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विमंदित बच्चों की प्रतिभा को निखारने का कार्य करें ः मीणा सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग और दशरथ मनोविकास संस्थान के संयुक्त तत्वावधान में शुक्रवार को समाज कल्याण सप्ताह का हुआ समापन

 राज्य सरकार दिव्यांगजनों के उत्थान के लिए प्रतिबद्ध है: डॉ.यादव


विमंदित बच्चों की प्रतिभा को निखारने का कार्य करें ः मीणा
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग और दशरथ मनोविकास संस्थान के संयुक्त तत्वावधान में शुक्रवार को समाज कल्याण सप्ताह का हुआ समापन

सीकर 08 अक्टूबर। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग और दशरथ मनोविकास संस्थान के संयुक्त तत्वावधान में शुक्रवार को एक से 7 अक्टूबर तक आयोजित समाज कल्याण सप्ताह का समापन हुआ।
         
 कार्यक्रम में जिला कलेक्टर ने डॉ. अमित यादव ने कहा कि राज्य सरकार दिव्यांगजनों के उत्थान के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि दिव्यांगजन समाज का अभिन्न अंग है। हमें उनके साथ सहानुभुति रखते हुए बरताव करना चाहिए तथा  राज्य सरकार द्वारा दिव्यांगजनों को स्कुटी, ट्राईसा​ईकिल, केलीपर, छात्रवृति देने के साथ ही उनके कल्याण के लिए अनेक योजनाओं का क्रियान्वयन कर रही हैं, जिसका उन्हें लाभ  उठाना चाहिए। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन उनकी हर संभव मदद करने के लिए तैयार खड़ा है। समारोह में जिला कलेक्टर ने दिव्यांगजन रामकिशोर को माला पहनाकर स्कूटी की चाबी सौंपी।

जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव धर्मराज मीणा ने  समारोह में कहा कि विमंदित बच्चों की प्रतिभा को निखारने का कार्य समाज करें। उन्होंने कहा कि सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग की पालनहार योजना, अनुकृति योजना सहित जन कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी देवें ताकि अधिकाधिक दिव्यांगजन इनसे लाभान्वित हो सके। उन्होंने कहा कि मानसिक रूप से विमंदित व मूकबधिर बच्चों को शिक्षा एवं व्यावसायिक प्रशिक्षण के जरिए समाज की मुख्य धारा से जोड़ने का काम करे। 
        कार्यक्रम में सहायक निदेशक सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता ओमप्रकाश राहड़ ने अतिथियों का धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि जिले के स्वैच्छिक संगठन सामाजिक सरोकारों के कार्य में सदैव आगे रहते है। कार्यक्रम में कस्तुरबा सेवा संस्थान, परमार्थ सेवा संस्थान, वात्सल्य सेवा संस्थान के छात्र—छात्राओं ने गीतों के माध्यम से रंगारंग प्रस्तुतियां दी।
     समारोह में दशरथ मनोविकास संस्थान के संरक्षक जयप्रकाश शर्मा, सचिव धर्मेन्द्र शर्मा, हर्ष सरपंच प्रतिनिधि छीतरमल,सहायक निदेशक जन सम्पर्क पूरण मल, सहायक निदेशक पर्यटन अनु शर्मा, सहायक निदेशक बाल संरक्षण इकाई प्रियंका पारीक, ब्लॉक सामाजिक सुरक्षा अधिकारी पिपराली भंवर लाल गुर्जर,छात्रावास अधीक्षक मनोज कुमार जाट , हरिनारायण सिंह, कस्तुरबा सेवा संस्थान, परमार्थ सेवा संस्थान, वात्सल्य सेवा संस्थान के छात्र, छात्राएं उपस्थित रहें। 
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कोविड-19 से मृत व्यक्तियों के परिजनों के अनुग्रह राशि के लिए आवेदन आमंत्रित
सीकर, 8 अक्टूबर। राज्य सरकार की ओर से कोविड-19 से मृत व्यक्तियों के परिजनों को अनुग्रह राशि दी जाएगी। इसके लिए आवेदन आमंत्रित किए गए हैं।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ निर्मल सिंह ने बताया कि कोविड 19 से मृत व्यक्ति के रिश्तेदार/परिजनों को राज्य सरकार द्वारा 50 हजार रूपए की अनुग्रह सहायता राशि दी जाएगी। कोविड 19 से ग्रसित होने के बाद अस्पताल व घर पर जिनके परिजनों, रिश्तेदारों की मृत्यु हुई हैं और जिनके मृत्यु प्रमाण पत्र में मृत्यु का कारण कोविड 19 दर्ज है वे लोग आवेदन कर सकते हैं। इसके अलावा वे व्यक्ति जिनकी मृत्यु, कोविड जांच में पॉजिटिव आने की दिनांक अथवा क्लीनिकली कोविड पॉजिटिव पाए जाने के तीस दिवस के भीतर हुई है, भले ही ऐसी मृत्यु अस्पताल के बाहर हुई हो एवं व्यक्ति इससे पूर्व कोविड नगेटिव हो चुका है तथा ऐसे कोविड पॉजिटिव रोगी जिनकी मृत्यु निरंतर अस्पताल में भर्ती रहने के दौरान हुई है, भले ही वे नगेटिव आ गया हो ऐसे मृत व्यक्तियों के परिजन/ रिश्तेदार आवेदन कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि कोविड 19 मृत्यु का प्रमाण पत्र संबंधित अस्पताल द्वारा जारी किया जाएगा। यदि मृत्यु हुई है। अन्य सभी प्रकरणों में जिला कलक्टर स्तर पर राज्य सरकार द्वारा गठित कमेटी द्वारा निर्णय लिया जाएगा। कोविड 19 मृत्यु प्रमाण पत्र के आधार पर मृत व्यक्ति के रितेदार/परिजनों द्वारा आवेदक का जनाधार, आधार, मृतक का कोविड मृत्यु प्रमाण पत्र, मृतक से आवेदन के संबंध के दस्तावेज आदि सहित ई मित्र के माध्यम से राजस्थान डॉट जीओवी डॉट इन पर निःशुल्क ऑनलाइन आवेदन किया जा सकता हैं अधिक जानकारी के लिए वेबसाइटhttps://sje.rajasthan.gov.in से ली जा सकती है।

सीईओ जिला परिषद  जवाहर चौधरी रहे तूफानी दौरे  पर 
जवाहर चौधरी मुख्य कार्यकारी अधिकारी जिला परिषद झुंझुनू  ने आज सहायक अभियंता अमित चौधरी के साथ झुंझुनू पंचायत समिति  की ग्राम  पंचायतों के तूफानी दौरे पर रहे . उन्होंने इस दौरान 5 ग्राम पंचायतों में  महानरेगा व अन्य योजनाओं के विकास कार्यों का निरीक्षण किया . ग्राम पंचायत पुरोहितों की ढाणी मे पोषण वाटिका , ग्राम पंचायत खाजपुर में जोहड़ खुदाई कार्य कार्य का निरीक्षण किया एवं अच्छे कार्य निष्पादन पर संतुष्टि जताई  . वहां उपस्थित लेबर से उनको आ रही मजदूरी के बारे में जानकारी ली जिस पर लेबर ने ₹220 से ₹230  मजदूरी आना बताया . जोहड़  के चारों तरफ खुद ही हुई मिट्टी से अच्छी पाल बनाने के निर्देश दिए . ग्राम पंचायत इंडाली मे अमृत सरोवर कार्य का निरीक्षण किया एवं कार्य को देखकर काफी प्रसन्न हुए . अंदर बने तालाब मे  पानी खाली होने पर रेलिंग लगाने के निर्देश दिए . ग्राम पंचायत माखर की अशोक नगर श्मशान भूमि मे वृक्षारोपण एवं इंटरलॉक कार्य का निरीक्षण किया अच्छी गुणवत्ता का कार्य  व सभी 420 पौधे जीवित होने पर प्रसन्नता जताई एवं जिला परिषद सदस्य बनवारी लाल सैनी के साथ 2 पौधे भी लगाए . ग्राम पंचायत प्रतापपुरा के आदर्श नगर खेल मैदान मे विधायक कोष  माननीय बृजेंद्र सिंह ओला से बनी चार दिवारी का निरीक्षण किया निरीक्षण किया तथा अच्छा कार्य कराए जाने पर प्रसन्नता  व्यक्त की . महानरेगा मे चल रहे पौधारोपण एवं ट्रेक निर्माण कार्य का  भी निरीक्षण किया व  निर्देश दिए कि ट्रैक के साथ-साथ अन्य खेलों के ग्राउंड भी तैयार करने किए जाएं . इस दौरान पंचायत समिति झुंझुनू के सहायक अभियंता अमित  चौधरी, कनिष्ठ अभियंता गोपाल सिंह, जिला परिषद सदस्य बनवारी लाल सैनी , अशोक माखर ,रामअवतार इंडाली,    सचिन प्रतापपुरा ,ग्राम विकास अधिकारी अमित,कनिष्ठ सहायक राजेश, विनोद ,  सुनीता,इंदर सिंह , डाटा इंट्री ऑपरेटर मनीष रनवा आदि उपस्थित रहे.

शहीद सुमेर सिंह का आज होगा अंतिम संस्कार

झुंझुनूं, 7 अक्टूबर। नायब रिसलदार सुमेर सिंह बगडिया नं0 JC 248891P निवासी बगड़ीया की ढाणी, तहसील उदयपुरवाटी, जिला झुन्झुनू का 6 अक्टूबर को बबीना उत्तरप्रदेश में ड्यूटी के दौरान शहीद हो गये हैं। शहीद का पार्थिव देह 08 अक्टूबर को प्रातः तहसील गुढा ( झुन्झुनू ) पहुंचेगा। शहीद का दाह संस्कार पैतृक गांव बगड़ीया की ढाणी, तहसील उदयपुरवाटी, जिला झुन्झुनू में 8 अक्टूबर को पूर्ण राजकीय सम्मान के साथ प्रातः 11:00 बजे होगा।


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कोचिंग संस्थानों के संचालकों के साथ बैठक आयोजित 
कोचिंग संस्थानों में ब्लड सेम्पलिंग के साथ ही सीकर में छात्रावासों को रात्रि में 9.30 बजे बंद करने की सहमिति

सीकर 08 अक्टूबर। जिला कलेक्टर डॉ. अमित यादव की अध्यक्षता में शुक्रवार को कलेक्ट्रेट सभागार में सीकर में संचालित कोचिंग संस्थानों के संचालकों के साथ बैठक आयोजित की गई। बैठक में संचालकों से सुझाव भी मांगे गये।

     बैठक में जिला कलेक्टर डॉ. यादव ने कहा कि शहर में अवैध रूप से घूम रहे बच्चो पर निगरानी रखें साथ ही कोचिंग संस्थाओं में पढ़ रहें बच्चें  जो विभिन्न परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं, उन पर निगरानी रखी जाये की वे कोई गलत रास्ते पर तो नहीं जा रहे है। यदि ऐसा पाया जाये तो तुरन्त जिला प्रशासन को अवगत करवाएं। उन्होंने संचालकों से कहा कि आप सभी का सहयोग रहेगा तो किसी भी अप्रिय घटना को रोका जा सकता हैं । उन्होंने कहा कि बच्चे आपके अन्नदाता के रूप में है । कोचिंग का समय खत्म होते ही बच्चा घर पर जाएगा या फिर हॉस्टल में रहकर पढाई करें तथा कोचिंग के आसपास के एरिया को प्रतिबंधित करें  जिससे कोई भी गलत कार्य होने से रोका जा सके। उन्होंने कहा कि बच्चा हॉस्टल से बाहर जाएगा तो उसकी वजह भी आपको मालूम होनी चाहिए कि किस कार्य से जा रहा है। उन्होंने कहा कि सभी कोचिंग संस्थान अपने फायर सिस्टम को सही करें साथ ही बच्चों को जल्द सोने के लिए रूटीन बनाए ताकि बच्चों पर पढ़ाई का दबाव कम हो सकें।
         जिला कलेक्टर डॉ. यादव ने निर्देश दिये कि रात्रि 9:30 बजे बाद में कोई भी छात्र छात्रावास से बाहर किसी भी स्थिति में नहीं जाएगा। उन्होंने बताया कि प्रशासन ने छोटे बच्चों को नशा करते पकड़े जाने के साथ ही नशे के पदार्थ को बेचते हुए पुलिस प्रशासन ने काफी बच्चों को पकड़ा है। उन्होंने संचालकों से कहा कि आप भी बच्चों का पूरा ध्यान रखें की कोई बच्चा नशे का आदि तो नहीं बन रहा है। बच्चे की शा​रीरिक, मानसिक स्थिति पर ध्यान रखें तथा उनके माता-पिता को भी सूचित करें, साथ ही पुलिस लाईन के कंट्रोल रूम नंबर 01572-270037,वाट्सअप नंबर 9530431200 पर भी सूचित करें।
उन्होंने कहा कि सभी कोचिंग संस्थानों पर सीसीटीवी कैमरें लगाना सुनिश्चित करें ताकि बच्चों पर नजर रखी जा सके। अपने कोचिंग में स्टाफ के लिए एक व्हाट्सएप ग्रुप भी बनाएं जिससे किसी भी अप्रिय घटना होने पर रोका जा सके तथा पुलिस को भी सूचित किया जा सके। उन्होंने कोचिंग संस्थाओं के बाहर रोड़ पर जो अतिक्रमण कर रखे हैं, इस पर यूआईटी, नगर परिषद कार्यवाही करें साथ ही पार्किंग की व्यवस्था भी सुनिश्चित करे। 
  एसपी कुंवर राष्ट्रदीप ने कोचिंग संचालकों को स्टूडेंट का वेरिफिकेशन करवाने के निर्देश दिये। उन्होंने बताया कि पुलिस कोचिंग में रजिस्टर को चैक करेगी ताकि बच्चों के आने-जाने की समय का पता चल सकें। इसके साथ ही बच्चों के परिजनों को भी इसकी जानकारी दी जाए। कोचिंग से बच्चों के निकलने के बाद भी उनके बारे में जानकारी ली जाएगी।

पुलिस अधीक्षक ने बताया कि नशे से बच्चों को दूर करने के लिए लगातार प्रयास किए जाने चाहिए। बच्चों की रैण्डम चैकिंग बार-बार होनी चाहिए। पढ़ रहे बच्चों की ब्लड टेस्ट करवाना चाहिए। जांच के बाद रिपोर्ट से यह पता चल सकेगा कि कौनसा बच्चा नशे का उपयोग कर रहा है। इसके लिए कोचिंग संस्थान में सेमिनार भी आयोजित की जानी चाहिए जिसमें पुलिस और चिकित्सक की ओर से बच्चों का फिजिकल और नशे से दूर रहने के लिए गाइड किया जाएगा। इस दौरान बच्चे भी पुलिस से खुलकर बातचीत कर सकेंगे और गंभीर बात को भी वह साझा कर सकेंगे। उन्होंने काोचिंग संस्थान की ओर से पुलिस मित्र टीम बनाने की बात भी कही। उन्होंने बताया कि सीकर में हुक्का बार और स्पा सेंटर किसी भी हालत में  संचालित नहीं होने दिए जाएंगे तथा इन पर पुलिस की कार्रवाई लगातार जारी होगी।
बैठक में अतिरिक्त जिला कलेक्टर रतन कुमार, सहायक निदेशक प्रशासनिक सुधार विभाग राकेश लाटा, सीओ सीटी वीरेन्द्र शर्मा, जिला शिक्षाधिकारी रामचन्द्र पिलानिया,जिला परिवहन अधिकारी भारती नैथानी,विभिन्न कोचिंग संस्थानों के संचालक, बैठक से जुड़े संबंधित अधिकारियों ने हिस्सा लिया।
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पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन सैल बैठक 14 अक्टूबर को आयोजित
सीकर, 08 अक्टूबर। सदस्य सचिव एवं नोडल अधिकारी उपवन संरक्षक सीकर, वीरेन्द्र सिंह कृष्णियां ने बताया कि 14 अक्टूबर (शुक्रवार) को राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण के निर्णयों की पालना के संबंध में पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन सैल की बैठक जिला कलेक्टर डॉ. अमित यादव की अध्यक्षता में प्रातः 11 बजे कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित की जाएगी। 
 उन्होंने बताया कि बैठक में राष्ट्रीय पक्षी मोर के शिकार की रोकथाम एवं मोरों के संरक्षण, जिला स्तरीय आपदा प्रबंधन समूह, वन क्षेत्रों में अग्नि की घटनाओं, अवैध आरा मशीनों पर मॉनिटरिंग एवं प्रतिबंधित प्रजाति के हरे वृक्षों के अवैध कटान, परिवहन की रोकथाम, जिला पर्यावरण समिति व परिसंकटमय अपशिष्टों के व्ययन स्थल के चयन के संबंधित चर्चा की जाएगी। सभी सदस्य निर्धारित समय पर बैठक में पालना रिपोर्ट साथ लाना सुनिश्चित करें। 
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गांधी सप्ताह के तहत प्रश्नोत्तरी का आयोजन आज
सीकर, 08 अक्टूबर। राजकीय वाणिज्य महाविद्यालय, प्राचार्य प्रो. हंसराज रैगर ने बताया कि 02 अक्टूबर से राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जयन्ती के उपलक्ष्य में गांधी सप्ताह का आयोजन किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि जिला स्तर पर स्थित सरकारी, निजी महाविद्यालयोें के नियमित विद्यार्थियों के लिए गांधी जीवन पर प्रश्नोत्तरी का आयोजन 8 अक्टूबर (शनिवार) को प्रात ः 11 बजे से दोपहर 12 बजे तक राजकीय वाणिज्य महाविद्यालय, सीकर किया जाएगा। प्रश्नोत्तरी में भाग लेने के इच्छुक विद्यार्थी स्वयं के महाविद्यालय का परिचय - पत्र, आधार कार्ड एवं पासपोर्ट साईज फोटो के साथ 8 अक्टूबर को प्रातः 10 बजे पहूंचकर प्रश्नोत्तरी कार्यक्रम में भाग ले सकते है।
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बच्चों को ओआरएस का घोल पिलाकर किया दस्त नियंत्रण पखवाड़े का शुभारंभ

सीएमएचओ डॉ निर्मल सिंह ने बच्चों को पिलाया ओआरएस का घोल

25 अक्टूबर तक चलेगा सशक्त दस्त नियंत्रण पखवाडा

सीकर, 8 अक्टूबर। चिकित्सा विभागा का सशक्त दस्त नियंत्रण पखवाड़ा शुक्रवार से शुरू हुआ। 

जिला मुख्यालय पर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ निर्मल सिंह, जिला प्रजनन एवं शिशु स्वास्थ्य अधिकारी डॉ राजीव ढाका तथा अतिरिक्त मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ हर्षल चौधरी ने स्वास्थ्य भवन के पास स्थित अरबन पीएचसी पर बच्चों को ओआरएस का घोल पिलाकर पखवाडे का शुभारंभ किया। इस मौके पर बच्चों के अभिभावकों को ओआरएस का घोल बनाने की विधि बताई गई और हाथों की सफाई, तथा स्वच्छता के बारे में जागरूक किया गया। 

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ निर्मल सिंह ने बताया कि पखवाडे के तहत जिले के सभी जिला अस्पताल, सीएचसी तथा पीएचसी तथा सब सेंटर स्तर पर ओआरएस कॉर्नर स्थापित किए गए हैं। आशा सहयोगिनियों द्वारा घर-घर जाकर ओआरएस पैकेट वितरित करने के साथ साथ आमजन को ओआरएस का घोल बनाने की विधि भी बताई जा रही है। इसके अलावा आशा एवं  एएनएम द्वारा आमजन को हाथों की सफाई का महत्व बताते हुए हाथ होने के तरीकों के बारे में बताया जा रहा है। दस्त नियंत्रण अभियान में दो माह से लेकर पांच साल तक की उम्र तक के बच्चों को लाभान्वित किया जाएगा। बच्चों को ओआरएस का घोल पिलाकर और जिंक टेबलेट देकर डायरिया व कुपोषण से दूर रखा जा सकता है। यह पखवाडा 25 अक्टूबर तक चलेगा। 

अतिरिक्त मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ हर्षल चौधरी ने बताया कि दस्त से होने वाली मृत्यु को ओआरएस एवं जिंक की गोली के उपयोग और पर्याप्त पोषण से ही रोका जा सकता है। दस्त की रोकथाम के लिए पीने के लिए साफ पानी का प्रयोग, समय समय पर हाथों सफाई, स्वच्छता, समय पर टीकाकरण, स्तनपान एवं पर्याप्त पोषण लेना जरूरी है। 5 वर्ष से छोटे बच्चों में दस्त रोग एक गंभीर समस्या है। बाल्यकाल में दस्त रोग 5 वर्ष से कम उम्र में होने वाली मृत्यु का महत्वपूर्ण कारण है।
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सुजस  के लिए लोक संस्कृति पर आलेख
शेखावाटी का प्रसिद्ध नृत्य है, गींदड़
सीकर  08 अक्टूबर। राजस्थान के सांस्कृतिक इतिहास में विविध हलचलें है, निरालापन है। राजस्थान के शेखावाटी अंचल में वंसत पंचमी से ही ढफ बजने लगते हैं तथा धमालें गाई जाने लगती है। कुछ धमाल भक्ति प्रधान एवं कुछ धमाल शृंगार प्रधान होती हैं। जब होली में 15 दिन रह जाते है तो गांव- गांव में गींदड़ के कार्यक्रम होते है। होलिका दहन से दो दिन पहले रात भर गींदड़ होते है। इन आयोजनों में सैकड़ों आदमी भाग लेते है। यह शेखावाटी अंचल का लोकनृत्य है।
सुजानगढ़, चुरू, रामगढ़, लक्ष्मणगढ़, सीकर ओर उसके आसपास के क्षेत्रों में होली से पन्द्रह दिन पहले से इस नृत्य के सामूहिक कार्यक्रम आयोजित होने लगते है। इस नृत्य में आयु, वर्ग एवं जाति- पांति का भेद नहीं रखा जाता है। परम्परागत रूप से यह नृत्य चांदनी रात में होता लेकिन  अब विद्युत के प्रकाश में भी किया जाता है।
नगाड़ा इस नृत्य का मुख्य वाद्य होता है। नर्तक अपने हाथों में छोटे-छोटे डण्डे लिये हुए होते है। नगाड़े की ताल के साथ इन डंडों को परस्पर टकराते हुए घूमते हैं तथा आगे बढ़ते है। नृत्य के साथ लोकगीत भी गाए जाते है। चार मात्रा का ठेंगा धीमी गति के नगाड़े पर बजता है। धीरे-धीरे उसका गति तेज होती है। जैसे-जैसे नृत्य गति पकड़ता है, नगाड़े की ध्वनि भी तीव्र होती है। इस नृत्य में विभिन्न प्रकार के स्वांग बनाये जाते हैं जिनमें साधु, शिकारी, सेठ-सेठानी, डाकिया, दुल्हा-दुल्हन आदि प्रमुख है। प्रत्येक नृतक अपने पैरों में घुंघरू बांधे हुए नाचते है।  
यह मारवाड़ के डांडिया तथा गुजरात के गरबा नृत्य से मिलता - जुलता है। गींदड़ में गरबा की तरह ही कई पुरूष अपने दोनाें हाथों में लकड़ी की डांडियां लेकर अपने आगे व पीछे के साथियों की डंडियों से टकराते हुए गोल घेरे में चलते हुए आगे बढ़ते, हैं घेरे के केन्द्र में एक ऊॅंचा मचान बनाया जाता है जिस पर ऊॅंचा झंडा भी लगाया जाता हैं। मचान पर बैठे हुए व्यक्ति नगाड़ा बजाता है। नगाड़े, चंग, धमाल व डंडियों की सम्मिलित ध्वनियों से आनंददायक संगीत बजाया जाता है जिसकी ताल पर नृत्य होता है। गरबा और गींदड़ में मुख्य भेद डंडियों का होता है, गींदड़ की डंडियां गरबा के डांडियों से आकार में अधिक लम्बाई लिए होती है। गरबा में स्त्री-पुरूषों के जोड़े होते है जबकि गींदड़ में मुख्य रूप से पुरूष ही स्ति्रयों का स्वांग रचकर नाचते है।
शेखावाटी क्षेत्र में रामगढ़ शेखावाटी, लक्ष्मणगढ़  सहित कई स्थानों पर गींदड़ महोत्सव का आयोजन किया जाता हैं। बहुत से स्थानों पर गींदड़ खेलने की प्रतियोगिताएं होती हैैं। गींदड़ को कहीं - कहीं गींदड़ी भी कहा जाता है। इस लोकनृत्य के साथ विभिन्न प्रकार के लोकगीत गाए जाते हैं - कठैं सैं आई सूंठ कठैं सैं आयो जीरो, कठैं सैं आयो ए भोळी बाई थारो बीरो।

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