ज्ञापन में बताया गया कि प्रतिनियुक्ति संबंधी सरकार के पूर्व अनुभव ठीक नहीं रहे है. उदाहरणार्थ नव सरकार गठन होते ही जयपुर विकास प्राधीकरण द्वारा प्रतिनियुक्ति , संविदा के समस्त अधिकारियों,कर्मचारियों को हटाया गया है। पूर्व में पंचायत समितियों में विकास अधिकारियों के पद प्रतिनियुक्ति पर भरे जाते थे, जिनका अनुभय भी ठीक नहीं रहा इसी कारण राज्य सरकार को विकास अधिकारी पद के लिये राजस्थान ग्रामीण विकास सेवा के नाम से एक स्टेट कैडर गठन की आवश्यकता पडी।
निकाय में भी मुख्य नगर पालिका अधिकारियों सहित नगर पालिका के अन्य तकनीकी अधिकारियों का एक मजबूत प्रशासनिक तकनीकी कैडर बनाया जाये जिससे नगरीय निकायों में गुड गवरनेंस की स्थापना हो सकें। ज्ञापन में सुझाव दिया गया कि मार्च 2025 में इन पदों की भर्ती की परीक्षा आरपीएससी द्वारा प्रस्तावित है। तब तक पास की निकायों के अधिकारियों को अतिरिक्त प्रभार या तहसीलदार/एसडीएम को कार्यभार देकर के काम चलाया जा सकता है। आयुक्त, अधिशाषी अधिकारी द्वितीय,तृतीय एवं एक्सईएन,एईएन, एटीपी, यूडीसी ओऐ के पदों को पदोन्नती द्वारा भी भरा जा सकता है जोकि काफी समय से लम्बित हैं।