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Nov 30, 2025

सर्वोच्च न्यायालय सहित सभी अदालतों को स्वच्छ भारत अभियान तथा प्रदूषण मुक्त भारत को विफल करने में जुटी ताकतों के विरूद्ध कड़ी कार्यवाही करने के लिए स्वतः संज्ञान लेकर भारत सरकार तथा राज्य की सरकारों को मिलकर कड़े फैसले लेने होंगे - के के गुप्ता



जहरीला धुआं एवं जहरीला पानी छोड़ना तथा गंदगी मनुष्य एवं धरती के लिए जहर है - के. के. गुप्ता

नई दिल्ली /जयपुर/ उदयपुर। स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) राजस्थान के संयोजक और डूंगरपुर नगर परिषद के पूर्व अध्यक्ष के के गुप्ता ने देश की सर्वोच्च न्यायालय तथा देश के विभिन्न हाई कॉर्ट्स तथा जिला अदालतों को स्वच्छ भारत अभियान तथा प्रदूषण मुक्त भारत को विफल करने में जुटी ताकतों के विरूद्ध कड़ी कार्यवाही करने के लिए स्वतः संज्ञान लेने का आग्रह किया है। साथ ही भारत सरकार तथा राज्य की सरकारों को मिलकर कड़े फैसले लेने होंगे । इन ताकतों की करतूतों से आज देश की राजधानी दिल्ली एक गैस चेम्बर में तब्दील हो गई है जबकि भारत को 2030 में कॉमन वेल्थ गेम्स की मेजबानी मिल गई है । 

गुप्ता ने कहा कि 2030 में कॉमन वेल्थ गेम्स के लिए आने वाले विश्व के विभिन्न देशों के खिलाड़ी और मेहमान देश की राजधानी दिल्ली सहित भारत के विभिन्न नगरों में अस्वच्छता और प्रदूषण के वर्तमान हालातों को देखेंगे तो देश को शर्मसार करने वाली स्थिति ही होगी।उन्होंने कहा कि कतिपय ताकतें स्वाधीनता की 100 वीं वर्षगांठ 2047 तक भारत को विकसीत देशों की पंक्ति में शामिल करने और भारत को विश्व गुरु की उपमा दिलाने के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सपने को साकार करने के मार्ग में अवरोध पैदा कर रही है। ये ताकते देश में स्वच्छता आंदोलन और शुद्ध पर्यावरण के ख़िलाफ़ जघन्य अपराध जैसे कारनामों अंजाम दे रही है जब कि सभी इस तथ्य से भलीभांति अवगत है कि जहरीला धुआं एवं जहरीला पानी छोड़ना दोनों मनुष्य एवं धरती के लिए जहर समान है । 

गुप्ता ने कहा कि माननीय सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस सूर्यकांत के हालिया बयान ने पूरे देश के सामने अन्य कई सवाल खड़े कर दिए हैं । यह एक विडम्बना ही है कि बढ़ते प्रदूषण को रोकने तथा सुप्रीम कोर्ट के अनेक बार दिए निर्देशों के बावजूद जब राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में ही प्रदूषण की गंभीर समस्या पर काबू नहीं किया जा पा रहा है।

गुप्ता ने कहा कि इन अति गंभीर हालातों में देश की सर्वोच्च न्यायालय को पूरी शक्ति के साथ निर्णय करने की आवश्यकता है । देश में प्रदूषण और गंदगी रातोंरात पैदा नहीं हुई है आज प्रदूषणइतना अधिक जानलेवा हो गया जिसकी बानगी आज दिल्ली के अखबारों की सुर्खियां दे रही है। ये खबरें दिल को दहला देने वाली है कि राजधानी वासी 80 प्रतिशत लोग प्रदूषण के कारण खांसी,थकान और जलन जैसी बीमारियों से ग्रसित है तथा प्रदूषण के कारण लोगों की आय का बहुत बड़ा हिस्सा बीमारियों में खर्च हो रहा है जिसका वास्तविक शिकार गरीब एवं मध्यम परिवार का व्यक्ति ही अधिक बन रहा है। लाखों लोग प्रदूषण से फैलने वाली बीमारियों के शिकार हो रहे हैं तथा मौत के शिकार बन रहे हैं। 

गुप्ता ने बताया कि एक रिपोर्ट के अनुसार प्रदूषण से करीब 17 लाख लोग प्रतिवर्ष मर रहे हैं तथा यह आंकड़ा नियमित बढ़ रहा है जिन्हें खांसी, दमा, जलन, बुखार तथा स्कीन संबंधी बीमारियां हो रही है। प्रदूषण का जहरीला धुआ बीमारियां फैलाने तथा मौत तक पहुंचाने, जिसमे फेफड़ों को कार्य करने से रोकने में अहम भूमिका निभाता है। यह केवल दिल्ली की ही नहीं पूरे देश की समस्या बनती जा रही है । इसे रोकने देश की सर्वोच्च न्यायालय एवं भारत सरकार तथा राज्य की सरकारों को मिलकर कड़े फैसले लेने होंगे । हमारा शीर्ष नेतृत्व समृद्धशाली देश, विकसित भारत तथा विश्व गुरु बनने की बात कर रहा है लेकिन यदि हम गंदगी और प्रदूषण के शिकंजे से बाहर नहीं आ पाए तो आने वाले समय में और अधिक विकट परिस्थितियों का सामना करना पड सकता है ।

गुप्ता ने कहा कि जब भारतीय दंड संहिता में स्पष्ट प्रावधान है कि एक व्यक्ति को मारने का प्रयास करने वाले व्यक्ति को उम्र कैद की सजा भुगतनी पड़ सकती है तो यह कानून के अनुसार प्रदूषण और गंदगी फैलाने वाले अपराधी भी इसी श्रेणी में गिने जाने चाहिए क्योंकि यह पूरे देश के लोगों के जीवन का सवाल है । इसलिए देश की सभी जिम्मेदार एजेंसियों को इस बारे में शक्ति से निर्णय की आवश्यकता है।आज हम देख रहे हैं सरकारे पुराने कचरे का निदान करने हेतु कई प्रयास कर रही है तथा भारी राशि दे रही है परंतु आज भी कचरे में आग लगना तथा हवा में जहरीला धुआं फैलाना बड़े एवं छोटे शहरों में नियमित हो रहा है यह प्रदूषण कचरा यार्ड में आग से तथा जानवरों द्वारा उस गंदगी को खाने से जिस तरह से फैल रहा है वह बहुत बड़ी चिंता का विषय है । यह विडंबना ही है कि स्वच्छता के लिए जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा ही कचरे में आग लगवा कर इसका निष्पादन कराया जा रहा है और कागजों में इसका निष्पादन बता बहुत बड़ी राशि का गबन हो रहा हैं। जिसकी जांच उच्च कमेटी से करवा इस पर शीघ्र रोक लगवाने तथा दोषी अधिकारियों के विरुद्ध सख्त कार्यवाही की आवश्यकता है नहीं तो एक दिन पूरा देश इस जहरीले धुंए से प्रदूषित हो जाएगा।

गुप्ता ने कहा कि आज प्रदूषण को रोकने हेतु बड़े-बड़े उद्योग जो प्रदूषण छोड़ रहे हैं उन्हें भी चाहें वे कितने भी प्रभावशाली क्यों न हों रोकना होगा। साथ ही सर्वत्र बढ़ते ट्रैफिक में पेट्रोल डीजल की गाड़ियों को बंद करने तथा उन्हें सीएनजी एवं इलेक्ट्रिक से जोड़ने के कार्य को युद्ध स्तर पर चलाना होगा । विशेष कर दिल्ली जैसे शहर में BS6 की गाड़ियां वाणिज्यिक वाहन के रूप में चल रही है जिससे प्रदूषण पर कंट्रोल हो सके जो सीएनजी , एलएनजी एवं इलेक्ट्रिक होती है वही दिल्ली के निकटवर्ती प्रदेशों के खेतों में पराली जलाने से प्रदूषण बढ़ रहा है जिस पर वर्तमान में और भी सख़्ती की आवश्यकता है।वहीं अगर दिल्ली की बढ़ती जनसंख्या तथा ऊंची इमारते भी प्रदूषण को रोकने में सहायक सिद्ध नहीं हों पा रही है क्योंकि ऊंची इमारतों के बावजूद प्रदूषण का धुआं ऊपर हवा में नहीं जा पाता और वह आमजन के सांसों में समा जाता है । हवा में फैल रहे जहरीले धुआं के साथ-साथ धरती में फैल रहे प्रदूषण को भी समाप्त करने की आवश्यकता है । आज हम देख रहे हैं बड़ी-बड़ी फैक्ट्रियां प्रदूषित गंदा पानी केमिकल युक्त, सीवरेज का गंदा पानी नदियों एवं खुल्लम स्थान पर छोड़कर जल स्रोतों को प्रदूषित कर रहे हैं तथा शहरों एवं गांवो के कचरा यार्डों में पड़े खुले में कचरा एवं मरे हुए जानवरों पर जब वर्षा का पानी पड़ता है तो वह धीरे-धीरे धरती में रिस कर जाकर धरती के पानी को भी प्रदूषित कर देता है वह भी जानलेवा है ऐसी स्थिति में उसे भी रोकने हेतु सख्त कदम उठाने की आवश्यकता है जो प्रदूषण हवा में एवं धरती में फेल रहा है । न्यायालय एवं सरकार को सख्ती से बड़े-बड़े कल कारखाने के धुएं को रोकने एवं प्रदुषण को कम करने का प्रयास। डीजल एवं पेट्रोल से चल रहे हैं वाहनों पर रोक तथा सीएनजी, इलेक्ट्रिक साधनों पर सरकार द्वारा विशेष ध्यान देने की आवश्यकता। शहर एवं गांव के कचरा यार्डों में आग लगाने तथा खुले में कचरा डालने पर सख्त कार्रवाई। पराली जैसे ज्वलनशील कचरे में आग पर सख्ती से कानूनी कार्यवाही। बड़े शहरों में ऊंची ऊंची इमारते बनाने पर रोक जिससे धुंआ आसानी से आसमान में जा सके। भारत में स्टेज - 6 की गाड़ियां का ही कमर्शियल कार्यों में शहरों में प्रवेश होना चाहीए। सीवरेज एवं फैक्ट्रियां तथा मिल्स के गंदे केमिकल युक्त पानी को नदी नाले तथा खुले में डालने पर दण्डनात्मक एवं सख्त कार्यवाही। 
गुप्ता ने कहा कि यह भी सत्य है केन्द्र और राज्यों की सरकारें निरंतर प्रदूषण को कम करने के अथक प्रयास कर रही है पराली जलन जलने पर प्रतिबंध, सीवरेज के पानी का ट्रीटमेंट करना, फैक्ट्री द्वारा केमिकल युक्त पानी को खुल्ले में छोड़ने पर सख्त कार्यवाही, पुराने कचरा यार्डों की सफाई एवं कचरा सेग्रीगेशन तथा गीले कचरे से गैस बनाना, खाद बनाना परंतु इन सभी की क्रियांवित्ती व्यवस्थित नहीं होने से निरंतर प्रदूषण बढ़ता जा रहा है। इन सभी पर प्रदूषण विभाग को शक्ति से दोषियों को समान रूप से दंडित करने की कार्रवाई करनी होगी। 
साथ की बढ़ते प्रदूषण को रोकने के लिए हर क्षेत्र में सुदृढ़ वृक्षारोपण करना होगा अन्यथा आने वाले समय में पूरा देश प्रदूषण के जहरीले वातावरण में जीने को मजबूर होगा।
*गर्भवती व धात्री महिलाओं में एनीमिया प्रबंधन के लिए स्वास्थ्य विभाग चलाएगा पिंक पखवाड़ा* 
*1 से 15 दिसंबर तक मिशन मोड पर लगेंगे फेरिक कार्बाॅक्सी माल्टोज इंजेक्शन*
*झुंझुनूं, 1 दिसंबर ।* गर्भवती तथा धात्री महिलाओं में एनीमिया प्रबंधन के लिए स्वास्थ्य विभाग 1 से 15 दिसंबर तक विशेष पिंक पखवाड़े का आयोजन करेगा। इस दौरान मिशन मोड पर फेरिक कार्बाॅक्सी माल्टोज इंजेक्शन का उपयोग एनीमिक महिलाओं के लिए किया जाएगा। सीएमएचओ डॉ छोटेलाल गुर्जर ने बताया कि अभियान की सभी तैयारियां पूरी कर ली गई है। 
सीएमएचओ डॉ गुर्जर ने बताया कि पहले से प्रचलित आईएफए यानी कि आयरन की गोलियां द्वारा बहुत धीरे परिणाम प्राप्त होता है। कई महिलाओं को मतली, कब्ज, पेट खराब व अवशोषण की कमी जैसी समस्याओं के चलते इसका ज्यादा लाभ भी नहीं हो पता। ऐसे में फेरिक कार्बाॅक्सी माल्टोज इंजेक्शन द्वारा डेढ से दो माह में ही तीन से चार ग्राम हीमोग्लोबिन बढ़ाने का लक्ष्य हासिल किया जा सकता है। आरसीएचओ डॉ दयानंद सिंह एफसीएम इंजेक्शन की डोज गणना हेतु गंजोनी सूत्र के बारे में बताते हुए स्पष्ट किया कि एक सप्ताह में किसी भी गर्भवती को 1000 मिलीग्राम से अधिक डोज नहीं दी जाए और पूरे गर्भावस्था काल में 1500 मिलीग्राम की अधिकतम सीमा में ही एफसीएम दिया जाए। 
आरसीएचओ डॉ दयानंद सिंह ने बताया कि पिंक पखवाड़ा अभियान को पूरी क्षमता के साथ मनाने और आधिकाधिक गर्भवती व धात्री महिलाओं को लाभ देने के निर्देश दिए। उन्होंने बताया कि पिंक पखवाड़ा अभियान मध्यम से गंभीर एनीमिया यानी कि 5 से 9 ग्राम हीमोग्लोबिन वाली गर्भवतियों तथा धात्री महिलाओं को फेरिक कार्बाॅक्सीमाल्टोज दिया जाएगा। अभियान के दौरान आशा सहयोगिनी एएनएम एक्टिव मोड पर ऐसी महिलाओं की सूची तैयार करेगी और इन्हें अस्पताल लेकर आएंगी। इस इंजेक्शन का उपयोग प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र तथा इससे उच्चतर संस्थान पर चिकित्सक की देखरेख में ही किया जाएगा। 
*क्या है एफसीएम ?*
आरसीएचओ डॉ दयानंद सिंह ने बताया कि फेरिक कार्बाॅक्सी माल्टोज इंजेक्शन हीमोग्लोबिन स्तर को तेजी से बढ़ाने में बेहद कारगर इंजेक्शन है। इसका उपयोग इंट्रावेनस यानी अतःशिरा में ड्रिप द्वारा किया जाता है। इसे अस्पताल में भर्ती के बिना डे केयर में 15 मिनट में लगा दिया जाता है। एक बार एफसीएम की एक डोज से डेढ से दो माह में तीन से चार मिलीग्राम तक हीमोग्लोबिन बढ़ जाता है।

*विश्व एड्स दिवस पर होंगे जागरूकता कार्यक्रम*

विश्व एड्स दिवस के अवसर पर सोमवार को चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग द्वारा विभिन्न जन जागरूकता गतिविधियों का आयोजन किया जाएगा। डिप्टी सीएमएचओ एवं नोडल अधिकारी डॉ  भंवर लाल सर्वा ने बताया कि बीडीके  अस्पताल, जिला अस्पताल नवलगढ़, उप जिला अस्पताल खेतड़ी, मलसीसर चिड़ावा, सहित विभिन्न सीएचसी, पीएचसी स्तर पर एच आई वी रोकथाम और बचाव के बारे में जागरूकता कार्यशाला, संगोष्ठी रैली आदि का आयोजन किया जाएगा। उन्होंने बताया कि लोगों को एचआईवी के फैलने के कारणों के बारे में जागरूकता पैदा की जाएगी। जिला अस्पताल से लेकर उप स्वास्थ्य केंद्र तक एच आई वी जांच उपलब्ध है।