सिंगल यूज प्लास्टिक द्वारा निर्मित उपयोग में आने वाली वस्तुओ के निर्माताओ, विक्रेताओ पर करनी होगी कड़ी कार्यवाही - गुप्ता
उदयपुर- एसोशियशन ऑफ़ कमपोस्टबल प्रोडक्ट्स इन इण्डिया द्वारा उदयपुर में रम्या होटल में आयोजित कार्यशाला में मुख्य अतिथि स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के कोर्डिनेटर ने अपने उद्बोधन में कहा कि सिंगल यूज प्लास्टिक थैलिया एव अन्य उत्पाद स्वच्छता, पर्यावरण एवं जल पर संकट बनकर खड़ा है जानवर जो इसे खा लेता है तो वह अन्त्योदय मौत के घाट उतर जाता है और जो व्यक्ति प्लास्टिक खाने वाले जानवर का दूध पी लेता है तो उसे कैंसर जैसी महामारी हो सकती है। जल के अन्दर जाने पर जल में रहने वाले जीव जंतु मर जाते है तथा प्लास्टिक कचरा यार्ड में जाने के बाद आग लगाने से पूरा वायुमंडल प्रदूषित कर देता है।
भारत सरकार द्वारा 1 जुलाई 2022 को ही सिंगल यूज पर प्रतिबंध लगा दिया गया था परन्तु आज भी मार्केट में खुल्ला आ रहा है तथा खुल्ला बिक रहा है अगर उदयपुर की बात करू तो प्रतिदिन करीब करीब 3 से 4 टन सिंगल यूज प्लास्टिक सड़को पर एवं कचरा उठाने वाली गाड़ियों में आता है जो शहर की सुन्दरता के लिए नासूर ही नहीं जिसे उठाने एवं संग्रहण करने में एक बड़ी राशी सरकार द्वरा खर्च की जाती है तथा हमारा उदयपुर जो झीलों की नगरी के साथ पर्यटक नगरी के नाम से विश्व विख्यात है जो कही ना कही पर्यटक को भी प्रभावित करती है हमारी सुन्दर झीले भी इससे अछूती नहीं है।
यूरोप संघ, अमेरिका, कनाडा, यूरोप जैसे देशो में सिंगल युज प्लास्टिक पर कड़ाई से प्रतिबन्ध लगाया है जिसमें हमारे देश के निर्माताओ द्वारा कम्पोस्टेबल उत्पाद निर्यात भी किये जा रहे है। आज इस बात की आवश्यकता है कि कम्पोस्टेबल उत्पादो का प्रचुर प्रचार - प्रसार करना होगा जो कि सोशल मीडिया एवं विद्यालय में पढने वाले छात्र छात्राओ के तथा मीडिया के माध्यम से आमजन तक आसानी से पहुचाया जा सकता है। यहाँ यह भी आवश्यक है जो कंपनिया कच्चा माल सिंगल यूज प्लास्टिक बनाने के लिए दे रही है सरकार उनके रिकार्ड को चैक कर उचित कार्यवाही करने की आवश्यकता है तथा उनकी जिम्मेदारी भी निश्चित की जावे।
आज देश में 14 मिलियन टन करीब प्रतिवर्ष दाना उत्पाद हो सका है जबकि रिसाक्लिंग का प्रतिशत अनुमानित 30% ही है जो चिंता का विषय है। सिंगल यूज प्लास्टिक अनुमानित 100 वर्ष तक जिन्दा रहता है जो आमजन के जीवन में अभिशाप का कार्य कर रहा है। आज शहरो में सफाई व्यवस्था में एक बहुत बड़ी राशी प्लास्टिक को इकठ्ठा करने एवम डिस्पोजल में लग रही है तथा शहर गाँवो में गंदगी का मुख्य कारण सिंगल यूज प्लास्टिक है।
यहाँ सरकार को चाहिए कि जो प्रोडक्टस कम्पोस्टेबल प्रोडक्ट है तथा जिससे सिंगल यूज प्लास्टिक बंद हो सकता है उनके प्लांटो को जीएसटी फ्री एवं ऐसे प्लांटो को प्रतिस्पर्धा के युग में सब्सिडी देकर आमजन के जीवन को खुशहाल बनाने में बहुत बड़ा योगदान दिया जा सकता है। दूसरी तरफ कम्पोस्टेबल उत्पादको को भी अपना प्रोडक्ट की शुद्धता के साथ साथ हर स्टेट में एक जिला गोद लेकर जिस तरह गुटके वाले अपने पाउच फ्री में देते थे आमजन को एक ब्रांडेड दुकान खोलकर सस्ती दर पर उपलब्ध करा देश के यशस्वी प्रधानमंत्री एव राजस्थान के यशस्वी मुख्यमंत्री के सच्चे एवं अच्छे संकल्प स्वच्छ राजस्थान व विकसित राजस्थान के सपने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाए तथा अभी उदयपुर नगर निगम के कर्मठ कमिशनर श्री राम प्रकाश से अपने विजन को शेयर कर उदयपुर शहर के लिए कोई बड़ी प्लानिंग कर पुरे देश में सिंगल प्लास्टिक बंद करने का संदेश देने में उदयपुर की भूमिका सर्वश्रेष्ठ बनाये।
आज देश में 128 कंपनिया प्लास्टिक का सब्सुयड कमपोस्टबल प्रोडक्ट्स बना रही है जिसमे 63 कंपनियों के मालिको ने इसमें भाग लेकर अपने विचार आदान प्रदान किये है तथा बताया कि सिंगल यूज प्लास्टिक से मुक्त करने के लिए सेन्ट्रल पोल्यूशन कंट्रोल बोर्ड, नई दिल्ली द्वारा 12 सामग्री को प्रतिबंधित किया है परन्तु आज भी वह कंपनिया निर्माण कर रही है।
एसीपीआई के अध्यक्ष श्री मयूर जैन तथा प्रमुख सदस्य उदयपुर व्यवसायी अशोक बोहरा ने भी अपना उद्बोधन दिया।