प्रभारी मंत्री सोमवार को जिला परिषद सभाकक्ष में को कोरोना बचाव हेतु 21 जून से 30 जून तक जिले में आयोजित 10 दिवसीय जागरुकता अभियान को लेकर प्रेस वार्ता को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि अभियान का मुख्य उद्देश्य गांव, ढाणी, वार्ड एवं मोहल्ले में आमजन को कोरोना से बचाव के लिए आवश्यक सावधानियां बरतने हेतु जागरुक करना है। देश में कोरोना महामारी से लड़ने के लिए राजस्थान सरकार ने बेहतर प्रबंधन एवं समाज के सभी वर्ग के लोगों से कारगर संवाद स्थापित कर सार्थक प्रयास किये हैं। उन्होंने कहा कि जीवन को पटरी पर लाने के लिए राजस्थान सरकार ने देश में पहल कर श्रमिकों को उनके गृह जिलों में भिजवाने के लिए जोरदार प्रयास किए। कोई भी व्यक्ति भूखा न सोए मुहिम में प्रत्येक व्यक्ति तक खाद्य सामग्री पहुंचाई। नरेगा के तहत 53 लाख लोगों को रोजगार प्रदान करना व देश में श्रमिकों को 100 दिवस की जगह 200 दिवस का रोजगार प्रदान करने की पहल, तत्काल राहत कार्यक्रम के तहत श्रमिकों के खाते में 2500-2500 रुपये जमा कराना, विधायक कोष राशि का जिलों में मेडिकल सिस्टम को डवलप करने में उपयोग करना, जरूरतमंद लोगों व परिवारों को खाद्य सामग्री एवं भोजन पैकेट्स मुहैया करवाने जैसे महत्ती कार्य कर कोरोना काल में जरूरतमंदों की सहायता की है।
प्रभारी मंत्री ने कहा कि राजस्थान में रोजाना 25 हजार लोगों के टेस्ट करने के साथ ही पड़ौसी राज्यों के लोगों के भी सैंपल टेस्ट किए जा रहे हैं। राज्य में लॉकडाउन के दौरान प्रवासी लोगों/ श्रमिकों को उनके गृह जिलों तक बसों एवं रेलों के जरिये निःशुल्क पहुंचाने के लिए विशेष पहल की गई तथा श्रमिक यात्रियों को निःशुल्क भोजन पैकेट्स व पेयजल मुहैया करवाए गए। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी से लड़ने के लिए राज्य सरकार, जिला प्रशासन एवं हम सभी को सावधानी व सतर्कता से सामूहिक प्रयास करने की महत्ती आवश्यकता है। उन्होंने जिले में कोेरोना महामारी से लड़ने के लिए कोरोना योद्धा, जिला प्रशासन व पुलिस प्रशासन, मीडियाकर्मियों, चिकित्साकर्मियों, दानदाताओं, भामाशाहों, एनजीओ, एनसीसी, एनएसएस, परिवहन व रसद कार्मिकों की सराहना की।जिले के प्रभारी सचिव डॉ नीरज के. पवन ने राज कौशल पोर्टल की जानकारी देते हुए बताया कि इसके जरिए उद्यमियों को श्रमिक एवं श्रमिकों को रोजगार दिलाने की दिशा में विशेष पहल की गई है। राजस्थान में रोजगार के बेहतर अवसर तलाशने के लिए कौशल विकास को प्रमुखता प्रदान की जा रही है। उन्होंने कहा कि कोविड-19 महामारी से जीवन रक्षा के लिए बचाव संबंधी उपायों को जीवन में अंगीकार करना होगा।
इस अवसर पर जिला कलक्टर संदेश नायक ने कोरोना वायरस संक्रमण की रोकथाम एवं बचाव के तहत जिले में किये गये सामूहिक प्रयासों की जानकारी देते हुए कहा कि जिले में कोरोना के 69 रोगी उपचाराधीन है। उन्होंने कहा कि जिले में 9 सैंपल कलेक्शन सेन्टर्स में अब तक कुल 10 हजार 692 व्यक्तियों की कोरोना जांच की गई है। उन्होंने कहा कि जिले में 97 क्वेरेंटाईन सेन्टर्स पर 3 हजार 789 व्यक्तियों को रखा गया तथा 65 हजार 824 घरेलू एवं 1779 विदेशी यात्रियों को होम आईसोलेशन किया गया। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के दौरान जिले में 76 हजार 312 एनएफएसए परिवारों को 64009 क्विंटल गेहूं व 8 हजार 239 क्विंटल चना दाल का निःशुल्क वितरण किया गया। इस दौरान विधायक निधि से जरूरतमंद लोगों को एक करोड़ 81 लाख 95 हजार 878 रुपये खर्च कर निःशुल्क राहत सामग्री वितरित कर सहायता प्रदान की गई।
जिला कलक्टर ने कहा कि 21 जून से 30 जून 2020 तक 10 दिवसीय जागरुकता अभियान के तहत जिले के शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में गांव, ढाणी, वार्ड एवं मोहल्लों में होर्डिंग्स, बैनर, फ्लैक्स, नारा लेखन, पोस्टर, पंपलेट्स, प्रचार रथ द्वारा आमजन को कोरोना महामारी से बचाव हेतु सावधानियां बरतने हेतु जागरुक किया जायेगा।
इस मौके पर प्रभारी मंत्री एवं प्रभारी सचिव ने सूचना एवं जनसंपर्क विभाग की ओर से प्रकाशित पोस्टर एवं कोरोना जागरुकता अपील का विमोचन किया। इस अवसर पर अतिरिक्त जिला कलक्टर रामरतन सौंकरिया, उपखण्ड अधिकारी अवि गर्ग, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक योगेन्द्र फौजदार, सीईओ रामस्वरूप चौहान, एसीईओ डॉ. नरेन्द्र चौधरी, सहायक निदेशक (जनसम्पर्क) कुमार अजय, पूर्व जिला प्रमुख भंवरलाल पुजारी, सीएमएचओ डॉ. भंवरलाल सर्वा, रियाजत खान, दुलाराम सहारण सहित मीडिया प्रतिनिधि उपस्थित थे।