सीकर 11 जून। देश में कोरोना वायरस के प्रकोप को फैलने से रोकने के लिए समय-समय पर राज्य सरकार एवं भारत सरकार द्वारा लॉकडाउन लगाया गया जिससे लॉकडाउन के दौरान देश में आर्थिक गतिविधियां लगभग समाप्त हो गई। उद्योग धन्धों में लॉकडाउन के समय उत्पादन की गतिविधयां बन्द होने से श्रमिकों को काम मिलना लगभग बन्द हो गया। बड़े-बड़े शहरों में श्रमिकों को जीवन की मूलभूत आवश्यकताएं रोजी-रोटी व मकान की समस्या हो गई, जिसके कारण श्रमिकों को शहरों से अपने-अपने गांव में पलायन करना पड़ा। इस मुश्किल की घड़ी में श्रमिकों का महात्मा गांधी नरेगा योजना (जिसमें प्रत्येक ग्रामीण परिवार को वित्तीय वर्ष में 100 दिवस का रोजगार पाने की गारंटी व अधिकार है) जीवन का आधार बनी। गांवों के श्रमिकों ने भी इसका पूरा लाभ उठाया। इसी का परिणाम है कि सीकर जिले में महात्मा गांधी नरेगा योजनान्तर्गत पिछले वर्षों के सम्पूर्ण रिकार्ड को तोड़ते हुए 50 हजार श्रमिकों को नियोजित करते हुए रोजगार दिया गया। राज्य सरकार ने भी इस ओर विशेष ध्यान देते हुए प्रवासी श्रमिकों को जॉबकार्ड जारी कर कार्य देने के लिए विशेष अभियान चलाया गया।
जिला कलेक्टर यज्ञ मित्र सिंहदेव ने बताया कि प्रवासी श्रमिकों को तत्काल जॉबकार्ड जारी कर कार्य उपलब्ध करवाया जा रहा है। माह जून के प्रथम पखवाड़े में 1422 कार्यों पर 50830 श्रमिक नियोजित किये गये हैं, जो गत 5 वर्षों में सर्वाधिक है। प्रत्येक श्रमिक को वर्ष में योजनान्तर्गत 100 दिवस का रोजगार दिया जाना एवं गांवों में स्थाई प्रकृति की परिसम्पति अर्जित करने का भी मनरेगा अधिनियम का मुख्य उद्देश्य है। राजस्थान में भौगोलिक परिस्थितियों को देखते हुए इस योजना की उपयोगिता महत्वपूर्ण हो जाती है। राज्य में अधिकांश इलाके में वर्ष में कृषि क्षेत्र में एक ही फसल होती है तथा पीने के पानी की भी अत्यन्त समस्या है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य भी जल प्रबन्धन एवं प्राकृतिक संसाधन का विकास कर प्रकृति के समीप रहना है। अधिनियम के अन्तर्गत कुल व्यय का 65 प्रतिशत प्राकृतिक संसाधन एवं जल प्रबन्धन तथा 60 प्रतिशत कार्य कृषि से सम्बन्धित गतिविधियों पर किया जाना अनिवार्य है तथा गांवों में आधारभूत सरंचना के विकास के कार्य भी करवाये जा रहे हैं। गांवों में प्राकृतिक जल संसाधन के पुराने तालाबों का जीर्णाद्वार, बांध निर्माण, नये तालाबों का निर्माण, ग्रामीण क्षेत्र में अधिनियम में वर्णित व्यक्तिगत श्रेणी के कृषकों के खेतों में पशु आश्रय, कुक्कुट आश्रय, बकरी आश्रय, मेड़बन्दी, भूमि समतलीकरण, जलकुण्ड आदि निर्माण कार्य करवाये जाकर कृषकों को भी सम्बल प्रदान किया जा रहा है। इससे श्रमिकों को रोजगार भी मिला है तथा प्राकृतिक एवं कृषि गतिविधयों के कार्य भी सम्पादित हो पा रहे हैं।
ग्रामीण क्षेत्र में ग्राम पंचायत भवन, पटवार घर, खाद्य गोदाम, ग्रेवल व इन्टरलॉक सड़क, आंगनबाड़ी भवन आदि कार्य करवाये जाकर आधारभूत सरंचना का विकास भी किया जा रहा है, जिससे श्रमिकों को स्थानीय स्तर पर रोजगार भी प्राप्त हो रहा है तथा स्थाई परिसम्पतियों का सृजन भी हो रहा है। राज्य सरकार द्वारा 100 दिवसीय कार्ययोजना में जिले के गांवो में मुक्तिधाम विकास, विद्यालयों के खेल मैदानों का विकास, चारागाह विकास एवं मॉडल तालाब के लक्ष्य भी आवटित किये गये है, जिससे ग्रामीण क्षेत्र में अन्य आवश्यक सरंचनाओं का निर्माण कर आमजन को समर्पित किया जा सके।
जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी जे.पी. बुनकर ने बताया कि सीकर जिले में प्रवासी मजदूरों के आने से जॉबकार्ड जारी करने एवं रोजगार उपलब्ध करवाने के साथ ही श्रमिकों को समयबद्ध भुगतान करवाने एवं कार्यों को गुणवत्तापूर्ण सम्पादित करवाया जाना मुख्य चुनौती थी, जिसको समस्त नरेगा में कार्य करने वाले कार्मिकों ने पूर्ण दायित्वों के साथ निर्वहन किया। कार्यों को गुणवत्तापूर्ण सम्पादित करवाने के लिए 270 कार्यों के अभियन्ताओं व प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा औचक निरीक्षण किये गये हैं। कार्यों को प्रोजेक्ट मोड में सम्पादित करवाया जा रहा है ताकि कार्य जनोपयोगी हों तथा लम्बे समय तक स्थानीय जनता को उसका लाभ मिलता रहें। कार्यों पर श्रमिकों को सोसियल डिस्टेंसिंग रखते हुए तथा कोविड-19 महामारी में स्वास्थ्य मंत्रालय व गृह मंत्रालय द्वारा जारी गाईडलाईन का ध्यान में रखते हुए ही नियोजित किया जा रहा है तथा कार्यस्थल पर मेडिकल किट व अन्य आवश्यक सुविधायें भी उपलब्ध करवायी जा रही है।
मनरेगा योजना में प्रत्येक श्रमिक को 100 दिन के 22 हजार रूपये भी मिलेंगे। वर्तमान में मनरेगा योजना में मजदूरी दर 220 रूपये प्रतिदिन भी कर दी गई है। योजना मुख्य रूप से महिला श्रमिकों के सशक्तिकरण का भी मुख्य उदाहरण है क्योंकि महिला श्रमिकों द्वारा किये गये कार्य का उनके खाते में सीधा ही भुगतान किया जा रहा है। योजना से पर्यावरण भी प्रदूषण मुक्त हो रहा है, कृषकों के खेतों में भी काम हो रहा है, ग्रामीण क्षेत्र में आधारभूत अवसरंचना का भी विकास हो रहा है तथा भूमिगत जलस्तर को बढ़ाने के भी कार्य हो रहे हैं। लॉकडाउन के बीच जहां अन्य क्षेत्रों में रोजगार की संभावनाएं कम हुई है, वहीं महात्मा गांधी नरेगा योजना में रोजगारों का सृजन हो रहा है, जिससे यही प्रतीत होता है कि लॉकडाउन के इस कठिन व संकट के दौर में मनरेगा जैसी योजना ही श्रमिकों के जीवन का आधार है।
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प्रवासियों व पात्र व्यक्तियों को 12 से 14 जून तक होगा गेहूँ का वितरण
38 प्रकार की श्रेणियों के पात्र व्यक्तियों को मिलेगा गेहूँ
सीकर 11 जून। जिला कलेक्टर यज्ञ मित्र सिंहदेव ने आदेश जारी कर कोविड-19 के कारण प्रवासी हुए व्यक्तियों के साथ ही लॉकडाउन के कारण अस्थाई रूप से रोजगारहीन हुए विशेष श्रेणी के सर्वे किये गये लोगों, व्यक्तियों को माह मई एवंं जून 2020 के लिए प्रति व्यक्ति 5 किलोग्राम गेहूँ तथा एक किलोग्राम चना प्रति परिवार प्रतिमाह निः शुल्क 12 से 14 जून 2020 तक वितरण किया जायेगा। लाभार्थी को दो माह का गेहूँ एवं चना एक ही बार में (प्रतियूनिट 10 किग्रा गेहूँ व प्रतिपरिवार 2 किग्रा चना) के हिसाब से एक साथ वितरण किया जायेगा।
जिला कलेक्टर ने बताया कि गेहूँ एवं चने का वितरण प्रत्येक उचित मूल्य दुकान पर संबंधित उपखण्ड अधिकारी द्वारा नियुक्त दो सरकारी कर्मचारियों की उपस्थिति में किया जायेगा। उचित मूल्य दुकान पर गेहूँ एवं चना प्राप्त होने पर पोस मशीन में सरकारी कर्मचारी की उपस्थिति में उसकी प्राप्ति की जायेगी। जिस श्रेणी का गेहूँ अथवा चना उचित मूल्य दुकान पर प्राप्त होगा, उसको जैसे भारत सरकार से निःशुल्क गेहूँ एवं चना, राज्य सरकार से प्राप्त गेहूँ एवं चना तथा मिड-डे मील से प्राप्त गेहूँ के रूप में पोस मशीन में प्राप्ति का इन्द्राज किया जायेगा। सर्वप्रथम भारत सरकार से प्राप्त गेहूँ एवं चने का वितरण किया जाना है। तत्पश्चात मिड-डे मील से प्राप्त गेहूँ का वितरण तथा बाद में राज्य सरकार द्वारा उपलब्ध कराये गये गेहूँ एवं चने का वितरण करवाया जाना है। जिन चिन्हित सर्वे द्वारा लोगों को आत्मनिर्भर भारत योजना के तहत गेहूँ एवं चने का वितरण किया जायेगा के वितरण का सम्पूर्ण रिकॉर्ड निधाररित प्रपत्र में एक रजिस्टर में उचित मूल्य दुकानदार द्वारा संधारण किया जायेगा, जिसका उचित मूल्य दुकान पर वितरण की देखरेख के लिए नियुक्त सरकारी कर्मचारियों द्वारा आवश्यक रूप से सत्यापन किया जायेगा। सम्पूर्ण रिकॉर्ड उचित मूल्य दुकानदार द्वारा क्षेत्रीय प्रवर्तन अधिकारी, निरीक्षक को 20 जून 2020 तक आवश्यक रूप से जमा करवाया जाना होगा।
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बालवाणी कार्यक्रम की अवधि बढ़ाई
सीकर 11 जून। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सचिव जगत सिंह पंवार ने बताया कि लॉकडाउन के दौरान घरों में कैद बच्चों के समग्र विकास एवं उनमें विधिक जागृति के लिए राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण जयपुर द्वारा आकाशवाणी के माध्यम से प्रतिदिन एक घंटे ‘‘बालवाणी‘‘ कार्यक्रम का प्रसारण 3 जून से प्रथम चरण में 7 दिवस के लिए किया गया था, बच्चों की रूचि को देखते हुए इस कार्यक्रम के प्रसारण की अवधि 30 जून 2020 तक बढ़ा दी गई है। कार्यक्रम का प्रसारण सायं 5 बजे से 6बजे के मध्य आकाशवाणी केन्द्र जयपुर पर किया जा रहा है । उन्होंने बताया कि कार्यक्रम के रिकॉर्डिंग का समय प्रातः 11 बजे से 12 बजे तक प्रतिदिन दूरभाष संख्या 0141-2200600,0141-2366477 रहेगा। कार्यक्रम में बाल विशेषज्ञों द्वारा बालकों में मनोरंजन के साथ-साथ बच्चों को उनके विधिक अधिकारों व शोषण, अपराधों के विरूद्ध उठाये जाने वाले कदमों की जानकारी दी जायेगी। साथ ही इसका संचालन भी स्वयं बच्चों द्वारा किया जायेगा जिसमें इच्छुक बच्चे प्रतिदिन 11 बजे से 12 बजे के मध्य अपनी कहानी, कविता, चुटकुले, गीत व अन्य कोई रचना उपर लिखे गये नम्बरों पर रिकार्ड करवा सकते है, जिन्हें वे प्रवासरित करवाना चाहते हो। इस कार्यक्रम में भाग लेने के लिए सीधे रिकार्डिंग अथवा इस कार्यालय को ऑडियों क्लिप द्वारा व्हाटसअप, ई-मेल प्रेषित करवाई जा सकती है।
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18वर्ष से कम आयु के बालक, बालिकाओं को बाल श्रमिक के रूप में नियोजित नहीं करें
सीकर 11 जून। अन्र्तराष्ट्रीय बाल श्रम निषेध दिवस (12 जून) के अवसर पर बाल कल्याण समिति अध्यक्ष डॉ. आर.एल. मिश्रा एवं सहायक निदेशक बाल अधिकारिता प्रियंका पारीक ने सीकर जिले में स्थित सभी होटल, रेस्टोरेंट, ढाबा, ईटभट्टों एवं अन्य समस्त व्यावसायिक संस्थाओं से कहा है कि वे अपने प्रतिष्ठानों में 18 वर्षों से कम आयु के बालक, बालिकाओं को अपने प्रतिष्ठानों में बाल श्रमिक के रूप में नियोजित नहीं करें। उन्होंने बताया कि किशोर न्याय (बालकों की देखरेख एवं सरंक्षण) अधिनियम 2015 की धारा में नाबालिग बालक, बालिकाओं को श्रमिक के रूप में नियोजन दण्डनीय अपराध है जिसमें सजा व जुर्माना दोनों का प्रावधान है। बाल कल्याण समिति एवं बाल अधिकारिता विभाग अभिभावकों से भी आग्रह करता है कि अपने बालकों को बालश्रम के स्थान पर उन्हें बाल अधिकार प्रदान करते हुए शिक्षा से जोड़े यदि इस में कोई कठिनाई हो तो वे बाल कल्याण समिति एवं बाल अधिकारिता विभाग सीकर से सम्पर्क कर सकते है।
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दांतारामगढ़ तहसील क्षेत्र के राजस्व ग्राम शिश्यू के वार्ड नम्बर 5, सीकर तहसील क्षेत्र के राजस्व ग्राम श्यामगढ़ तथा सीकर शहर के मोचीवाडा क्षेत्र को किया शून्य आवागमन क्षेत्र घोषित
सीकर 11 जून। जिला कलेक्टर एवं जिला मजिस्टे्रट यज्ञ मित्र सिंहदेव ने आदेश जारी कर जिले के दांतारामगढ़ तहसील क्षेत्र के राजस्व ग्राम शिश्यू के वार्ड नम्बर 5 में गणेश जी के मंदिर से अस्पताल चौक तक, सीकर तहसील क्षेत्र के राजस्व ग्राम श्यामगढ़ में खण्डेला-श्यामगढ़ आम रास्ते पर महावीर व सावंरमल के मकान से महेश गुर्जर के मकान तक तथा सीकर शहर के मोचीवाडा रोड़ पर न्यू ताज होटल से शुरू होकर टीलू हाजी मार्केट को शामिल कर उत्तर की तरफ चलकर शबाना के घर से होते हुए दीपक जनरल स्टोर को शामिल कर मूंशी तेली के मकान एवं सनराइज वैरायटी स्टोर तक के क्षेत्र को शून्य आवागमन क्षेत्र घोषित किया है। यह आदेश 11 जून 2020 से 22 जून 2020 तक की मध्य रात्रि तक प्रभावी रहेगा। आदेश का उल्लंघन करने पर भारतीय दण्ड संहिता की धारा 188,269,270 एवं राजस्थान एपीडेमिक डिजेज नियम 1957 एवं आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 के प्रावधानों के अन्तर्गत अभियोजित किया जा सकेगा।
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एनएसडीएल द्वारा राज्य कर्मचारियों के प्रान जनरेशन की ऑनलाइन प्रक्रिया प्रारम्भ
सीकर 11 जून। राज्य बीमा एवं प्रावधायी निधि विभाग की उपनिदेशक योगबाला सुण्डा ने बताया कि राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली के नवनियुक्त कार्मिकों के प्रान ऑनलाइन जारी करने के लिए सीआरए द्वारा ऑनलाइन प्रान जनरेशन मॉड्यूल (ओपीजीएम) विकसित किया गया है।
एनपीएस योजना में नवनियुक्त राज्य कर्मचारियों के प्रान जनरेशन के लिए आहरण वितरण अधिकारी द्वारा फॉर्म ऑनलाइन भरा जावेगा। इस के लिए आहरण वितरण अधिकारियों को https://cra-nsdl.com/CRA/ पर लॉगिन के लिए पूर्व प्रदत लॉगिन आईडी के माध्यम से लॉगिन करना होगा। आहरण वितरण अधिकारी की लॉगिन आईडी के पासवर्ड नहीं होने की परिस्थिति में रिसेट करवाने के लिए इस कार्यालय की ई-मेल आईडी dd.sik.sipf@rajasthan.gvo.in पर प्रार्थना पत्र ई-मेल कर प्राप्त किये जा सकेंगें। सब्स्क्राइबर रजिस्ट्रेशन लिंक का प्रयोग कर सभी आवश्यक प्रविष्ठियां यथा जन्म दिनांक, नियुक्ति तिथि, सेवा निवृति तिथि, मनोनीत का विवरण एवं बैंक विवरण आदि पूर्ण करनी होगी। फॉर्म सबमिट करने से पूर्व समस्त प्रविष्ठियों की शुद्धता का सत्यापन संबंधित अधिकारी व कर्मचारी द्वारा कर लिया जाना अत्यावश्यक है। फॉर्म भरकर सबमिट करने पर एक 17 अंकों का एक्नोलेजमेंट नंबर जनरेट होगा। ऑनलाइन भरे गए फॉर्म को दो प्रतियों में प्रिंट कर मय आवश्यक दस्तावेज (बैंक, पासबुक का प्रतिलिपि, निरस्त चैक एवं पैन कार्ड) के राज्य बीमा एवं प्रावधायी निधि विभाग, सीकर में जमा करवाना होगा। विभाग द्वारा इस फॉर्म को सेन्ट्रल रिकार्ड कीपिंग एजेंसी को अग्रेषित किया जावेगा। जिसके आधार पर सीआरए द्वारा अधिकतम 72 घंटे में अंशदाता को प्रान आवंटित कर दिया जायेगा, जिसकी सूचना संबंधित कर्मचारी को ई-मेल अथवा मोबाइल नंबर पर एसएमएस द्वारा प्राप्त हो जायेगी। उन्होंने बताया कि समस्त आहरण वितरण अधिकारी इन निर्देशों की पालना सुनिश्चित करावें।
*राज्य के बाहर यात्रा करने के लिए व्यक्तियों को पास की आवश्यकता रहेगी*
सीकर 10 जून। जिला कलेक्टर यज्ञ मित्र सिंहदेव ने आदेश जारी कर अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह विभाग के निर्देशों की अनुपालना में राज्य के बाहर यात्रा करने के लिए व्यक्तियों को पास की आवश्यकता रहेगी।
अतिरिक्त जिला कलेक्टर जयप्रकाश ने बताया कि एक जून 2020 से लॉकडाउन के चरणबद्ध खुलने के पश्चात राज्य में कोविड-19 की अप्रत्याशित वृद्धि हुई है। उन्होंने बताया कि वर्तमान मुक्त आवागमन व्यवस्था में कुछ व्यक्ति, जो हॉटस्पॉट, अन्य क्षेत्र से थे, वे कोविड टेस्ट के पश्चात एवं रिपोर्ट आने से पूर्व अन्य राज्यों में चले गये एवं जाने के पश्चात उनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई है, ऎसे में जाने वाले क्षेत्र में भी वे खतरा उत्पन्न कर सकते है, जिससे संक्रमण की आशंका बहुत ज्यादा रहती है। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार द्वारा गृह विभाग के माध्यम से नोटिफिकेशन जारी किया गया है कि राज्य में अन्य राज्यों से जो भी व्यक्ति आते है वे 24 मई 2020 की गृह विभाग की गाईड लाईन के अनुसार आते रहेंगे।
अतिरिक्त जिला कलेक्टर ने बताया कि जो भी व्यक्ति ट्रेन, बस के माध्यम से आयेंगे वे जैसे ही रेलवे स्टेशन पर पहुंचेंगे तो उनकी दुबारा से स्क्रीनिंग की जायेगी, इसी तरह से सड़क मार्ग से निजी बस, टैक्सी, निजी परिवहन के द्वारा आयेंगे तो बॉर्डर पर चैकपोस्ट स्थापित किया जायेगा जहां पर सभी व्यक्तियों की स्क्रीनिंग की जायेगी और उनकी व्यक्तिगत आईडी चैक की जायेगी। राज्य के बाहर जो भी व्यक्ति प्रस्थान करेंगे, जिले से अन्य राज्यों में जिन व्यक्तियों को जाना है उनके लिए पास की आवश्यकता रहेगी। ऎसे व्यक्तियों को पास जिला कलेक्टर, जिला पुलिस अधीक्षक, संबंधित उपखण्ड मजिस्ट्रेट, संबंधित पुलिस उप अधीक्षक, संबंधित थाना अधिकारी जारी कर सकेंगे। जो भी पास जारी किये जायेंगे वो अतिआवश्यक परिस्थितियों में ही जारी किये जायेंगे। इनके माध्यम से जितने भी पास जारी होंगे उनकी प्रत्येक दिन की सूचना जिला कलेक्टर एवं जिला पुलिस अधीक्षक को देंगे। ऎसे व्यक्ति जो राज्य के बाहर राजस्थान रोड़वेज की बस या अधिकृत चाहे ट्रेन के माध्यम से आवागमन करेंगे या राज्य के बाहर जायेंगे उनके लिये यात्रा से पहले ऑनलाईन बुकिंग करायेंगे। रोड़वेज बस स्टेण्ड पर पहुंचते है तो वहां पर भी संबंधित एसडीएम के द्वारा ऎसी व्यवस्था की जाने का प्रयास किया जायेगा ताकि उनकों कोई समस्या नहीं हो। जिला प्रशासन ने सीएमएचओ को निर्देश दिये है कि जिले के समस्त रेलवे स्टेशन, रोड़वेज बस स्टैण्ड पर स्क्रीनिंग की व्यवस्था की जावें जो कि रेल, बस से आने व जाने वाले व्यक्तियों की शत-प्रतिशत स्कीनिंग करना सुनिश्चित करेंगे। स्क्रीनिंग करने के उपरान्त यदि कोई संक्रमित व्यक्ति पाया जायेगा तो क्वारेंटाईन की कार्यवाही की जायेगी अथवा आवश्यकतानुसार सैम्पलींग की कार्यवाही की जायेगी।
लाईट्स सॉफ्टवेयर में दर्ज न्यायिक प्रकरणों की सूचना अपडेट करें ः जयप्रकाश
सीकर 10 जून। अतिरिक्त जिला कलेक्टर एवं अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट जयप्रकाश ने समस्त जिला स्तरीय अधिकारी व नोडल अधिकारी से कहा है कि लाईट्स वेबसाईट पर न्यायिक प्रकरणों को दर्ज करने व अपडेट करने के संबंध में अपने-अपने कार्यालयों के न्यायिक प्रकरणों को नियमित रूप से अपडेट करें एवं 17 जून 2020 से पूर्व अपनी रिपोर्ट ई-मेल के माध्यम से भिजवायें।
उन्होंने निर्देश दिये कि लाईट्स वेबसाईट पर सभी न्यायिक प्रकरणों को दर्ज करें, बकाया जवाबदावों में न्यायालय में जवाबदावा प्रस्तुत कर लाईट्स वेबसाईट पर प्रविष्ट करें। लाईट्स वेबसाईट में मासिक प्रगति रिपोर्ट समस्त कार्यालयों द्वारा आवश्यक रूप से प्रतिमाह की 5 तारीख तक इंद्राज करें। लाईट्स वेबसाईट पर दर्ज न्यायिक प्रकरणों में अपीलान्ट, रेस्पॉन्डेंट, राजकीय अधिवक्ता एवं लाईट्स वेबसाईट से जनरेट टॉकिंग पॉईन्ट की प्रति भी भिजवायें तथा लाईट्स वेबसाईट के सभी फॉरमेटों में दर्ज होने वाली सूचना का अंकन करना सुनिश्चित करेंं। उन्होंने निर्देश दिये कि लाईट्स सॉफ्टवेयर में दर्ज न्यायिक प्रकरणों में पालना, अपील से शेष न्याययिक प्रकरणों का निस्तारण करें एवं अगर इन प्रकरणों में पालना, अपील कर दी गयी है तो इनकी सूचना का इंद्राज लाईट्स वेबसाईट पर भी किया जाना सुनिश्चित करें।
*सरकार द्वारा प्रायोजित योजनाओं में जरूरतमंद लोगों को ऋण सहायता उपलब्ध करायें - जिला कलेक्टर*
*जिला स्तरीय समन्वय समिति की बैठक आयोजित*
सीकर 10 जून। जिला कलेक्टर यज्ञ मित्र सिंहदेव की अध्यक्षता में जिला स्तरीय बैंकर्स समन्वय समिति की बैठक बुधवार को आयोजित की गई। जिला कलेक्टर ने बैठक में बैंकर्स को निर्देशित किया कि सरकार द्वारा प्रायोजित योजनाओं में जरूरतमंद लोगों को ऋण सहायता उपलब्ध करायें। उन्होंने कहा कि बैंकों एवं सम्बन्धित सरकारी विभागों को आपस में बेहतर तालमेल बनाकर अधिक से अधिक जरूरतमंद लोगों को ऋण उपलब्ध करवायें ताकि वे अपना स्वरोजगार स्थापित कर समाज की मुख्यधारा से जुड़ सके।
उन्होंने कहा कि सरकार की एनआरएलएम,एनयूएलएम, पीएमईजीपी, पोप योजनाओं में सभी बैंकों को लक्ष्य आंवटित कर ऋण आवेदनों को स्वीकृत करने की कार्यवाही की जाना सुनिश्चित करें। जिला कलेक्टर ने बैंकर्स को निर्देश दिए कि सभी बैंक ऋण आवेदनों की सघन मोनिटरिंग करते हुए तीन गुणा ऋण आवेदन पत्र स्वीकृत करते हुए स्वयं सहायता समूहों के ऋण आवेदनों को प्राथमिकता से स्वीकृत करावें। उन्होंने कहा कि जिले में लॉकडाउन के दौरान 70 हजार के करीब प्रवासी श्रमिक भी आए है। उनकों भी ऋण स्वीकृत कर रोजगार उपलब्ध कराना है जिसके लिए कार्य योजना बनाकर कार्य किया जाए।
जिला कलेक्टर ने अग्रणी जिला प्रबंधक को निर्देशित किया कि बैंकों की विभिन्न योजनाओं में ऋण उपलब्ध करवाने की आम जन को अवेयरनेस करने के लए विभिन्न सेमीनारों का आयोजन कर उनमें योजनाओं के ब्रोशर, पम्पलेट वितरण किया जाए। उन्होंने जिला उद्योग केन्द्र के महाप्रबंधक से कहा कि मुख्यमंत्री लघु उद्योग प्रोत्साहन योजना राज्य सरकार की फ्लेगशिप योजना है जिसमें उद्यम स्थापित करने पर 10 करोड़ रूपये तक की राशि का ऋण मुहैया कराया जाता है जिसके लिए जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी से समन्वय स्थापित कर सभी विकास अधिकारियों को योजना में लक्ष्य आंवटित किए जाएं। उन्होंने निर्देश दिए कि समस्त बैंकर्स वर्ष 2022 तक किसानों की आय दुगुनी करने के लिए उन्हें कृषि, डेयरी, दुग्ध पालन, मुर्गी पालन, बकरा पालन में ऋण देने के लिए कृषक सेमीनार आयोजित कर उसमें जिले के प्रगतिशील कृषकों को आमंत्रित कर कृषि की नवीनतम तकनीकी जानकारी, नवाचारों से अवगत करावें।
जिला कलेक्टर ने निर्देश दिये कि पंजाब नेशनल बैंक द्वारा आर.से.टी. में जरूरतमंद 3057 युवाओं को स्वरोजगारन्मुखी प्रशिक्षण दिया गया है, जिन्हें आवश्यक ऋण स्वीकृत किया जाए ताकि वे स्वयं का व्यवसाय शुरू कर आत्म निर्भर बन सके।
अग्रणी जिला प्रबंधक ताराचंद परिहार ने बैंकर्स से कहा कि वे वित्तिय साक्षरता के संबंध में सभी ग्रामीण शाखाओं से एक गांव में माह में एक दिन साक्षरता कैम्प आयोजित कर इन कैम्पों के माध्यम से बैंकों के आधारभूत उत्पादों की जानकारी ग्रामीणों को देवें। उन्होंने बताया कि माह मार्च 2020 तक तिमाही में कुल 123 कैम्पों के माध्यम से 5961 लोगों को बैंकों की विभिन्न योजनाओं की जानकारी दी गई।
बैठक में नाबार्ड के प्रबंधक एम.एल मीना ने प्राथमिकता क्षेत्र के अन्तर्गत सीकर जिले में विभिन्न बैंको की वित्तीय वर्ष र्वष 2019-20 की स्थिति में र्वाषिक ऋण योजना के अन्तर्गत उपलब्धियों की विस्तार से समीक्षा की तथा बैंको को प्राथमिकता क्षेत्रों विशेषकर कृषि, कमजोर वर्गों और एमएसएमई उद्योगों को ज्यादा से ज्यादा ऋण देने का निर्देश दिया । साथ ही, सभी बैंकों द्वारा कृषि से संबंधित गतिविधियों एवं स्वयं सहायता समूहों के लिए भी अधिक से अधिक ऋण देने के लिए बैंकों को निर्देश दिए ।
उन्होंने बताया कि नाबार्ड द्वारा प्रत्येक वर्ष देश के सभी जिलों के लिए संभाव्यता ऋण योजना (पीएलपी) तैयार किया जाता हैं जिसके आधार पर ही जिले की र्वाषिक ऋण योजना बनाई जाती हैं । उन्होंने बताया कि वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए पीएलपी की थीम किसानों की आय में वृद्धि के लिए कृषि उत्पादों का समूहन हैं और पीएलपी के सभी अध्याय, आधारभूत सुविधाओं एवं सहायक सेवाओं की उपलब्धता और अंतर, आदि पर विस्तार से चर्चा की तथा सभी बैंकों एवं सरकारी विभागों से सुझाव मांगे ।
उन्होंने कहा कि भारत सरकार के निर्देशानुसार बैंको द्वारा जिले के सभी पीएम किसान लार्भाथियों एवं सीकर झुंझुनू जिला दुग्ध संघ से जुड़े हुए सभी दुग्ध उत्पादक किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) मिशन मोड में उपलब्ध करवाना हैं ।
केंद्र सरकार द्वारा वर्ष 2022 तक किसानों की आय दुगना करने के लक्ष्य को देखते हुए डीडीएम नार्बाड एम एल मीना ने बताया कि किसानों को परंपरागत कृषि से आगे बढ़कर नई तकनीकी का सहारा लेना होगा और कृषि में अधिक से अधिक निवेश ऋण को बढ़ावा देना होगा । फसल उत्पादन के अलावा किसानों को डेयरी, मुर्गीपालन, मछलीपालन, भेड़पालन, बकरीपालन, आदि से भी अपनी आय में बढ़ोतरी कर सकते हैं । साथ ही, नर्सरी, ग्रीन हाउस, पाली हाउस, सब्जी उत्पादन और नकद फसलो को प्राथमिकता देनी होगी ताकि किसान की आय में वृद्धि हो सके ।
बैठक में जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी जे.पी बुनकर ने समस्त बैंकर्स को निर्देश दिए कि जिले के प्रवासी श्रमिकों को जॉब कार्ड बनाकर मनरेगा में रोजगार दिया जाएगा जिसके लिए वे प्रवासी श्रमिकों का बैंक खाता खोल कर उसे आधार कार्ड से लिकेंज करवायें।
बैठक में उपनिदेशक कृषि शिवजीराम कटारिया, सहायक निदेशक उद्योग मंजुल लुहानी, एमडी सीसीबी बी.एल मीणा सहित विभिन्न बैंकों के प्रतिनिधियों, जिला समन्वयकों, विभागों के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया।