सीकर 04 जून नगर परिषद सभापति जीवण खां ने बताया कि राजस्थान विधान सभा के बजट सत्र में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा 50 बैडेड एकीकृत आयुर्वेद अस्पताल की घोषणा की थी जिसके लिए नगर परिषद सीकर ने 6025 वर्गगज निःशुल्क भूमि आयुर्वेद अस्पताल निर्माण के लिए आवंटित की है। हॉस्पीटल के लिए राज्य सरकार द्वारा 9 करोड़ रूपये का बजट स्वीकृत किया गया हैं। सभापति जीवण खां गुरूवार को नगर परिषद में आयोजित प्रेसवार्ता में पत्रकारों को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि अस्पताल में आयुर्वेद-हौम्योपैथी-यूनानी तीनों चिकित्सा पद्धति से उपचार किया जायेगा। अस्पताल में पंचकर्म चिकित्सा होगी जिसमें स्टीम, भाप मसाज सिरोधारा, सर्वाग अय्यंड् किया जाएगा। उन्होंने कहा कि अस्पताल में आयुर्वेद पद्धति से क्षारसूत्र विधि द्वारा मस्से, नासूर, बवासीर आदि के ऑपरेशन भी होंगे। अस्पताल में जौक व अन्य विधि द्वारा खराब खून निकाल कर चिकित्सा किए जाने की पद्धति भी विकसित की जायेगी। उन्होंने बताया कि अस्पताल में 11 डॉक्टर व 50 मेडिकल व नोन मेडिकल स्टाफ नियुक्त होगा साथ ही अनस्थैसिया विशेषज्ञ, रेडियोलोजिस्ट,पैथेलोजिस्ट, औपथेल्मोलोजिस्ट, जनरल सर्जन, गायनोकोलोजिस्ट स्पेशलिस्ट सर्विस ऑन काल की सेवायें मिलेगी। प्रेसवार्ता में आयुर्वेद विभाग के सहायक निदेशक डॉ. कैलाश शर्मा पाटोदा सहित प्रिंट एवं इलेक्ट्रोनिक मीड़िया उपस्थित रहें।
**जीवनदायनी साबित हो रही है चिकित्सा विभाग की मोबाइल ओपीडी सेवा 579 रोगियों का हुआ मोबाइल ओपीडी में इलाज
गुरूवार को जिले के 18 गांवों में लगे शिविर**
सीकर, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की मोबाइल ओपीडी यूनिट सेवा आमजन के लिए उपयोगी साबित हो रही है। इसके तहत गुरूवार को जिले के 18 गांवों में शिविर लगाए और रोगियों का चिकित्सकों ने उपचार कर निशुल्क दवाइयां दी। मोबाइल ओपीडी यूनिट के माध्यम से लोगों को उनके गांव, ढाणी में ही चिकित्सकीय परामर्श, उपचार व निशुल्क दवा की सेवाएं उपलब्ध हो रही हैं। आमजन को उनके घर के नजदीक चिकित्सा संबंधी सेवा व सुविधाएं मिलने से मोबाइल ओपीडी यूनिट सेवा जीवनदायनी साबित हो रही हैं।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ अजय चौधरी ने बताया कि जिले के 18 गांवों में लगाए शिविरों में 200 पुरूष, 290 महिलाएं और 89 बच्चों का मोबाइल ओपीडी यूनिट सेवा के तहत उपचार किया गया। इस दौरान 47 गर्भवती महिलाओं के भी स्वास्थ्य की जांच की गई। गांवों में लगे शिविर में 90 लोग खांसी से पीडित पाए गए। वहीं 10 बुखार, 35 मधूमेह और 39 हाइपर टेंशन की बीमारी से ग्रसित पाए गए। इन सभी रोगियों का उपचार कर निशुल्क दवा उपलब्ध करवाई गई है। 72 रोगियों की जांच की गई
सीएमएचओ डॉ चौधरी ने बताया कि कोविड 19 संक्रमण और लॉक डाउन को देखते हुए जिन गांवो में चिकित्सा सेवाओं की पहुंच कम है। वहीं लॉकडाउन के कारण आमजन अस्पताल नहीं पहुंच सकते हैं, उन गांवो में लोगों को प्राथमिक चिकित्सा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से राज्य सरकार की ओर से मोबाइल ओपीडी यूनिट वाहन सेवा शुरू की है। इसके तहत विभाग की एमएमवी व एमएमयू द्वारा आमजन को प्राथमिक चिकित्सा सेवा उपलब्ध कराई गई।
:** मातृ शिशु स्वास्थ्य सेवाएं देने में सीकर अव्वल
ओडीके मोबाइल एप्प से एमसीएचएन सेशन की हुई मॉनिटरिंग**
सीकर कोरोना वायरस के संक्रमण की रोकथाम व नियंत्रण के साथ चिकित्सा विभाग आमजन को मातृ शिशु स्वास्थ्य सेवाएं तत्परता के साथ उपलबध करवा रहा है। गर्भवती महिलाओं की जांच व शून्य से पांच साल तक के बच्चों को जीवनरक्षक टीके लगाने के लिए गुरूवार को जिलेभर में मातृ शिशु स्वास्थ्य एवं पोषण दिवस मनाया गया।
सीएमएचओ डॉ अजय चौधरी ने बताया कि मातृ शिशु स्वास्थ्य एवं पोषण दिवस पर जिले में चिकित्सा संस्थान व आंगनबाडी केंद्रों पर गर्भवती महिलाओं की जांच व टीकाकरण सत्र आयोजित हुए। कोविड-19 के संक्रमण की रोकथाम व नियंत्रण के लिए चिकित्सा संस्थानों व आंगनबाड़ी केन्द्रों मनाए गए दिवस पर मॉस्क व सोशियल डिस्टेसिंग तथा सेनेटाइजेशन का विशेष ध्यान रखा गया। साथ ही ओडीके मोबाइल एप्प के माध्यम से जिला, ब्लॉक स्तरीय अधिकारियों व एनएचएम कार्मिकों ने सघन मॉनिटरिंग की।
उन्होंने बताया कि गुरूवार को प्रदेशभर में 4 हजार 271 टीकाकरण सत्रें की ओडीके मोबाइल एप के माध्यम से मॉनिटरिंग की गई। सीकर जिले ने 546 स्थानों पर आयोजित हुए सत्रें की मॉनिटरिंग कर प्रदेशभर में पहला स्थान प्राप्त किया है। वहीं दूसरे स्थान पर जयपुर प्रथम और तीसरे स्थान पाली जिला रहा है। जयपुर प्रथम में 276 और पाली में 201 सत्रें की ओडीके के माध्यम से मॉनिटरिंग की गई। ओडीके मोबाइल एप्प के माध्यम से दांता ब्लॉक में 41, फतेहपुर में 40, खण्डेला में 55, लक्ष्मणगढ में 97, नीमकाथाना में 81, पिपराली में 67, श्रीमाधोपुर ब्लॉक में 48 और सीकर 7ाहर में 42 टीकाकरण सत्रों की मॉनिटरिंग की गई।
:** मातृ-शिशु स्वास्थ्य एवं पोषण दिवस की सघन मॉनिटरिंग.सीएमएचओ डॉ चौधरी सहित सभी जिला व ब्लॉक स्तरीय अधिकारियों ने किया निरीक्षण गर्भवती महिलाओं को दी गई मातृ एवं शिशु सेवाओं का लिया जायजा**
सीकर, चिकित्सा विभाग की ओर से गुरूवार को चिकित्सा संस्थानों व आंगनबाडी केंद्रों पर मातृ शिशु स्वास्थ्य एवं पोषण दिवस पर गर्भवती महिलाओं व बच्चों को सेवाएं दी गई। वहीं जिला, ब्लॉक स्तरीय अधिकारियों व एनएचएम के कार्मिकों ने इसकी सघन मॉनिटनिरंग की। इस दौरान चिकित्सा संस्थानों का निरीक्षण कर व्यवस्थाओं का भी जायजा लिया गया। जिला, ब्लॉक व एनएचएम कार्मिकों ने ओडीके मोबाइल एप्प के माध्यम से मॉनिटरिंग कर निदेशालय को सूचनाएं भिजवाई।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ अजय चौधरी ने चिकित्सा संस्थान व आंगनबाडी केंद्रों का निरीक्षण कर गर्भवती महिलाओं, बच्चों व आमजन को दी गई स्वास्थ्य सेवाओं व सुविधाओं का जायजा लिया। उन्होंने चिकित्सा संस्थानों में आमजन को गुणवत्तापूर्ण चिकित्सकीय सेवाएं व सुविधाएं उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। वहीं साफ सफाई पर जोर दिया। सीएमएचओ डॉ चौधरी ने कोरोना वायरस की रोकथाम व नियंत्रण संबंधी की गई गतिविधियों का भी निरीक्षण किया।
उन्होंने गुरूवार को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लोसल, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र खूड, काशी का बास तथा प्रतापपुरा उप स्वास्थ्य केंद्र का निरीक्षण कर व्यवस्थाओं का जायजा लिया। वहीं प्रतापपुरा में आंगनबाडी केंद्र पर एएनएम द्वारा दी गई सेवाओं की जानकारी ली। उन्होंने चिकित्सा संस्थानों पर मुख्यमंतर््ी निशुल्क दवा योजना के तहत दवाइयां की उपलब्धता सुनिश्चित करने पर जोर दिया। इस दौरान उनके साथ जिला कार्यक्रम प्रबंधक प्रकाश गहलोत, जिला आशा समन्वयक केशर देव पारीक भी थे।
जिला प्रजनन एवं शिशुु स्वास्थ्य अधिकारी डॉ निर्मल सिंह ने सीकर शहर के मातृ शिशु स्वास्थ्य केंद्र, सब सेंटर सेवद बडी चौलासी, सेवा, पीएचसी फागल्वा का निरीक्षण किया। वहीं उप मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ सीपी ओला ने कटराथल, भादवासी, घोराणा की ढाणी और शिवसिंहपुरा सब सेंटर का निरीक्षण कर व्यवस्थाओं का जायजा लिया। जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ विशाल सिंह ने सीकर शहर में एनयूएचएम के तहत संचालित अरबन प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र नंबर तीन का निरीक्षण कर दी गई सेवाओं का जायजा लिया। वहीं शहरी कार्यक्रम प्रबंधक प्रदीप चाहर ने सीकर शहर में संचालित अरबन पीएचसी तथा जिला सूचना शिक्षा एवं संचार समन्वयक ने रघुनाथगढ़ सब सेंटर पर दी गई सेवाओं का जायजा लिया।
**आयुर्वेद अस्पताल के लिए नगर परिषद ने 6025 वर्गगज निःशुल्क भूमि आवंटित की ः सभापति **
सीकर नगर परिषद सभापति जीवण खां ने बताया कि राजस्थान विधान सभा के बजट सत्र में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा 50 बैडेड एकीकृत आयुर्वेद अस्पताल की घोषणा की थी जिसके लिए नगर परिषद सीकर ने 6025 वर्गगज निःशुल्क भूमि आयुर्वेद अस्पताल निर्माण के लिए आवंटित की है। हॉस्पीटल के लिए राज्य सरकार द्वारा 9 करोड़ रूपये का बजट स्वीकृत किया गया हैं। सभापति जीवण खां गुरूवार को नगर परिषद में आयोजित प्रेसवार्ता में पत्रकारों को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि अस्पताल में आयुर्वेद-हौम्योपैथी-यूनानी तीनों चिकित्सा पद्धति से उपचार किया जायेगा। अस्पताल में पंचकर्म चिकित्सा होगी जिसमें स्टीम, भाप मसाज सिरोधारा, सर्वाग अय्यंड् किया जाएगा। उन्होंने कहा कि अस्पताल में आयुर्वेद पद्धति से क्षारसूत्र विधि द्वारा मस्से, नासूर, बवासीर आदि के ऑपरेशन भी होंगे। अस्पताल में जौक व अन्य विधि द्वारा खराब खून निकाल कर चिकित्सा किए जाने की पद्धति भी विकसित की जायेगी। उन्होंने बताया कि अस्पताल में 11 डॉक्टर व 50 मेडिकल व नोन मेडिकल स्टाफ नियुक्त होगा साथ ही अनस्थैसिया विशेषज्ञ, रेडियोलोजिस्ट,पैथेलोजिस्ट, औपथेल्मोलोजिस्ट, जनरल सर्जन, गायनोकोलोजिस्ट स्पेशलिस्ट सर्विस ऑन काल की सेवायें मिलेगी। प्रेसवार्ता में आयुर्वेद विभाग के सहायक निदेशक डॉ. कैलाश शर्मा पाटोदा सहित प्रिंट एवं इलेक्ट्रोनिक मीड़िया उपस्थित रहें।
**जीवनदायनी साबित हो रही है चिकित्सा विभाग की मोबाइल ओपीडी सेवा 579 रोगियों का हुआ मोबाइल ओपीडी में इलाज गुरूवार को जिले के 18 गांवों में लगे शिविर**
सीकर, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की मोबाइल ओपीडी यूनिट सेवा आमजन के लिए उपयोगी साबित हो रही है। इसके तहत गुरूवार को जिले के 18 गांवों में शिविर लगाए और रोगियों का चिकित्सकों ने उपचार कर निशुल्क दवाइयां दी। मोबाइल ओपीडी यूनिट के माध्यम से लोगों को उनके गांव, ढाणी में ही चिकित्सकीय परामर्श, उपचार व निशुल्क दवा की सेवाएं उपलब्ध हो रही हैं। आमजन को उनके घर के नजदीक चिकित्सा संबंधी सेवा व सुविधाएं मिलने से मोबाइल ओपीडी यूनिट सेवा जीवनदायनी साबित हो रही हैं।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ अजय चौधरी ने बताया कि जिले के 18 गांवों में लगाए शिविरों में 200 पुरूष, 290 महिलाएं और 89 बच्चों का मोबाइल ओपीडी यूनिट सेवा के तहत उपचार किया गया। इस दौरान 47 गर्भवती महिलाओं के भी स्वास्थ्य की जांच की गई। गांवों में लगे शिविर में 90 लोग खांसी से पीडित पाए गए। वहीं 10 बुखार, 35 मधूमेह और 39 हाइपर टेंशन की बीमारी से ग्रसित पाए गए। इन सभी रोगियों का उपचार कर निशुल्क दवा उपलब्ध करवाई गई है। 72 रोगियों की जांच की गई
सीएमएचओ डॉ चौधरी ने बताया कि कोविड 19 संक्रमण और लॉक डाउन को देखते हुए जिन गांवो में चिकित्सा सेवाओं की पहुंच कम है। वहीं लॉकडाउन के कारण आमजन अस्पताल नहीं पहुंच सकते हैं, उन गांवो में लोगों को प्राथमिक चिकित्सा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से राज्य सरकार की ओर से मोबाइल ओपीडी यूनिट वाहन सेवा शुरू की है। इसके तहत विभाग की एमएमवी व एमएमयू द्वारा आमजन को प्राथमिक चिकित्सा सेवा उपलब्ध कराई गई।
**तिकड़ी ने किया काम, एएनसी जांच, टीकाकरण और पोषण पर की बात
जिले में चिकित्सा संस्थाना व आंगनबाड़ी केन्द्रों पर मनाया मातृ-शिशु स्वास्थ्य एवं पोषण दिवस**
सीकर कोविड-19 महामारी के संक्रमण काल में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग आमजन को बचाने के साथ-साथ अन्य चिकित्सकीय सेवाएं उपलब्ध कराने में भी पीछे नहीं है। मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य को लेकर विभाग मुश्तैदी से कार्य कर रहा है। हर बार की तरह इस बार भी गुरूवार को मातृ शिशु स्वास्थ्य एवं पोषण दिवस मनाया गया। एएनएम, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और आशा सहयोगिनी की तिकड़ी ने पिछले दो दिन में की गई मेहनत को गुरूवार को धरातल पर दिखाया।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ अजय चौधरी ने बताया कि आशा सहयोगिनी ने दो दिन पहले घर-घर हैडकाउंट सर्वे कर गर्भवती महिला को चिन्हित किया और उन्हें जांच के लिए गुरूवार को चिकित्सा संस्थान व आंगनबाड़ी केन्द्र में बुलाया। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता ने एमसीएचएन डे के लिए आंगनबाड़ी केन्द्र को स्वच्छ किया और पोषण दिवस की तैयारियां की। एएनएम ने आशा सहयोगिनी के हैडकाउंट सर्वे के आधार पर सब सेंटर व आंगनबाडी केंद्रों पर गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य जांच की। वहीं नवजात से लेकर पांच साल तक के बच्चों को ममता कार्ड देखकर टीके लगाए। एएनसी जांच और टीकाकरण के अतिरिक्त एएनएम और आशा सहयोगिनी ने गर्भवती महिलाओं और उनके साथ ग्रामीण महिलाओं से सोशियल डिस्टेसिंग का पालन करते हुए मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य से जुड़े विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की और उनका पालन करने की भी सीख दी। वहीं आंगनबाड़ी कार्यकर्ता ने गर्भवती महिलाओं और बच्चों को पोष्टिक आहार और फल आदि वितरित किए।
ये हुई जांचें और टीकाकरण
जिला प्रजनन एवं शिशु स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. निर्मल सिंह ने बताया कि एमसीएचएन डे पर जिले के चिकित्सा संस्थान व आंगनबाड़ी केन्द्रों पर गर्भवती महिलाओं की एएनसी जांच के साथ हिमोग्लोबिन, वजन, मूत्र, मधूमेह, हाईट, ब्लड प्रेशर तथा पेट की जांच की। जांच के दौरान चिन्हित हुई हाई रिस्क प्रेगनेंसी वाली महिलाओं को समूचित पौष्टिक आहार का सेवन करने तथा आगामी नौ जून को आयोजित होने वालीे प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व दिवस पर निकटवत प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र जाकर चिकित्सक से जांच करवाने की सलाह दी गई।
बच्चों को लगाए जीवनरक्षक टीके ः नवजात से पांच वर्ष तक की आयु के बच्चों को जीवनरक्षक टीके लगाए गए। बच्चों की आयु वर्ग के मुताबिक बीसीजी, पेटां-प्रथम, द्वितीय तृतीय, ओपीवी- डोज, ओपीवी प्रथम, द्वितीय तथा तृतीय, हैपेटाइटिस बर्थ डोज, आईपीवी प्रथम व द्वितीय, रोटा वायरस प्रथम, द्वितीय तथा तृतीय, पीसीवी प्रथम, द्वितीय तथा तृतीय तथा मीजल्स प्रथम के टीके लगाए गए। टीकाकरण के अतिरिक्त एमयूएसी टेप से बांह का नाप लेकर कुपोषण की जांच की गई और इसमें सुधार के लिए पौष्टिक आहार व फल आदि दिए गए।