शहीद की माता को सौपा 45 लाख का चैक / शनिवार को शहरी क्षेत्र के 16 एवं ग्रामीण क्षेत्र के 32 स्थानों पर लेगेंगे वैक्सीनेशन शिविर

झुंझुनूं, 02 जुलाई। राज्य सरकार द्वारा मुख्यमंत्री सहायता कोष से जिले के छावसरी निवासी शहीद छत्रपाल सिंह की माता शशिकला देवी को 45 लाख रुपए का चैक शुक्रवार को जिला कलेक्टर उमरदीन खान द्वारा सौंपा गया। जिला सैनिक कल्याण अधिकारी कमाण्डर परवेज अहमद हुसैन ने बताया कि सिपाही छत्रपाल सिंह 15 जून  2015 को 4 पैरा रेजिमेंट में भर्ती हुए थे, जो अविवाहित थे। 5 अप्रेल 2020 को ऑपरेशन रक्षक में कुपवाड़ा जम्मू कश्मीर में शहीद हो गए थे। शुक्रवार को जिला कलक्टर ने उनकी माता को 45 लाख रुपए का चेक सौंपा। जिला सैनिक कल्याण अधिकारी नें बताया कि शहीद की माता जी को 5 लाख रूपये पूर्व में तत्काल सहायता के रूप में दिये जा चुके हैं और अब 45 लाख का भुगतान किया गया है। कुल 50 लाख का भुगतान कर दिया गया है। इस मौके पर कार्यालय के सहायक प्रशासनिक अधिकारी प्रेम प्रकाश, श्रीमती सुधीरा देवी, शहीद के भाई सुर्य प्रताप सिंह उपस्थित रहे।

शनिवार को शहरी क्षेत्र के 16 एवं ग्रामीण क्षेत्र के 32 स्थानों पर लेगेंगे वैक्सीनेशन शिविर

झुंझुनूं, 02 जुलाई। जिले में 18 वर्ष एवं इससे अधिक समस्त आयु वर्ग के लोगों को कोविड 19 के संक्रमण की रोकथाम के मध्येनजर प्रथम एवं द्वितीय डोज लगाए जाने हैं। इसके लिए शनिवार को सुबह 8 से शाम 5 बजे तक शहरी क्षेत्र के 16 एवं ग्रामीण क्षेत्र के 32 निर्धारित स्थानों पर टीकाकरण किया जाएगा। जिला कलक्टर उमर दीन खान ने बताया कि शनिवार को झुंझुनू ब्लॉक में पीएचसी बसंत विहार, पीएचसी सीटी डिस्पेंसरी, जिला अस्पताल, बगड़ एवं मण्डावा सीएचसी, चिड़ावा में राजकीय बाउमावि, सूरजगढ़ में सीएचसी पिलानी एवं सूरजगढ़, खेतड़ी में सीएचसी खेतड़ी एवं जयसिंह सीनियर सैकेडरी स्कूल, उदयपुरवाटी में सीएचसी उदयपुरवाटी एवं डोकानिया गेस्ट हाउस, मलसीसर में सीएचसी बिसाऊ, नवलगढ़ ब्लॉक में सेटेलाईट उप जिला अस्पताल, यूपीएचसी नवलगढ़, सीएचसी मुकुन्दगढ़ में वैक्सीनेशन किया जाएगा। आरसीएचओ डॉ. दयानंद सिंह ने बताया कि कोविन सॉफ्टवेयर पर पंजीकरण करने के बाद प्री अप्रोईमेंट बुक कराकर ही सत्र स्थल पर पंहुचे।

     शनिवार को बाडेट, टमकोर, धूनरी, टांई, अरड़ावता, चनाना, लाम्बा, बख्तावरपुरा, देवरोड़, बनगोठड़ी कलां, काजड़ा, किड़वाना, बड़बर, भालोठ, भैसावता खुर्द, ढाढोत कला, जसरापुर, मेहाड़ा जाटूवास, पपुरना, बड़ाउ, जाखल, परसरामपुरा, डूण्डलोद, बड़वासी, गुड़ा, पचलंगी, जैतपुरा, भौड़की, लालपुर, बाकरा, सिरियासर कलां, नूआं मंंे वैक्सीनेशन शिविर आयोजित किए जाएंगे। ग्रामीण क्षेत्रों में 18 वर्ष एवं इससे अधिक सभी आयु वर्ग के लोगों के रजिस्टे्रशन वैक्सीनेशन के शिविर स्थल पर ही किए जाएंगे। संबंधित ग्राम पंचायत के सरपंच एवं ग्राम विकास अधिकारी वैक्सीनेशन स्थल पर छाया, पानी, बैठक व्यवस्था के साथ -साथ टोकन बनाकर अपने स्तर से वितरण करवाने की व्यवस्था करेंगे। इन टोकनों के आधार पर ही वैक्सीनेशन किया जाएगा, अन्य किसी व्यक्ति का कोविड वैक्सीनेशन साईट पर वैक्सीनेशन नहीं किया जाएगा।

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स्वरोजगार व शिक्षा ऋण के लिए आवेदन आमंत्रित

झुंझुनूं, 02 जुलाई। जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी मो. अनीस ने बताया कि जिला अल्पसंख्यक कल्याण कार्यालय के माध्यम से राजस्थान अल्पसंख्यक वित्त एवं विकास निगम द्वारा अल्पसंख्यक वर्ग को आसान दरों पर स्वरोजगार व शिक्षा के लिए ऋण उपलब्ध करवाये जाएंगे। निगम द्वारा वर्ष 2021-22 के लिए ऑफलाईन आवेदन आमंत्रित किये गए हैं। इच्छुक आवेदनकर्ता कार्यालय समय में आवेदन प्राप्त कर सकते हैं। ऋण के संबंध में अधिक जानकारी के लिए कार्यालय के दूरभाष नम्बर 01592-232032 पर सम्पर्क किया जा सकता है।

अब नहीं फूलेगा चार वर्षीय अनिल का दम, लगा सकेगा दौड़

चूरू, 02 जुलाई। राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम विभिन्न गंभीर बीमारियों से ग्रस्त जिले के बच्चों के लिए वरदान साबित हो रहा है। गंभीर बीमारी होने पर जहां एक तरफ सही व समुचित इलाज का संकट परिवार के सामने खड़ा हो जाता है, वहीं गरीब परिवारों के लिए उपचार का भारी खर्च व्यय करना भी कम परेशानी का कारण नहीं होता। आरबीएसके ऎसे बच्चों को नई जिंदगी दे रहा है।

दिल में छेद की बीमारी से जैतसर (सुजानगढ़) ग्रस्त चार वर्षीय अनिल ऎसा ही एक उदाहरण है, जहां आरबीएसके उसके परिवार के लिए खुशियों  की सौगात लेकर आया है। सीएमएचओ डॉ मनोज शर्मा बताते हैं, दिल में छेद होने के कारण थोड़ा सा चलने पर दम फूलने व थकान आने के कारण चार वर्ष का अनिल अपने साथियों से अलग-थलग ही रहता था। सुजानगढ़ के जैतसर के रहने वाले अनिल के दिल के छेद की बीमारी ने मां-बाप के रातों की नींद भी उड़ा दी थी। ऎसे में राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरबीएसके) की टीम ने आंगनबाड़ी केन्द्र पर उसकी जांच की। टीम के डॉ. धर्मेश व दीपिका ने बच्चे की जांच कर उसे चूरू के डीआईसी सेंटर पर भेजा। डीआईसी सेंटर पर मैनेजर विजेन्द्र भाटी ने जांच करवाई तो अनिल के दिल के छेद की बीमारी का खुलासा हुआ। टीम ने अनिल के उपचार के लिये उसे जयपुर में उच्च चिकित्सा संस्थान में रैफर करवाया। जयपुर के मेट्रोमास अस्पताल में अनिल के दिल के छेद का सफल उपचार 10 जून को हो गया। अनिल के उपचार पर पर करीब डेढ़ लाख रुपये का खर्चा आरबीएसके द्वारा किया गया। निःशुल्क उपचार की जानकारी मिलने पर बच्चे के मां-बाप का भी चेहरा खुशी से खिल गया। अनिल के परिजनों का कहना है कि दिल के छेद की बीमारी का महंगा इलाज करवाना उनके लिए मुश्किल होता लेकिन राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम अंतर्गत अधिकारियों, चिकित्सकों की मेहनत ने इसे हमारे लिए बहुत आसान कर दिया।

कोरोना पीड़ितों को शीघ्र दिलाएं मुख्यमंत्री कोरोना सहायता योजना का लाभ ः वर्मा

चूरू, 02 जुलाई। जिला कलक्टर साँवर मल वर्मा ने शुक्रवार को कलक्ट्रेट में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा कोरोना वैश्विक महामारी से पीड़ित परिवारों के लिए घोषित राहत पैकेज के अनुसार मुख्यमंत्री कोरोना सहायता योजना को लेकर आयोजित बैठक में संबंधित अधिकारियों से विचार-विमर्श कर आवश्यक निर्देश दिए।

इस मौके पर उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की मंशा के अनुसार पीड़ितों को योजना का शीघ्र से शीघ्र लाभ मिलना चाहिए, इसके लिए त्वरित ढंग से कार्यवाही करें। उन्होंने कहा कि सीएमएचओ द्वारा जारी मृत्यु प्रमाण पत्रों के आधार पर स्वीकृतियां जारी कर विधवा महिलाओं एवं अनाथ बालकों को योजना का लाभ दिया जाना सुनिश्चित करें। जिला कलक्टर ने एडीएम पीआर मीना से कहा कि वे योजना की समुचित मॉनीटरिंग करें, जिससे पात्र व्यक्तियों को समय पर लाभ मिल सके। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के सहायक निदेशक अशफाक खान ने बताया कि सीएमएचओ द्वारा उपलब्ध कराए गए मृत्यु प्रमाण पत्रों के आधार पर दस्तावेज तैयार किए जा रहे हैं तथा पात्र व्यक्तियों को योजना अंतर्गत लाभ दिया जाना सुनिश्चित किया जाएगा। इस दौरान आईसीडीएस उपनिदेशक डॉ नरेंद्र शेखावत, महिला अधिकारिता विभाग के सहायक निदेशक संजय कुमार, सहायक निदेशक (जनसंपर्क) कुमार अजय, बाल अधिकारिता विभाग के सहायक निदेशक आदि अधिकारी मौजूद थे।

 

अनाथ बालकों को एक लाख  एक मुश्त अनुदान

जिला कलक्टर साँवर मल वर्मा ने बताया कि मुख्यमंत्री कोरोना बाल सहायता अंतर्गत  प्रत्येक बालक-बालिका की तत्काल आवश्यकता हेतु एक लाख रुपये का एक मुश्त अनुदान दिया जायेगा। कक्षा 12वीं तक निःशुल्क शिक्षा राजकीय आवासीय विद्यालयों/ छात्रावास/ विद्यालय के माध्यम से दी जायेगी। प्रत्येक बालक/ बालिकाओं के 18 वर्ष की आयु पूर्ण करने तक 2 हजार 500 रुपये प्रतिमाह प्रति बालक/ बालिका को प्रदान किये जायेंगे। कॉलेज में अध्ययनरत छात्राओं को सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग द्वारा संचालित छात्रावासों में प्राथमकिता से प्रवेश दिया जायेगा। प्रत्येक बालक/ बालिकाओं के 18 वर्ष पूर्ण करने पर 5 लाख रुपये की एक मुश्त सहायता दी जायेगी। मुख्यमंत्री युवा संबल योजनान्तर्गत नियोजन विभाग द्वारा बेरोजगारी भत्ता दिये जाने में प्राथमिकता से लाभ दिया जायेगा।

 

विधवा महिलाओं को प्रतिमाह पेंशन

सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के सहायक निदेशक अशफाक खान ने बताया कि मुख्यमंत्री कोरोना विधवा सहायता (विधवा महिलाओं हेतु) योजना में विधवा महिला को एक लाख रुपये की एक मुश्त एक्सग्रेसिया सहायता राशि दी जायेगी। विधवा महिला को उसकी पेंशन हेतु पात्रता धारित करने की अवधि में आजीवन एक हजार 500 रुपये प्रतिमाह पेंशन प्रदान की जायेगी। विधवा महिलाओं के बच्चों को एक हजार रुपये प्रति बच्चा प्रतिमाह तथा विद्यालय की पोशाक व पाठ्यपुस्तकों के लिए सालाना 2 हजार रुपये का लाभ दिया जायेगा। विधवा महिला के बालक/ बालिका के 18 वर्ष की आयु पूर्ण करने तक एक हजार रुपये प्रति माह प्रति बालक/ बालिका को दिया जायेगा। विधवा महिला के बालक/ बालिका के 18 वर्ष की आयु पूर्ण तक विद्यालय की पोशाक, पाठ्यपुस्तकों हेतु 2 हजार रुपये प्रति बालक/ बालिका एक मुश्त वार्षिक अनुदान किया जायेगा।

 

योजनान्तर्गत वांछित दस्तावेज

मुख्यमंत्री कोरोना बाल सहायता (अनाथ बालक/ बालिका हेतु) अंतर्गत अनाथ बच्चों के संरक्षक द्वारा पालन - पोषण करने, राशन कार्ड/ मूल निवास/ किरायानामा (3 वर्ष से अधिक), बच्चों का अध्ययनरत होने के प्रमाण पत्र/ आंगनबाड़ी केन्द्र में पंजीकरण (शैक्षणिक स्थिति हेतु), कोरोना वॉरियर्स से लाभान्वित नहीं होने का प्रमाण पत्र, बालक की आयु प्रमाण पत्र (जन्म प्रमाण पत्र), जन आधार, मृत्यु प्रमाण पत्र (माता-पिता), कोविड से मृत्यु का प्रमाण पत्र आदि दस्तावेज संलग्न करने होंगे।

मुख्यमंत्री कोरोना विधवा सहायता (विधवा महिला हेतु)  के लिए राशन कार्ड/ मूल निवास/ किरायानामा (3 वर्ष से अधिक), कोरोना वॉरियर्स से लाभान्वित नहीं होने का प्रमाण पत्र, विधवा माता के बैंक खाता प्रति, जन आधार, मृत्यु प्रमाण पत्र (पति), कोविड से मृत्यु का प्रमाण पत्र आदि दस्तावेजों की जरूरत होगी। इसी प्रकार मुख्यमंत्री कोरोना पालनहार सहायता (विधवा महिला के बच्चों हेतु) के लिए राशन कार्ड/ मूल निवास/ किरायानामा (3 वर्ष से अधिक), कोरोना वॉरियर्स से लाभान्वित नहीं होने का शपथ पत्र, विधवा माता के बैंक खाता प्रति, जन आधार, मृत्यु प्रमाण पत्र (पिता), पिता के कोविड से मृत्यु होने का प्रमाण पत्र, बच्चों का अध्ययनरत प्रमाण पत्र/ आंगनबाड़ी केन्द्र में पंजीकरण, बालक की आयु प्रमाण पत्र (जन्म प्रमाण पत्र) की जरूरत होगी।


मुख्यमंत्री कोरोना सहायता योजना के प्रभावी क्रियान्वयन में जुटा जिला प्रशासन
जिला कलक्टर उमरदीन खान ने तैयार की सर्वे की रणनीति
 
झुंझूनूं, 2 जुलाई। मुख्यमंत्री कोरोना सहायता योजना के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए जिला प्रशासन जोर-शोर से जुटा है। जिला कलक्टर उमरदीन खान ने शुक्रवार को इस योजना के क्रियान्वयन के लिए संबंधित विभागों के जिला स्तरीय अधिकारियों की विशेष बैठक ली। बैठक में उन्होंने कहा कि जिले में कोरोना से अनाथ हुए बच्चों या विधवा हुई महिलाओं तक इस योजना को 100 फीसदी पहुंचाना है। कोई भी परिवार या बच्चा छूट नहीं पाए। इसके लिए विस्तृत रणनीति तैयार की गई है।
      जिला कलक्टर उमरदीन खान ने योजना के फॉर्म आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं, ग्राम पंचायत स्तर पर साथिनों, सीडीपीओ और महिला पर्यवेक्षकों को उपलब्ध करवाने के लिए कहा है। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता अपने-अपने वार्ड या गांव में घर-घर जाकर सर्वे करेंगी और कोरोना से प्रभावित परिवारों की इस योजना के तहत सहायता की जा सके, ये सुनिश्चित करेंगी।

जिला कलक्टर उमरदीन खान ने बताया कि कोरोना के अलावा भी यदि अन्य किसी कारण से भी किसी व्यक्ति की मृत्यु हुई है, तो भी उसके परिवारजनों को विधवा पेंशन और पालनहार योजना का लाभ पहुंचाया जाएगा। बैठक मे जिला कलक्टर ने शहरी क्षेत्र में विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए।

बैठक में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के सहायक निदेशक नरेश बारोठिया, सीएमएचओ डॉ. छोटेलाल गुर्जर, पीएमओ डॉ. वी.डी. बाजिया, महिला अधिकारिता विभाग के उपनिदेशक विप्लव न्यौला, महिला एवं बाल विकास विभाग के उपनिदेशक विजेन्द्र सिंह राठौड़, बाल अधिकारिता विभाग की सहायक निदेशक प्रिया चौधरी और जिला रसद अधिकारी कपिल झाझड़िया मौजूद रहे।

 

री-सर्वे होगा, इन नंबर पर दे सकते हैं सूचना

जिला कलक्टर उमरदीन खान के निर्देशानुसार कोरोना से अनाथ हुए सभी बच्चों तक सहायता पहुंचाने के मकसद से जिले भर में ग्राम पंचायत स्तर पर साथिनों द्वारा सर्वे किया जाएगा। सर्वे के आधार पर शामिल परिवारों के आवेदन पत्र भरवाकर उन्हें सहायता राशि प्रदान की जाएगी। जिला कलक्टर यूडी खान ने अपील की है कि यदि किसी कारणवश कोई परिवार सर्वे में छूट भी जाता है, तो उस परिवार के परिचित, मित्र या परिजन सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के सहायक निदेशक के दूरभाष नं 01592-232884, महिला अधिकारिता विभाग के उपनिदेशक के दूरभाष नं 01592-237148, महिला एवं बाल विकास विभाग के उपनिदेशक 01592-237148 और बाल अधिकारिता विभाग की उपनिदेशक के दूरभाष नं 01592-238984 पर सूचना दे सकते हैं। इसके अलावा सखी वन स्टोप सेंटर के दूरभाष नंबर 01592232453 पर भी सूचना दे सकते हैं।

 यह लाभ मिलेंगे योजना में:

कोरोना के कारण माता-पिता दोनों को अथवा एकल जीवित माता या पिता को खोने वाले बेसहारा बच्चों को ‘मुख्यमंत्री कोरोना बाल कल्याण योजना‘ के तहत तत्काल सहायता के रूप में एक लाख रूपये का एकमुश्त अनुदान तथा 18 वर्ष पूरे होने तक ढ़ाई हजार रूपये की राशि प्रतिमाह दी जाएगी। अनाथ बालक-बालिका के 18 वर्ष की उम्र होने पर उसे 5 लाख रूपये एकमुश्त सहायता दी जाएगी। ऎसे बच्चों को 12वीं कक्षा तक पढाई की सुविधा आवासीय विद्यालय अथवा छात्रावास के माध्यम से निःशुल्क उपलब्ध कराई जाएगी। जबकि कॉलेज में अध्ययनरत छात्राओं को सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग द्वारा संचालित छात्रावासों में प्राथमिकता के आधार पर प्रवेश दिया जाएगा। कॉलेज में पढ़ने वाले बेसहारा छात्रों को ‘अंबेडकर डीबीटी वाउचर योजना‘ का लाभ मिलेगा। कोविड महामारी से प्रभावित निराश्रित युवाओं को ‘मुख्यमंत्री युवा संबल योजना‘ के तहत बेरोजगारी भत्ता दिए जाने में प्राथमिकता दी जाएगी।

 योजना के तहत कोविड के कारण अपने पति को खो चुकी विधवा महिलाओं को भी राज्य सरकार द्वारा एकमुश्त एक लाख रूपये की सहायता अनुदान के रूप में दी जाएगी। साथ ही, ऎसी विधवाओं को प्रतिमाह डेढ़ हजार रूपये विधवा पेंशन दी जाएगी। इसके लिये आयु वर्ग एवं आय की कोई भी सीमा नहीं होगी। इन विधवाओं के बच्चों को निर्वाह के लिए एक हजार रूपये प्रतिमाह तथा स्कूल ड्रेस एवं किताबों के लिए दो हजार रूपये सालाना प्रति बच्चा दिया जाएगा।