जिला कलेक्टर उत्तम सिंह शेखावत ने छापर के राउमावि नंबर तीन का किया निरीक्षण, पोषाहार सहित विभिन्न व्यवस्थाओं का लिया जायजा, व्यवस्थाओं की सराहना कर दिए आवश्यक निर्देश
चूरू, 18 सितंबर। जिला कलक्टर उत्तम सिंह शेखावत ने बुधवार को जिले के छापर कस्बे में स्थित राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय नंबर तीन, मूंदड़ा का आकस्मिक निरीक्षण कर विभिन्न व्यवस्थाएं देखीं और आवश्यक निर्देश प्रदान किए।
जिला कलक्टर शेखावत ने विद्यालय में पोषाहार समेत विभिन्न व्यवस्थाएं देखीं तथा दूसरी एवं दसवीं कक्षा के विद्यार्थियों से बातचीत कर उनका शैक्षणित स्तर जांचा। उन्होंने बच्चों की अभ्यास पुस्तिकाएं भी देखीं और बच्चों से सवाल कर उनकी पढाई की जानकारी ली। इस दौरान उन्होंने विद्यालय में नामांकन की जानकारी ली और संस्था प्रधान पवन कुमार मीणा से कहा कि राज्य सरकार की मंशा के अनुसार विद्यालय में समस्त व्यवस्थाएं सुचारू रहनी चाहिए ताकि बच्चों को बेहतरीन वातावरण मिले। उन्होंने बच्चों को प्रेरित करते हुए कहा कि वे मन लगाकर पढाई करें और अपने जीवन के लिए एक लक्ष्य निर्धारित कर एकाग्रता से प्रयास करें। शेखावत ने बच्चों को विभिन्न महापुरुषों का उदाहरण देकर समझाया कि निष्ठा और लगन के दम पर कोई भी व्यक्ति असीम ऊंचाइयों को छू सकता है। उन्होंने विद्यालय प्राचार्य एवं शिक्षकों से कहा कि वे मन लगाकर पढाएं और यह सुनिश्चित करें कि बच्चों को सर्वांगीण विकास के अवसर मिलें। पढाई के साथ-साथ सह-शैक्षणिक गतिविधियों पर भी ध्यान दें ताकि बच्चों को उनकी रूचि के अनुसार आगे बढ़ने का अवसर मिले।
इस दौरान अतिरिक्त प्रशासनिक अधिकारी नरेंद्र सिंह राठौड़ सहित विद्यालय से जुड़े लोग, शिक्षक एवं विद्यार्थी मौजूद थे।
दिवेर विजय स्मृति भाषण प्रतियोगिता में फिर गूंजी महाराणा प्रताप की स्वाधीनता की हुंकार
चूरू, 18 सितंबर। जिला मुख्यालय स्थित राजकीय लोहिया महाविद्यालय में बुधवार को दिवेर विजय स्मृति भाषण प्रतियोगिता “महाराणा प्रताप - व्यक्तित्व एवं कृतित्व“ विषय पर भाषण प्रतियोगिता का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए प्राचार्य प्रो डॉ मंजू शर्मा ने कहा कि इस तरह की प्रतियोगिता विद्यार्थियों के समग्र और कलात्मक उन्नयन के लिए आवश्यक है। महाविद्यालय शैक्षणिक वातावरण के साथ विद्यार्थियों की समग्र प्रतिभा को उद्घाटित करने का मंच है। महाविद्यालय में विद्यार्थी न केवल शैक्षणिक स्तर पर उच्चता को प्राप्त करे अपितु समग्र रूप से अपने व्यक्तित्व को उदात्त बनाए। ऎसे कार्यक्रम इसी लक्ष्य की साधना का साधन है।
उन्होंने बताया कि प्रतियोगिता में प्रतियोगिता में अंकिता ढाका, शबा तंवर, कुलदीप गुर्जर, वृद्धि शर्मा, कृष्णा कोका, मेघना पारीक, शगुन शेखावत, कुलदीप सिंह, अंजिका, संजना कानखेड़िया, ज्योति कल्ला, अंकित सिंह, चन्दा कुमारी, रानू सिनोलिया, हिमांशु भारद्वाज, मुकेश बाकोलिया, तनिष्का, ईशा जोशी, प्रीति कृष्णा, कविता मेघवाल, राधिका सुरोलिया सहित कुल 21 प्रतिभागियों ने भाग लिया। प्रतियोगिता में रानू सिनोलिया ने प्रथम, कृष्णा कोका व मेघना पारीक ने संयुक्त रूप से दूसरा स्थान व चन्दा कुमारी ने तीसरा स्थान प्राप्त किया।
विजेता रही रानू सिनोलिया ने अपने विचारों में कहा कि भारतीय इतिहास और संस्कृति में दिवेर विजय की स्मृति बहुत विशिष्ट रही है और उतना ही विशिष्ट महाराणा प्रताप का व्यक्तित्व व कृतित्व रहा है। रानू ने बताया कि किस प्रकार महाराणा प्रताप ने अपनी स्वाधीनता को अक्षुण्ण रखने के लिए ताउम्र संघर्ष किया। उन्होंने दिवेर युद्ध के परिप्रेक्ष्य में महाराणा प्रताप के व्यक्तित्व के महत्वपूर्ण गुण धैर्य, साहस, जूझने की प्रवृत्ति और सबसे बढ़कर स्वाधीनता की चाह को विभिन्न उदाहरण के माध्यम से उभारा।
भाषण प्रतियोगिता में सभी प्रतिभागियों ने दिवेर विजय को केन्द्र में रखकर महाराणा प्रताप के व्यक्तित्व के सबसे महत्वपूर्ण पहलू उनकी स्वाधीनता के प्रति चाह, जीत की ललक और आजीवन संघर्ष को रेखांकित किया। प्रताप की स्वाधीनता की हुंकार सभी प्रतिभागियों के भाषण में सुनाई दी। प्रो डॉ हेमंत मंगल, प्रो डॉ मूलचंद, प्रो डॉ धीरज बाकोलिया ने निर्णायक की भूमिका निभाई।
कार्यक्रम में प्रो डॉ सरोज हारित ने भाषण प्रतियोगिता में प्रतिभागियों द्वारा बरती जाने वाली विशेष सावधानियों की ओर ध्यान आकर्षित करते हुए कहा कि विजयी वो होता है जो विषय, भाव, भाषा और प्रस्तुति से न केवल निर्णायकों को प्रभावित करता है, अपितु श्रोताओं के मर्म को भी छूता है।
कार्यक्रम में प्रो संतोष बलाई, प्रो ट्विंकल शर्मा , प्रो वीना ढेनवाल, विनीता पारीक, रिजुल पूनियाँ, अजय तंवर, सुचित्रा मांझू, हरीश शर्मा, विनीत ढाका, मधुसूदन प्रधान, प्रशान्त शर्मा उपस्थित रहे। डॉ सुमेर सिंह, डॉ संजू झाझडिया व पूजा प्रजापत ने आयोजकीय भूमिका निभाई। संचालन प्रो जावेद खान ने किया।
प्रतिबंधित दवाओं को लेकर शुरू से ही जागरुक हों विद्यार्थी ः देवेंद्र झाझड़िया
नई दिल्ली/चूरू, 18 सितंबर। नेशनल एंटी डोपिंग एजेंसी की ओर से बुधवार को नई दिल्ली में एनएडीए इंडिया इनक्लूजिव कॉन्क्लेव का आयोजन किया गया, जिसमें विभिन्न विशेषज्ञों ने डोपिंग से संबंधित विभिन्न बिंदुओं पर पैनल डिस्कसन हुआ।
चर्चा में शामिल पैरालिंपिक कमेटी ऑफ इंडिया के अध्यक्ष पद्मभूषण देवेंद्र झाझड़िया ने कहा कि विद्यालय स्तर से ही स्टूडेंट्स को डोपिंग को लेकर जागरुक होना चाहिए। उन्हें खेल जीवन के आरंभ से ही गलत सप्लीमेंट और प्रतिबंधित दवाओं को लेकर जागरुक होना चाहिए। उन्होंने कहा कि डोपिंग के मामले में जरा-सी लापरवाही या चूक किसी युवा का पूरा कैरियर चौपट कर सकती है। इसलिए जितना हम अपनी परफोरमेंस का ध्यान रखते हैं, उतना ही ध्यान हमें इन सतर्कताओं पर भी देना चाहिए। उन्होंने कहा कि जीवन में ‘क्या करना है’ का जितना महत्त्व है, उतना ही महत्त्व ‘क्या नहीं करना है’ को भी ध्यान में रखने का है। इसलिए विद्यालय स्तर पर ही शिक्षण गतिविधियों के साथ-साथ विद्यार्थियों से उपयोगी जानकारी साझा की जानी चाहिए। देवेंद्र ने कहा कि डोपिंग जांच के लिए डिस्टि्रक्ट लेवल से ही सैम्पल कलेक्शन शुरू किया जाना चाहिए ताकि बच्चे शुरुआती स्तर से ही जागरुक रहें। देवेंद्र झाझड़िया ने कहा कि यदि भारत को खेल की दुनिया के टॉप टेन देशों में आना है तो हमें बहुत काम करने की जरूरत है। शारीरिक शिक्षकों को हमें अपग्रेड करना होगा। उनके अपडेशन के लिए समय-समय पर उन्हें अलग-अलग लेवल के कोर्स करवाने होंगे क्योंकि स्पोर्ट्स साइंस हर दिन तरक्की कर रहा है। एक बार शारीरिक शिक्षक लगने के बाद यदि हमें उन्हें अपडेट नहीं करेंगे तो वे विद्यार्थियों को ट्रेेनिंग प्लान समझा नहीं पाएंगे। शारीरिक शिक्षकों को अंतरराष्ट्रीय स्तर के कोर्स कराने होंगे ताकि वे ग्रास रूट पर विद्यार्थियों को उनका लाभ दे सकें
झाझड़िया ने बताया कि पेरिस पैरालिंपिक से पहले भी उन्होंने खिलाड़ियों से संवाद स्थापित कर उन्होंने एनएडीए और डब्ल्यूएडीए के नियमों के मुताबिक ही तैयारी करने की हिदायत दी। इसका परिणाम हमें पदक तालिका में देखने को मिला और अब तक के रिकॉर्ड 29 पदक हमारे खिलाड़ियों ने जीते। इस दौरान देवेंद्र ने नौ साल एनएडीए के पार्ट एडम्स (व्हेयर अबाउट) में रहने के अनुभव भी सभी के साथ साझा किए। पैनल डिस्कसन में उत्तरप्रदेश के सीएम के मुख्य सलाहकार अवनीश कुमार अवस्थी, संयुक्त सचिव राजीव शर्मा, संयुक्त सचिव अर्चना शर्मा अवस्थी, संयुक्त सचिव डॉ शोभित जैन, चारू प्रज्ञा शामिल रहे। टोक्यो व पेरिस पैरालम्पिक के सिल्वर मेडलिस्ट सुहास एल वाई आईएएस ने पैनल डिस्कशन को लीड किया।
एसडीएम बिजेन्द्र सिंह ने ब्लॉक स्तरीय निष्पादन समिति की बैठक में दिए निर्देश
चूरू, 18 सितंबर। चूरू एसडीएम बिजेन्द्र सिंह ने बुधवार को चूरू पंचायत समिति सभागार में आयोजित ब्लॉक स्तरीय निष्पादन समिति की बैठक में शिक्षा अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए।
एसडीएम बिजेन्द्र सिंह ने कहा कि विद्यालय विकास के लिए काम हो। विद्यालयों में विद्यार्थियों को सह-शैक्षिक गतिविधियों के साथ नियमित व समुचित शिक्षण सुनिश्चित हो।
उन्होंने शिक्षा अधिकारियों को समस्त विभागीय योजनाओं की पालना सुनिश्चित करने व शाला दर्पण को अपडेट करने के निर्देश दिए।
सीबीईओ ओमदत्त सहारण ने पालनहार योजना, आधार अपडेशन, इंस्पायर अवार्ड, शाला स्वास्थ्य परीक्षण, शाला संबलन, आईएफए टैबलेट वितरण आदि विभागीय योजनाओं को समयबद्ध ढंग से पूरा करने व प्रभावी क्रियान्वयन हेतु समस्त शिक्षा अधिकारियों को समुचित निर्देश दिए।
एसीबीईओ खालिद तुगलक ने यू-डाइस अपडेशन, इंस्पायर अवार्ड, राष्ट्रीय आविष्कार अभियान सम्बंधी सूचना नियत समय पर अद्यतन करने के निर्देश दिए।
बैठक में आरपी श्याम सुंदर पूनिया, प्रशासनिक अधिकारी मनोज शर्मा, अतिरिक्त प्रशासनिक अधिकारी राकेश चौधरी, सुभाष सहारण, आबिद खान, राजप्रकाश धानिया, संदीप पूनिया, राजेंद्र सिंह राजावत, समीर खान सहित पंचायत प्रारंभिक शिक्षा अधिकारी व शहरी प्रारंभिक शिक्षा अधिकारी उपस्थित रहे।