर 2 रुपये प्रति लीटर बोनस दिया जा रहा है।

गहलोत ने कहा कि वर्तमान में राज्य सरकार का प्रयास है कि प्रदेश के हर गांव में डेयरी का विस्तार हो। इससे पशुपालकों को लाभ मिलेगा और डेयरी के बूथ खुलेंगे तो लोगों को रोजगार मिलेगा। उन्होंने प्रदेश में विभिन्न स्थानों पर पशु विज्ञान केन्द्र खोलने पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि राज्य सरकार की मंशा है कि प्रदेश के हर जिले में यह केन्द्र खुले। उन्होंने कहा कि प्रदेश में एम्स, आईआईटी, विधि विश्वविद्यालय, निफ्ट तथा कृषि एवं पशु विज्ञान के विश्वविद्यालय खुलने से यहां के छात्रों में आत्मविश्वास बढ़ा है और प्रशिक्षित मैनपावर उपलब्ध होने में आसानी हुई है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना की जंग में प्रदेश में सभी का सहयोग मिला है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में संक्रमण की दर काफी कम होने के बाद लॉकडाउन 2.0 में कई तरह की ढील दी गई हैं। उन्होंने चेताया कि लोगों ने मास्क लगाने, दूरी रखने एवं भीड़-भाड़ एकत्र नहीं करने जैसे हैल्थ प्रोटोकॉल का पालन नहीं किया तो संक्रमण फिर से बढ़ सकता है। उन्होंने आमजन से अपील की कि वे सतर्क रहें एवं हैल्थ प्रोटोकॉल की पूरी पालना करें।

गहलोत ने कहा कि राज्यपाल मिश्र ने अपने कार्यक्रमों में संविधान की उद्देश्यिका और मूल र्कतव्यों के वाचन की पहल की है। नागरिकों को संविधान की मूल भावना के प्रति जागरुक बनाने की दिशा में उनकी यह पहल अनुकरणीय है।

कृषि एवं पशुपालन मंत्री लालचंद कटारिया ने कहा कि देश की जीडीपी में कृषि और पशुपालन क्षेत्र का महत्वपूर्ण योगदान है, इसे देखते हुए सरकार प्रदेश में कृषि क्षेत्र में नवाचारों को प्रोत्साहन दे रही है। उन्होंने कहा कि पश्चिमी राजस्थान में जल की कमी को देखते हुए कृषि विश्वविद्यालय खेती-किसानी के लिए जल संरक्षण के तरीकों पर भी कार्य कर रहे हैं। कृषि एवं पशुपालन राज्यमंत्री भजनलाल जाटव ने कहा कि कोरोना काल में किसानों और पशुपालकों की समस्याओं के निदान तथा उनके कल्याण के लिए राज्य सरकार ने लगातार प्रयास किए हैं।

कार्यक्रम के दौरान कृषि विश्वविद्यालय जोधपुर के प्रशासनिक भवन एवं कृषि महाविद्यालय, नागौर के नवर्निमित भवन का लोकार्पण तथा पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान विश्वविद्यालय, बीकानेर के जोधपुर में नवीन पशुचिकित्सा एवं पशु विज्ञान महाविद्यालय भवन का शिलान्यास तथा जोधपुर, अविकानगर (टोंक), रतनगढ़ (चूरू), डूंगरपुर और झुंझुनूं के पशु विज्ञान केन्द्रों के नवीन भवनों का ऑनलाइन लोर्कापण किया गया।