इस मौके पर जिला कलक्टर वर्मा ने संबंधित अधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि स्वच्छ भारत मिशन का यह दूसरा चरण अत्यंत महत्त्वपूर्ण है। इसलिए सरकार की गाइडलाइन के अनुसार स्वच्छता से जुड़े कार्यों को अंजाम दें ताकि ताकि इसकी क्रियान्विति पर समुचित परिणाम मिल सकें और जिले में स्वच्छता कार्य आगे बढें। विस्तृत परियोजना प्रतिवेदन के अनुसार प्रत्येक गतिविधि को टाइम लाइन के अनुसार किया जाना सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि विभिन्न कार्यों के साथ-साथ जन-जागरुकता की गतिविधियां महत्त्वपूर्ण हैं। कमेटी से जुड़े समस्त अधिकारी एवं विभाग भी इस अभियान में सक्रिय भागीदारी निभाएं और देखें कि किस प्रकार इस कार्यक्रम के तहत बेहतरीन काम हो सकता है।
सीईओ सत्तार खान ने बताया कि स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के दूसरे चरण में ठोस एवं तरल कचरा प्रबंधन के लिए स्वच्छ भारत मिशन, 15वें वित्त आयोग एवं महानरेगा योजना के कन्वर्जेशन से 56 गांवों के लिए 2152.96 लाख की कार्ययोजना तैयार की गई है, जिसमें से 747.67 लाख रुपए ठोस एवं 1405.33 लाख रुपए तरल अपशिष्ट प्रबंधन के लिए खर्च किए जाने है। उन्होंने बताया कि ठोस एवं तरल कचरा प्रबंधन के लिए सोखता गढ्ढा, मैजिक पिट, लिच पिट, नालियों की सफाई, मरम्मत व निर्माण किया जाना है। एसीईओ डॉ नरेंद्र चौधरी ने प्रस्तावित डीपीआर और की जाने वाली गतिविधियों की जानकारी दी।
इस दौरान एसबीएम जिला समन्वयक श्याम लाल शर्मा, वाटरशेड एसई विनोद कुमार धारीवाल, एक्सईएन रमजान अली, सहायक निदेशक (जनसंपर्क) कुमार अजय, पीएचईडी एक्सईएन रामकुमार झाझड़िया, डीपीसी सरला जांगिड़, दीपक कपिला, मुख्य परियोजना अधिकारी सहित अधिकारीगण मौजूद रहे।