5 दिन हुए पर सीएम सलाहकाराें काे ऑफिस नहीं मिला:संसद कानून बदले तभी संभव है संसदीय सचिवों की नियुक्ति और सीएम के सलाहकारों को मंत्री का दर्जा
3 विशेषज्ञों से एक सवाल- कितनी संवैधानिक हैं सरकार की यह नियुक्तियां?
- जस्टिस पानाचंद जैन के अनुसार सीएम सलाहकाराें काे मंत्री का दर्जा या संसदीय सचिवों की नियुक्ति असंवैधानिक है। क्योंकि, 15% से अधिक काे मंत्री का दर्जा मिलना ऑफिस ऑफ प्राॅफिट के कानून में आएगा और ऐसा हुआ ताे कानून का उल्लंघन होगा। केजरीवाल सरकार भी ऐसी नियुक्तियां नहीं कर सकी थी।
- एडवाे. दीपेश ओसवाल 2017 से स्टेट ऑफ राजस्थान लड़ रहे हैं। उन्होंने बताया, संसदीय सचिवों की नियुक्ति अनुच्छेद 164 ए का उल्लंघन है। राज्य सरकार के पास कानून बनाने की शक्ति है, पर उसकी एक सीमा है और संसदीय सचिव की नियुक्ति या इस पद काे राज्यमंत्री का दर्जा देना उसके अधिकार क्षेत्र से बाहर है।
- हैदराबाद लाॅ यूनिवर्सिटी के कुलपति प्राे. फैजान मुस्तफा के अनुसार सरकाराें ने संसदीय सचिवों की नियुक्ति अपनी स्थिरता कायम रखने को इस्तेमाल की। उन्हें राज्यमंत्री का दर्जा तक दिया। पर ऐसा संभव नहीं। 15% काे मंत्री बनाने का कानून खर्च कटौती के लिए आया। सिर्फ संसद ही इस कानून में बदलाव कर सकती है।
इधर, सीएम के कुछ सलाहकार अभी से खुद को घोषित कर चुके हैं कैबिनेट मंत्री
सवाईमाधोपुर विधायक दानिश अबरार उन 6 विधायकों में से एक हैं जो सीएम सलाहकार बने हैं। नियुक्तियों को 5 दिन हो गए, पर किसी सलाहकार को न तो काम बंटा है और न दफ्तर। फिर भी अबरार एक अभिनंदन कार्यक्रम के बैनर पर कैबिनेट मंत्री की तरह प्रचारित हुए। अबरार ने इस बैनर को हटवाया भी नहीं।
कागजों में कॉलोनी बसाकर ठगने वाले गिरफ्तार:खुद के पास कोई जमीन नहीं फिर भी हाउसिंग योजना का नक्शा बनाकर बेच डाला प्लॉट
डीसीपी (नार्थ) परिस देशमुख ने बताया कि गिरफ्तार आरोपी दीपक शर्मा (30) सीकर जिले में अजीतगढ़ का रहने वाला है। जयपुर में राजेंद्र विहार हरमाड़ा में रहता है। दूसरा आरोपी विकास चौधरी (31) निवासी ढाणी सिस्यसवाली तहसील नीमकाथाना, सीकर है। जो कि जयपुर में आर्य नगर, मुरलीपुरा में रहता है। इनके खिलाफ अशोक नगर व मुरलीपुरा थाने में ठगी के केस दर्ज है। इनके खिलाफ गौरव सोनी ने जनवरी 2021 में एक रिपोर्ट दर्ज करवाई थी।
जिसमें बताया कि कुछ महीने पहले उसकी मुलाकात दीपक शर्मा और विकास चौधरी से हुई। जिन्होंने खुद को बिल्डर बताते हुए आवासीय योजना के बारे में बताया। उसके नक्शे और फर्जी कागजात भी दिखाए। फिर एक प्लॉट बेचने का सौदा कर लाखों रुपए हड़प लिए और ऑफिस बंद कर फरार हो गए।
पीड़ित कब्जा लेने के लिए बताई गई साइट पर पहुंचा तो पता चला कि वहां कोई आवासीय योजना नहीं है। ना आरोपियों के पास कोई जमीन है और नाहीं कोई प्लॉट। तब पीड़ित ने केस दर्ज करवाया। इसके बाद पुलिस ने 11 महीने से फरार आरोपियों की तलाश में दबिश दी। उनको सायबर सेल की मदद से गिरफ्तार कर लिया।
कोविड-19 की वर्तमान स्थिति की समीक्षा
वैक्सीनेशन में राजस्थान को बनाएं माॅडल स्टेट
दोनों डोज लगवाने के लिए आमजन को करें जागरूक
-मुख्यमंत्री
जयपुर, 28 नवम्बर। मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने कहा कि जिन लोगों ने कोविड वैक्सीन की दूसरी डोज अभी तक नहीं लगवाई है, उन्हें अभियान चलाकर जागरूक किया जाए ताकि वैक्सीनेशन से कोरोना संक्रमण के खतरे को न्यूनतम किया जा सके। उन्होंने कहा कि जिला कलक्टर, सीएमएचओ एवं अन्य अधिकारी यह सुनिश्चित करें कि उनके जिलों में अधिकाधिक लोगों को दूसरा डोज भी समय पर लग जाए, ताकि संक्रमण की गंभीर स्थिति से बचाव हो सके। उन्होंने कहा कि वैक्सीनेशन में राजस्थान को माॅडल स्टेट बनाएं और जिन लोगों के वैक्सीन नहीं लगी है, उन सभी को वैक्सीन लगाई जाए।
श्री गहलोत शनिवार को वीसी के माध्यम से कोविड-19 की वर्तमान स्थिति की समीक्षा कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि जो लोग वैक्सीन नहीं लगवा रहे हैं, उन्हें यह समझना चाहिए कि उनकी लापरवाही से दूसरों को संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है। उन्होंने कहा कि प्रदेशभर में अभियान चलाकर लोगों को वैक्सीनेशन के लिए प्रेरित किया जाए। गैप पूरा होने के बाद भी जिन्होंने दूसरी डोज नहीं लगवाई है, वे अनिवार्य रूप से दूसरी डोज लगवा लें। मुख्यमंत्री को अधिकारियों ने बताया कि प्रदेश में 3 नवम्बर से 30 नवम्बर, 2021 तक चलने वाले ‘हर घर दस्तक’ अभियान के तहत घर-घर जाकर कोविड टीकाकरण की पहली एवं दूसरी डोज से वंचित लोगों की पहचान कर वैक्सीनेशन किया जा रहा है। अभियान में 26 नवम्बर तक 21 लाख 6 हजार से अधिक लोगों का वैक्सीनेशन किया गया है।
श्री गहलोत ने कहा कि कोरोना की पहली और दूसरी लहर के दौरान लोगों ने मास्क लगाने, सोशल डिस्टेंसिंग सहित अन्य एहतियात बरती लेकिन पिछले कुछ समय से कोविड प्रोटोकाॅल की पालना को लेकर लोग लापरवाह हो रहे हैं। विश्व के कई देशों में कोरोना संक्रमण फिर से खतरनाक स्थिति में है। रूस में अस्पतालों में बैड नहीं मिल रहे हैं और जर्मनी में हाल ही में काफी लोगों की कोरोना से मौत हो चुकी है। ऐसे में, यहां भी हमें काफी सावधानी बरतने की आवश्यकता है। उन्होंने आयोजनों एवं अन्य भीड़-भाड़ वाली जगहों पर मास्क लगाने की पालना सुनिश्चित करने को कहा।
मुख्यमंत्री ने दक्षिण अफ्रिका, बोत्स्वाना सहित कुछ देशों में फैले कोविड के नए वेरियंट ‘ओमीक्राॅन’ का जिक्र करते हुए कहा कि यह वेरियंट काफी तेजी से फैल रहा है एवं विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इसे वेरियंट आॅफ कंसर्न माना है। इसी देखते हुए चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह अलर्ट पर रहते हुए आवश्यक तैयारियां रखे। उन्होंने वैक्सीनेशन की गति बढ़ाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जिन लोगों को वैक्सीन के दोनों डोज लग चुके हैं और इम्यूनिटी कमजोर है, उनको बूस्टर डोज लगाने की अनुमति के लिए केन्द्र सरकार से लगातार मांग की जा रही है। इस सम्बन्ध में उन्होंने पिछले दिनों प्रधानमंत्री को लिखे पत्र का भी जिक्र किया।
श्री गहलोत ने कहा कि कोरोना के दौरान विधवा हुई महिलाओं, अनाथ बच्चों एवं कोरोना के दौरान ड्यूटी पर रहते हुए संक्रमण से जान गंवाने वाले सरकारी कर्मचारियों, संविदाकर्मियों के साथ ही पत्रकारों के लिए राज्य सरकार ने पैकेज घोषित किया था। जिला कलक्टर ऐसे मामलों की पर्याप्त माॅनिटरिंग करते हुए संवेदनशील तरीके से पात्र लोगों को समय पर पैकेज का लाभ पहुंचाने को प्राथमिकता दें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हैल्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर को मजबूत बनाना राज्य सरकार की प्राथमिकता में है। कोविड संक्रमण की पहली एवं दूसरी लहर में राज्य सरकार ने सभी के सहयोग से शानदार प्रबंधन करते हुए संसाधनों एवं धनराशि की कोई कमी नहीं आने दी थी। इस बार भी किसी भी संभावित स्थिति से निपटने के लिए कोई कमी नहीं रखी जाएगी। उन्होंने डेंगू के बारे में विशेषज्ञ चिकित्सकों से विस्तृत जानकारी ली और इसकी रोकथाम के लिए और अधिक प्रयास करने को कहा।
बैठक में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री श्री परसादी लाल मीणा ने विभाग के अधिकारियों को वैक्सीनेशन को लेकर मिशन मोड पर कार्य करने तथा प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पर मरीजों को समय पर इलाज उपलब्ध कराने के निर्देश दिए ताकि मरीज की स्थिति गंभीर होने से रोकी जा सके।
शासन सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य श्री वैभव गालरिया ने कोविड-19 के वर्तमान परिदृश्य पर प्रस्तुतीकरण दिया। उन्होंने बताया कि राजस्थान में अभी 174 एक्टिव केसेज हैं, इनमें से सर्वाधिक 100 केस जयपुर में हैं। उन्होंने बताया कि 26 नवम्बर तक प्रदेश में कुल 6.69 करोड़ वैक्सीन लगाई जा चुकी हैं। इनमें 4.32 करोड़ पहली डोज जबकि 2.36 करोड़ दूसरी डोज लग चुकी है। उन्होंने बताया कि 84.1 प्रतिशत लोगों को पहला जबकि 54.7 प्रतिशत लोगों को दूसरा टीका लग चुका है। राष्ट्रीय स्तर पर पहली डोज लेने वालों की संख्या 83.16 प्रतिशत जबकि दूसरी डोज लेने वालों की संख्या 46.1 प्रतिशत है। राजस्थान दोनों में राष्ट्रीय औसत से आगे है।
अधिकारियों ने बताया कि प्रदेश में सार्वजनिक स्थानों पर कोविड उपयुक्त व्यवहार की पालना के साथ ही टेस्टिंग, टेªकिंग एण्ड ट्रीटमेंट पर फोकस किया जा रहा है। जिन्होंने पहला डोज नहीं लगवाया है, उन्हें टीकाकरण के लिए प्रेरित किया जा रहा है।
बैठक में, विशेषज्ञ चिकित्सकों ने नए वेरियंट ‘ओमीक्राॅन’ को काफी खतरनाक एवं घातक बताया और कहा कि इसका म्यूटेशन डेल्टा से अधिक है और यह जल्दी ट्रांसमिट हो रहा है। विशेषज्ञों ने कहा कि भारत में इसका संक्रमण फैला तो खतरा काफी बढ़ जाएगा। उनका कहना था कि जिन लोगों के वैक्सीन की दोनो डोज लग चुकी हैं, उनके संक्रमित होने पर भी जान जाने का खतरा कम है। विशेषज्ञों ने कोविड उपयुक्त व्यवहार की अनुपालना एवं सभी लोगों को वैक्सीन के दोनों डोज लगाने पर जोर दिया। साथ ही, मेडिकल प्रोफेशनल्स, फ्रंटलाइन वर्कर्स एवं संक्रमण का सीधा खतरा झेल रहे लोगों के लिए बूस्टर डोज की तैयारी रखने की सलाह दी।
इस अवसर पर मुख्य सचिव श्री निरंजन आर्य, पुलिस महानिदेशक श्री एमएल लाठर, प्रमुख शासन सचिव गृह श्री अभय कुमार, प्रमुख शासन सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य श्री अखिल अरोरा, शासन सचिव स्वायŸा शासन श्री भवानी सिंह देथा, निदेशक सूचना एवं जनसम्पर्क श्री पुरूषोत्तम शर्मा, एसएमएस मेडिकल काॅलेज के प्राचार्य डाॅ. सुधीर भण्डारी, एसएमएस के पूर्व अधीक्षक डाॅ. वीरेन्द्र सिंह उपस्थित थे। समस्त जिलों के कलक्टर, एसएमएस के विशेषज्ञ चिकित्सक, जिलों के सीएमएचओ, पीएमओ एवं चिकित्सा विभाग के अन्य अधिकारी वीसी के माध्यम से जुडे़।
परिवहन एवं सड़क सुरक्षा मंत्री के प्रथम दो दिवसीय दौरे में 100 से अधिक जगह स्वागत, झुंझुनूं के ग़ांधी चौक पर हुई सभा
जयपुर, 28 नवंबर। परिवहन एवं सड़क सुरक्षा मंत्री बृजेन्द्र ओला ने कहा कि सड़क सुरक्षा विभाग की सर्वोच्च प्राथमिकता है। इसमें किसी भी तरह की कौताही नहीं बरती जाएगी। विभाग द्वारा प्रदेश में 100 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों को प्राइमरी ट्रॉमा सेंटर के रूप में अपग्रेड किया जा रहा है। इसके लिए 24 करोड़ रुपये राशि चिकित्सा विभाग को दे दी गई है। इन ट्रॉमा सेंटर से प्रदेश में सड़क दुर्घटनाओं के घायलों को अपने नजदीक ही तुरंत उपचार मिल सकेगा।ओला परिवहन एवं सड़क सुरक्षा विभाग के मंत्री पद का कार्यभार ग्रहण संभालने के बाद शनिवार को पहले दौरे पर रहे।
सुबह जयपुर सिविल लाइन्स स्थित अपने निवास से रवाना होने पर झुंझुनूं तक 100 से अधिक स्थानों पर विभिन्न सामाजिक संस्थाओं, पदाधिकारियों, जनप्रतिनिधियों और कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने माला, साफा पहनाकर स्वागत किया। इस दौरान लोगों ने मंत्री को स्थानीय समस्याओं से भी अवगत कराया, जिस पर मंत्री ने जल्द ही उनका निस्तारण करने का आश्वाशन दिया। अंत में झुंझुनूं के ग़ांधी चौक पर विशाल जनसभा का आयोजन हुआ। जिसमें उन्होंने परिवहन सेवा को हर गांव से जोड़ने के लिए कहा। अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि, परिवहन विभाग अब परिवहन एवं सड़क सुरक्षा विभाग बन गया है। इसलिए हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता सड़क दुर्घटनाओ को रोकना है।
सीकर सर्किट हाउस में मीडिया से बातचीत करते हुए ओला ने बताया कि विभाग द्वारा अपनी सेवाओं को ऑनलाइन किया जा रहा है, इससे लोगों को अब परिवहन कार्यालय में कम से कम जाना पड़ेगा। विभाग हाल ही में लर्निंग लाइसेंस, गुड्स परमिट, इंटरनेशनल ड्राइविंग लाइसेंस, कर चुकता प्रमाण पत्र‘ (टीसीसी) सहित कई सेवाओं के आवेदन ऑनलाइन किये गए है ओर आगे भी कई नवाचार किये जायेंगे। उन्होंने बताया कि सड़क दुर्घटनाओं में घायलों को तुरंत अस्पताल पहुंचाने वाले गुड सेमेरिटन को मुख्यमंत्री चिरंजीवी जीवन रक्षा योजना के तहत 5 हजार रूपये और प्रमाण पत्र से प्रोत्साहित किया जाएगा। इसके लिए समर्पित सड़क सुरक्षा कोष से राशि जारी की गई है।
उन्होंने बताया कि ई-व्हीकल की खरीद पर स्टेट गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स पुनर्भरण व एकमुश्त अनुदान दिया जा रहा है। इसमें दोपहिया वाहन में 5 हजार, 10 हजार और तिपहिया में 10 से 20 हजार रूपये तक विभिन्न बैटरी क्षमता श्रेणी में अनुदान राशि दी जा रही है। वर्तमान सरकार में राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम के बेडे़े में 875 नई बसें शामिल की गई। हमारी प्राथमिकता यह रहेगी कि सेवानिवृत्त अधिकारियों, कर्मचारियों के परिलाभ उन्हें जल्द से जल्द मिल जाएं। रोडवेज बसें संचालित करना राज्य सरकार का सामाजिक सरोकार है। इसे घाटे से उभारने के लिए प्रयास करेंगे। उन्होंने बताया कि विभाग की और से आदेश जारी कर अभियान के जरिये प्रदेश की एम्बुलेंसों में लाइव व्हीकल ट्रेकिंग सिस्टम लगवाए गए हैं, अब सार्वजनिक परिवहन साधनों में भी लगवाए जाने की योजना है। इससे सभी यात्री वाहनों की निगरानी हो सकेगी।
21 हजार सड़क दुर्घटनाओं की एंट्री
परिवहन मंत्री ओला ने बताया कि इंटीग्रेटेड रोड एक्सीडेंट डेटाबेस ( IRAD ) सॉफ्टवेयर के जरिए प्रदेश में हो रही सड़क दुर्घटनाओं का पूरा डाटा इकट्ठा किया जा रहा है। इसके बाद उनका अध्ययन किया जा रहा है, कारणों का भी पता लगाया जा रहा है। जनवरी 2021 से लेकर अभी तक 21 हजार से अधिक एंट्री की जा चुकी है। ओला ने कहा कि परिवहन एवं सड़क सुरक्षा विभाग ने कोरोना संक्रमित मरीजों के लिए ऑक्सीजन परिवहन का सर्वश्रेष्ठ प्रबंधन कर ‘मॉडल स्टेट‘ के रूप में पहचान बनाई। इस दौरान शुरू में प्रदेश में सिर्फ 5 टैंकर थे इसके बाद पूरी टीम ने 24 घंटे काम करते हुए 55 टैंकर देशभर से एकत्रित किये और उनके जरिए मेडिकल ऑक्सीजन की सप्लाई प्रदेश के कोने-कोने में कराई गई। उसी तरह सड़क सुरक्षा में भी राजस्थान देश में ‘मॉडल स्टेट‘ बनने जा रहा है।
नवलगढ़ से झुंझुनूं तक बृजेंद्र ओला का हर 300 मीटर पर स्वागत किया गया। स्वागत कार्यक्रम के चलते परिवहन मंत्री की गाड़ियों का काफिला 5 घंटे बाद झुंझुनू शहर पहुंचा।
इस दौरान जगह जगह झुंझुनू वासियों और कार्यकर्ताओं ने माला पहनाकर स्वागत किया। कार्यकर्ता डीजे की धुन में नाचते गाते जश्न मनाते हुए काफिले के साथ चले। काफिले के निकलने के दौरान हाईवे पर लंबे जाम की स्थिति पैदा हो गई। इस दौरान पुलिस ने ट्रैफिक को डायवर्ट करवाया। रैली में सैकड़ों की संख्या में कार्यकर्ता मौजूद रहे वहीं रैली में 100 से ज्यादा कारों का काफिला मौजूद रहा।
शहीद स्मारक पर शहीदों को किया नमन
झुंझुनू शहर पहुंचने पर बृजेंद्र ओला ने शहीद स्मारक जाकर शहीदों को नमन किया। बृजेंद्र ओला के पुत्र अमित ओला और पत्नी पूर्व जिला प्रमुख राजबाला ओला भी साथ रहे। उसके बाद गांधी चौक में भी बृजेंद्र ओला का अभिनंदन कार्यक्रम का आयोजन किया गया जहा बड़ी संख्या में महिलाएं और पुरुष सुबह से ही परिवहन मंत्री का इंतजार कर रहे थे। अपने बीच मंत्री बृजेंद्र ओला देख कर सभी ने ओला का स्वागत किया।
झुंझुनूं नगर परिषद के वार्ड न. 48 के पार्षद मनोज कुमार सैनी ने जीता मदरसा पैराटीचर्स का दिल । सुबह से भूखे प्यासे पैराटीचर्स अपनी नियमतिकरण की मांग को लेकर मंत्री बिजेंद्र ओला को ज्ञापन देने के लिए गांधी चौक पे डटे हुए थे । और इत्तेफ़ाक़ देखिए बिजेंद्र ओला के स्वागत के लिए सबसे ज्यादा मुस्लिम कौम के पार्षद और स्थानीय नेता और मुस्लिम जनता ही नज़र आ रही थी , जबकि मंत्रीजी के कौम के बहुत कम लोग थे , ऐसे में होना ये चाहिए था के मुस्लिम कौम के पार्षद उन पैराटीचर्स का दुख दर्द सुनते , उसके उलट नगर सभापति नगमा बानो के ससुर तैय्यब अली ने विजेंद्र ओला के नाराज़गी के डर से उन पैराटीचर्स को सभा स्थल से बाहर करवा दिया , ऐसे में बाकी पार्षद ने भी चू तक नही की , कितने शर्म की बात है एक तरफ तो सभापति ने मंत्री जी से मिलाने का वादा किया था , और दूसरी तरफ अपने वादे से मुकर गयी । नगमा जी भी भला क्या कर सकती थी , वो ऐसी कौम से सभापति है जहाँ मुस्लिम महिलाओं को बोलने का हक़ नही दिया जाता , नगमा जी भी अंतिम समय पे पहुंचती है , बाकी कामों की देख रेख तो उनके ससुर तैयब जी करते है । लेकिन तैयब जी का ऐसे में शिक्षित पैराटीचर को पंडाल से बाहर निकलवा देना कहा तक उचित था ?दोपहर से शाम तक पैराटीचर्स भूखे प्यासे बाहर खड़े मंत्रीजी के आने का इंतज़ार करने लगे । वार्ड नं. 48 के पार्षद मनोज कुमार सैनी जी ने मानवता का परिचय देते हुए उनके लिए नास्ते पानी का प्रबंध किया , जिसका सभी पैराटीचर्स ने तहे दिल से शुक्रिया अदा किया ।
मुस्लिम कौम के पार्षदों और स्थानीय नेताओं को मंत्रीजी के स्वागत नृत्य और दरी बिछाने से फुरसत नही मिली वो क्यों अपने पैराटीचर्स के दर्द को समझते , क्या समझते 60 साल के मुस्लिम भी झूठा जश्न बना रहे थे ।
आज मुस्लिम समाज के दो वर्ग देखने को मिल गए , एक वो जो सिर्फ झूठी चापलूसी से मंत्रीजी के करीब होने का दावा कर रही थी और उसके लिए मंत्रीजी के पांव को अपने सर पे भी रखने को तैयार थी , और दूसरी तरफ वो वर्ग था जो अपने हक़ की लड़ाई के लिए और भूखी प्यासी होकर भी अपने कौम के लोगों को जागरूक करने की कोशिश कर रही थी ।