शहीद‘-ए-आज़म भगत सिंह की पुण्यतिथि पर जिला स्तरीय सेमीनार
‘‘ विरोधी नहीं थे महात्मा गांधी और भगत सिंह’’
झुंझुनूं, 24 मार्च। शहीद‘-ए-आज़म भगत सिंह और महात्मा गांधी दोनों ही एक दूसरे से प्रभावित थे, कुछ मामलों में भले ही उनके विचार अलग-अलग थे, लेकिन मंजिल एक ही थी। यह बात बतौर मुख्य अतिथि जिला कलक्टर लक्ष्मण सिंह कुड़ी ने आजादी के अमृत महोत्सव के तहत शहीद-ए-आजम भगत सिंह की पुण्यतिथि पर सूचना केंद्र सभागार में आयोजित जिला स्तरीय सेमीनार में कही। कार्यक्रम के प्रभारी अधिकारी पीआरओ हिमांशु सिंह ने बताया कि जिला कलक्टर लक्ष्मण सिंह कुड़ी ने युवाओं से आह्वान किया कि शहीदों की कुर्बानियों से मिली इस आजादी का महत्व समझते हुए वे नैतिक और सांस्कृतिक मूल्यों को बढ़ावा देवेें। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे गांधी जीवन दर्शन समिति के जिला सह संयोजक मुरारी सैनी ने कहा भगतसिंह यह मानते थे कि जनजागरण का जितना कार्य महात्मा गांधी ने किया है, उतना अन्य किसी ने नहीं किया। वे महात्मा गांधी का बहुत सम्मान करते थे, वहीं गांधी भी भगत सिंह की बहादुरी के कायल थे। कार्यक्रम के सह अध्यक्ष और जिला सैनिक कल्याण अधिकारी परवेज अहमद ने कहा कि भगत सिंह अहिंसक व्यक्ति थे, उन्होंने असेंबली में बम केवल दुनिया का ध्यान आकर्षित करने के लिए फेंका था, उनका मकसद हिंसा करना नहीं था।कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि महिला अधिकारिता विभाग के उपनिदेशक विप्लव न्यौला ने भगतसिंह के तर्कवाद और समाजवाद के विचारों को साझा करते हुए कहा कि भगतसिंह की तरह युवा दहेज समेत सामाजिक कुरीतियों का बहिष्कार करे। उन्होंने युवाओं से सामाजिक समरसता बढ़ाने की भी अपील की। विशिष्ट अतिथि बड़ौदा राजस्थान क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक के क्षेत्रीय प्रबंधक योगेश शर्मा ने भगतसिंह के बचपन से जुड़ी बातें साझा करते हुए कहा कि आज के युवाओं को बढ़ रहे सांस्कृतिक प्रदूषण को रोकना होगा। कार्यक्रम का संचालन कर रहे मुख्य वक्ता एडीईओ उम्मेद सिंह महला ने कहा कि भगतसिंह तो अब हमारे बीच मौजूद नहीं है, लेकिन उनकी विचारधारा और विचार अजर अमर है। हालांकि यह दुखद है कि भगत िंसंह के अंतिम समय के नारे के विपरीत आज विश्व स्तर पर सम्राज्यवाद और पूंजीवाद हावी है। कार्यक्रम में से.नि. कैप्टन टीपू सुल्तान, से.नि. कैप्टन लियाकत अली, से.नि. कैप्टन अली हसन, से.नि. कैप्टन मोहन लाल पूर्व सैनिक लीग के कल्याण सूरा, कलक्टर की कल के समन्वयक कमलकांत जोशी भी मौजूद रहे और संबोधित किया।यूक्रेन और युद्धग्रस्त क्षेत्रों से लोटे विधार्थियों के लिए जिला अस्पताल में मानसिक स्वास्थ्य देखरेख सुविधा उपलब्ध,
टोल फ्री नम्बर पर मिल रही है भावनात्मक सहयोग और काउंसलिंग सेवाएं’
झुंझुनूं। यूक्रेन और युद्ध क्षेत्रों से लौटे स्टूडेंट्स को किसी भी प्रकार की मानसिक उलझन, तनाव आदि महसूस हो रहा है तो अपने नजदीकी जिला अस्पताल में संचालित मानसिक स्वास्थ्य विभाग में मनोचिकित्सक से काउंसलिंग कर परामर्श लेवें। यूक्रेन से लौटे स्टूडेंट्स तनाव एंव अन्य मानसिक रोगों से ग्रस्त न हो इसके लिए के चिकित्सा विभाग सतर्क हो गया है। एनएचएम एमडी डॉ जितेंद्र कुमार सोनी ने विभाग के सभी उच्चाधिकारियों को इस सम्बंध में निर्देश दिये हैं। सीएमएचओ डॉ. छोटेलाल गुर्जर ने बताया कि विशिष्ट शासन सचिव और एमडी एनएचएम डॉ. जितेंद्र सोनी के निर्देशानुसार बीडीके जिला अस्पताल में संचालित मानसिक स्वास्थ्य इकाई में यूक्रेन से लौटे स्टूडेंट्स की मानसिक परेशानियों को मध्यनजर रखते हुए निःशुल्क परामर्श और उपचार की विशेष व्यवस्था की है। डॉ. गुर्जर ने बताया कि जिले के जितने भी स्टूडेंट्स युद्ध ग्रस्त यूक्रेन से लौटे है उन्होंने युद्ध की त्रासदी को अपनी आंखों के देखा है तो ऎसे में मानसिक अवसाद, तनाव तथा अन्य मनोरोग पैदा होने की आशंका बढ़ जाती हैं। ऎसे में स्टूडेंट्स मनोचिकित्सक की सलाह ले सकते है। स्वास्थ्य विभाग ने मानसिक तनाव की स्थिति और मानसिक समस्याओं के समाधान के लिए टोल फ्री नम्बर पर 18001800018 पर अपने मन की बात और भावनाओं को साझा कर काउंसलिंग ले सकते हैं। मन संवाद हैल्पलाईन की सुविधा युक्रेन से राजस्थान लौटे विधार्थी और आमजन सुबह 9 से सांय 5 बजे तक ले सकते हैं ।
’यूक्रेन से वापस लौटे जिले के स्टूडेंट्स तनाव न ले मनोचिकित्सक से परामर्श करें-पीएमओ डॉ. बाजिया’
बीडीके जिला अस्पताल के पीएमओ डॉ. वीडी बाजिया ने बताया कि यूक्रेन में युद्ध की त्रासदी देख कर आये स्टूडेंट्स जरा भी मानसिक तनाव या उलझन महसूस करे तो तुरंत बीडीके अस्पताल की मानसिक स्वास्थ्य इकाई में आकर अपनी काउंसलिंग करवाये। मनोचिकित्सक से अपने विचारों को उलझलो को साझा कर परामर्श ले और अपना उपचार करवाये। बीडीके अस्पताल में यूक्रेन से लौटे स्टूडेंट्स के तनाव प्रबंधन के लिए कान्सलिंग की माकूल व्यवस्था की गई है।