सूरजगढ़। स्वतंत्रता संग्राम पर आधारित लेखक धर्मपाल गाँधी द्वारा लिखी गई 'आजादी की राहों में' पुस्तक प्रकाशित होने पर राष्ट्रीय साहित्यिक, सांस्कृतिक व सामाजिक संस्थान आदर्श समाज समिति इंडिया के कार्यालय सूरजगढ़ में युवा नेता रणधीर सिंह बुडानिया की अध्यक्षता में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि सूरजगढ़ विधायक श्रवण कुमार और पिलानी विधायक पितराम सिंह काला रहे। काजड़ा सरपंच मंजू तंवर, लोटिया सरपंच महावीर प्रसाद सिंघल, युवा जाट महासभा के प्रदेश उपाध्यक्ष विजय मील आदि विशिष्ट अतिथि के रूप में कार्यक्रम में मौजूद रहे। कार्यक्रम में पधारे हुए अतिथियों का आदर्श समाज समिति इंडिया परिवार द्वारा स्वागत व सम्मान किया गया। विधायक श्रवण कुमार व पितराम सिंह काला और कार्यक्रम में पधारे हुए अतिथियों द्वारा 'आज़ादी की राहों में' पुस्तक का विमोचन किया गया। 'आजादी की राहों में' पुस्तक 8 जून को वर्तमान अंकुर प्रकाशन नोएडा द्वारा प्रकाशित की गई है। पुस्तक का संपादन अंजू गाँधी द्वारा किया गया है। सभा को संबोधित करते हुए लेखक धर्मपाल गाँधी ने बताया कि 'आज़ादी की राहों में' पुस्तक स्वतंत्रता संग्राम पर लिखी गई मेरे द्वारा यह चौथी पुस्तक है। इस पुस्तक में देश की आजादी के लिए अदम्य साहस व वीरता के साथ अपना सर्वस्व न्यौछावर करने वाली चालीस क्रांतिकारी महिलाओं की शौर्यगाथाओं का वर्णन किया गया है। आजादी की लड़ाई में महिलाओं के योगदान को शामिल किए बिना हमारे स्वतंत्रता संग्राम का इतिहास अधूरा है। आजादी से पहले भारतीय समाज में बहुत सारी कुरीतियां व्याप्त थीं। महिलाओं पर तरह-तरह के सामाजिक प्रतिबंध लगे हुए थे। गुलामी के उस दौर में महिलाओं का घर से निकलकर आजादी की लड़ाई में भाग लेना आसान नहीं था। लेकिन महिलाओं ने समाज में व्याप्त कुरीतियों और सामाजिक बंदिशों को चुनौती देते हुए स्वाधीनता आंदोलन में भाग लिया और हिंदुस्तान को आज़ादी दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। स्वतंत्रता संग्राम का इतिहास महिलाओं के बलिदान, त्याग व समर्पण और वीरता की गाथाओं से भरा हुआ है। उन्होंने सच्ची भावना और निडरता के साथ स्वतंत्रता संग्राम में हिस्सा लिया और देश को आजादी दिलाने के लिए विभिन्न यातनाओं, शोषण और कठिनाइयों का सामना किया। राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी द्वारा शुरू किये गये असहयोग आंदोलन, नमक सत्याग्रह, सविनय अवज्ञा आंदोलन, भारत छोड़ो आंदोलन में महिलाओं ने अनेक कठिनाइयों का सामना करते हुए बढ़-चढ़कर कर भाग लिया। 'आज़ादी की राहों में' पुस्तक में चालीस महिला स्वतंत्रता सेनानियों के जीवन संघर्ष की कहानी पढ़कर आज की युवा पीढ़ी को स्वतंत्रता संग्राम में महिलाओं की भूमिका विस्तार से जाने का मौका मिलेगा। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि विधायक श्रवण कुमार व पितराम सिंह काला ने सभा को संबोधित करते हुए नव प्रकाशित पुस्तक 'आज़ादी की राहों में' को स्वतंत्रता संग्राम का ऐतिहासिक ग्रंथ बताया। उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता संग्राम में भाग लेने वाली चालीस क्रांतिकारी महिलाओं को एक पुस्तक में संकलित करना लेखक धर्मपाल गाँधी का सराहनीय प्रयास है। स्वाधीनता आंदोलन पर लिखी गई, यह पुस्तक आने वाले समय में निश्चित ही लोगों के लिए ज्ञान का मार्ग प्रशस्त करेगी। ऐसी ज्ञानवर्धक पुस्तक पढ़ कर युवा पीढ़ी को स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास को जानने की आवश्यकता है। यह आजादी हमें यूँहीं नहीं मिली है; आजादी की राहों में अनगिनत स्वतंत्रता सेनानियों ने तरह-तरह की यातनाएं झेलते हुए देश की आजादी के लिए सर्वोच्च बलिदान दिया है। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे युवा नेता रणधीर सिंह बुडानिया और विशिष्ट अतिथि सरपंच मंजू तंवर ने भी सभा को संबोधित किया। शिक्षाविद् व सामाजिक कार्यकर्ता मनजीत सिंह तंवर ने भी धर्मपाल गाँधी द्वारा लिखित पुस्तकों के बारे में विस्तार से बताया। इस अवसर पर पुस्तक की संपादक अंजू गाँधी, युवा जाट महासभा के प्रदेश उपाध्यक्ष विजय मील, महावीर प्रसाद सैनी, वीर तेजाजी विकास संस्थान के अध्यक्ष जगदेव सिंह खरड़िया, शिवदान सिंह भालोठिया, प्रधानाचार्य महिपाल सिंह, शिक्षाविद् राजपाल सिंह फौगाट, समाजसेवी इंद्र सिंह शिल्ला, शिक्षाविद् रघुवीर सिंह भाटिया, योगाचार्य डॉ. प्रीतम सिंह खुगांई, योगाचार्या सुदेश खरड़िया, अरविंद बाडेटिया, युवा उद्यमी सज्जन मेघवाल, राजकरण भारतीय, हितेश, फरट सरपंच प्रतिनिधि राजकुमार, गायकार संजय सैन, पूर्व प्रधानाचार्य लीलाराम भूपेश, उप सरपंच राकेश कुमार मनीठिया, मनोज मेघवाल, दरिया सिंह डीके, राकेश गुरावड़िया, पप्पू चौधरी, मनोज सैन, इशांत, सुनील गाँधी आदि अन्य लोग मौजूद रहे। कार्यक्रम का सफल संचालन मनजीत सिंह तंवर ने किया। धर्मपाल गाँधी ने सभी का आभार व्यक्त किया।