*मुख्यमंत्री ने 52 नवीन/क्रमोन्नत न्यायालयों के सृजन के लिए*
*मितव्ययता परिपत्र में शिथिलन को दी मंजूरी*
जयपुर, 23 अक्टूबर। मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने राजकीय व्यय में मितव्ययता परिपत्र के बिंदू संख्या 5(i) में शिथिलन देते हुए 52 नवीन/क्रमोन्नत न्यायालय मय स्टाफ खोलने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।
राज्य सरकार द्वारा तीन सितम्बर, 2020 को जारी राजकीय मितव्ययता परिपत्र के अनुसार ‘वित्तीय वर्ष 2020-21 में 100 प्रतिशत राज्यनिधि से वित्त पोषित कोई भी नया कार्यालय खोले जाने की स्वीकृति नहीं दी जाएगी तथा पूर्व में स्वीकृत कार्यालय जो आरम्भ नहीं हुए हैं, उन्हें भी इस वित्तीय वर्ष में स्थापित नहीं किया जाएगा।’ ऎसे में मुख्यमंत्री ने इसमें शिथिलन देते हुए इन न्यायालयों को मय स्टाफ खोलने को मंजूरी दे दी है।
उल्लेखनीय है कि 52 नवीन न्यायालयों पर करीब 156 करोड़ रूपए का एकमुश्त व्यय एवं 52 करोड़ रूपए वार्षिक व्यय होने की संभावना है। एकमुश्त व्यय में नवीन न्यायालय भवन तथा फर्नीचर पर तीन करोड़ रूपए प्रति न्यायालय यानी 52 न्यायालयों पर 156 करोड़ रूपए खर्च होना संभावित है।✍🏽
: *पुलिस को झटका...*
*राजस्थान में कांस्टेबलों का ग्रेड पे बढ़ाकर शिक्षकों के बराबर 3600 नहीं होगा, वित्त विभाग ने खारिज की मांग..!!*
राजस्थान में पुलिस कांस्टेबलों की ग्रेड पे बढ़ाने की मांग पर पानी फिर गया है। इस मांग को प्रदेश के वित्त विभाग ने उचित नहीं मानते हुए खारिज कर दिया है। इससे पहले कांस्टेबलों का ग्रेड पे बढ़ाने के आंदोलन में प्रदेश के कई विधायकों, सांसदों और पूर्व नेताओं सहित सामाजिक संगठनों ने राज्य सरकार को चिट्ठी लिखी थी। मुख्यमंत्री कार्यालय के सवाल के जवाब में वित्त विभाग की तरफ से ये जवाब दिया गया है।
आपको बता दें कि राजस्थान में करीब 87 हजार से ज्यादा पुलिस कांस्टेबल है। इन कांस्टेबलों की मांग थी कि उनका ग्रेड पे 2400 से बढ़ाकर तृतीय क्षेणी के शिक्षकों के समान 3600 किया जाए। इस संबंध में वित्त विभाग ने टिप्पणी करते हुए कहा कि इससे पहले भी यह मांग उठ चुकी है। लेकिन, 20 सितंबर 2017 को विशिष्ट शासन सचिव वित्त (व्यय) की अध्यक्षता में गठित एक कमेटी द्वारा इस मांग का परीक्षण किया गया था। जिसमें इसको युक्तिसंगत नहीं माना गया है। ऐसे में वित्त विभाग कांस्टेबलों की ग्रेड पे 2400 से बढ़ाकर 3600 नहीं करेगा।
पुलिस कांस्टेबलों ने दो महीने पहले सोशल मीडिया पर ग्रेड पे बढ़ाने का मुद्दा उठाया था
करीब 2 महीने पहले सोशल मीडिया पर पुलिस कांस्टेबलों ने अपनी ग्रेड पे बढ़ाने को लेकर मुहिम भी शुरु की थी। इसे राजस्थान पुलिस_3600GP नाम से ट्विटर पर भी ट्रेंड करवाया था। इसे मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, सचिन पायलट और सीएमओ को भी टैग किया गया था। पुलिसवालों की इस मांग को लेकर 100 से ज्यादा विधायकों, सांसदों समेत कई जनप्रतिनिधियों ने समर्थन देते हुए मुख्यमंत्री को पत्र भी लिखा था। विधायकों ने राजस्थान विधानसभा में भी इस मुद्दे को उठाया था।
यह थी राजस्थान पुलिस के कांस्टेबलों की मांगें
ग्रेड पे 2400 से बढ़ाकर तृतीय शिक्षकों के समान 3600 किया जाए
मैस भत्ता 2 हजार मासिक से बढ़ाकर 4 हजार किया जाए
हार्ड ड्यूटी अलाउंस (अतिरिक्त ड्यूटी) 4.5 रुपए प्रति घंटे से बढ़ाकर 10 रुपए प्रति घंटे किया जाए।
गृह जिले में ट्रांसफर न्यूनतम 14 साल से घटाकर 5 साल किया जाए
मोबाइल रिचार्ज 500 रुपए प्रति माह दिया जाए।
वाहन भत्ता पेट्रोल 50 रुपए मासिक से बढ़ाकर 2000 रुपए प्रतिमाह किया जाए।
इन सभी के जवाब देते हुए वित्त विभाग ने पुलिस कांस्टेबलों की मांगों को गृह विभाग, कार्मिक विभाग या वित्त विभाग के अधीन बताते हुए फिलहाल इन सभी मानने से इंकार कर दिया है।
*बजरी अवैध खनन, परिवहन, भण्डारण के विरुद्ध अभियान अब 13 जिलों में*
जयपुर,23 अक्टूबर। खान मंत्री श्री प्रमोद जैन भाया ने बताया है कि राज्य में बजरी के अवैध खनन, परिवहन और भण्डारण के विरुद्ध चलाए जा रहे अभियान का दायरा बढ़ाते हुए बाड़मेर, जालोर और सिरोही जिले को भी शामिल कर लिया गया उन्होंने बताया कि जिला कलक्टर के निर्देशन में राजस्व, वन, परिवहन, पुलिस और खान विभाग की संयुक्त टीम द्वारा अब राज्य के 13 जिलों में अभियान का संचालन किया जा रहा है। अब यह अभियान जयपुर, धौलपुर, जोधपुर, उदयपुर, राजसमंद, चित्तोड़गढ़, भीलवाड़ा, टोंक, सवाई माधोपुर, पाली, बाड़मेर, जालौर, सिरोही में संचालित किया जा रहा है।
श्री भाया ने बताया कि अभियान में शिथिलता के चलते धौलपुर के माइनिंग इंजीनियर को आदेशों की प्रतीक्षा (एपीओ) कर सहायक खनि अभियंता को चार्ज दिया गया है। अभियान की अब तक की प्रगति पर संतोष व्यक्त करते हुए श्री भाया ने कहा कि समन्वित प्रयासों से अभियान के अपेक्षानुसार परिणाम प्राप्त हो रहे हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि राज्य सरकार अवैध बजरी खनन, परिवहन और भण्डारण पर के खिलाफ कार्यवाही करने के लिए प्रतिबद्ध है और उसी का परिणाम है कि एक साथ 13 जिलों में जिला कलक्टर के निर्देशन में संबंधित विभागों व पुलिस प्रशासन की सहभागिता से अभियान का संचालन हो रहा है।
एसीएस डॉ. अग्रवाल ने बताया कि सचिवालय में उच्चस्तरीय बैठक लेते हुए सभी जिलों की प्रगति समीक्षा की। उन्होंने बताया कि अभियान के तहत 22 अक्टूबर तक बजरी के अवैध खनन, परिवहन और भण्डारण के 207 मामलें सामने आए हैं। पुलिस में 89 प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करवाई गई हैं वहीं 25 लाख 54 हजार रूपये की राशि वसूली गई है। उन्होंने बताया कि संयुक्त अभियान के दौरान मौके पर 36 हजार 287 टन बजरी जब्त करने के साथ ही राज्य में अभियान के दौरान पोकलेन, ट्रेक्टर आदि सहित 144 वाहन-मशीनरी की जब्ती की गई है।
डॉ. अग्रवाल ने बताया कि अभियान के दौरान 58 मामलें भीलवाड़ा में सामने आए हैं। वहां पुलिस में 50 एफआईआर दर्ज कराई जा चुकी है। 19089 टन बजरी की जब्ती के साथ ही भीलवाड़ा में 25 वाहन-मशीनरी जब्त की गई है। जयपुर में 31 मामलें सामने आए हैं, जयपुर में 3150 टन बजरी जब्ती के साथ ही 29 वाहन-मशीनरी जब्त की गई है। वाहन-मशीनरी में टोंक में 25, चित्तोड़गढ़ में 5, राजसमंद में 14, सवाई माधोपुर में 18, धौलपुर में 1, जोधपुर में 15, उदयपुर में 7, पाली में 3 और सिरोही में 2 वाहन-मशीनरी जब्त की गई है। इसी तरह से टोंक में 3820, चित्तोड़गढ़ में 3320, राजसमंद में 930, सवाई माधोपुर में 5050, धौलपुर में 200, जोधपुर में 120, उदयपुर में 140 टन बजरी जब्त की गई है।
एसीएस डॉ. अग्रवाल ने बताया कि अभियान के दौरान एक सप्ताह में लगभग 25 लाख 54 हजार की वसूली की है जिसमें जोधपुर में सर्वाधिक 17 लाख 50 हजार, उदयपुर में 5 लाख 23 हजार व राजसमंद में 2 लाख 79 हजार से अधिक की वसूली की गई है। पुलिस में सर्वाधिक 58 एफआईआर भीलवाड़ा में दर्ज की गई हैं वहीं जयपुर में 1, टोंक में 19, चित्तोड़गढ़ में 7, राजसमंद में 4, सवाईमाधोपुर में 2, जोधपुर में 3, उदयपुर में 2 और पाली में एक एफआईआर दर्ज कराई गई है।
निदेशक माइंस श्री केबी पाण्ड्या ने बताया कि बजरी के अवैध खनन, परिवहन और भण्डारण के खिलाफ राज्य में जिला कलक्टर के निर्देशन में 15 अक्टूबर से अभियान चलाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि माइंस, राजस्व, वन, परिवहन और पुलिस विभाग द्वारा संयुक्त रुप से चलाया जा रहा अभियान 31 अक्टूबर तक चलाया जाएगा। अभियान की नियमित मोनेटरिंग की जा रही है। बैठक में संयुक्त सचिव माइंस श्री ओम कसेरा, अतिरिक्त निदेशक खान विजिलेंस उदयपुर श्री एनके कोठारी, टीए श्री सतीश आर्य, ओएसडी श्री संजय दुबे व माइंस विभाग जयपुर व उदयपुर के अधिकारी भी उपस्थित रहे।✍🏽
*सिणगारी प्रिंसिपल सहित 11 शिक्षकाें काे चार्जशीट,*
*डीईओ पर 17 सीसीए में कलेक्टर काे कार्रवाई करने के दिए निर्देश*
*जोधपुर(राज.):*- संभागीय आयुक्त डाॅ. समित शर्मा अचानक पहुंचे स्कूलाें में निरीक्षण करने, रजिस्टर भी साथ लेकर गए
*संभागीय आयुक्त डाॅ. समित शर्मा ने बुधवार काे एक बार फिर से जिले की स्कूलाें की व्यवस्थाओं काे जांचने टीम के साथ निरीक्षण किया। इस दाैरान उन्हाेंने सिणगारी स्कूल के प्रिंसिपल सहित आधे से अधिक स्टाफ काे चार्जशीट जारी की। साथ ही जिला शिक्षा अधिकारी काे भी चार्जशीट जारी करने के कलेक्टर अंशदीप काे निर्देश दिए।*
संभागीय आयुक्त डॉ. समित शर्मा, अतिरिक्त संभागीय आयुक्त अरुण पुरोहित एवं जोधपुर से आए निरीक्षण दल ने सुबह पाली जिले के विभिन्न स्कूलों का निरीक्षण किया।
*सबसे पहले 8:25 पर सिणगारी राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय पहुंचे। यहां संभागीय आयुक्त काे देखते ही प्रिंसिपल ज्याेति गाेस्वामी ने रजिस्टर में एंट्री करनी शुरू कर दी। इसके बाद उन्हाेंने कुलथाना, वायद, गढवाड़ा सहित कई स्कूलाें का निरीक्षण किया। चाैंकाने वाली बात यह कि पूरे संभाग में सभी पीईईओ ने अपने अधीन आने वाली स्कूलाें के स्टाफ काे समय पर पहुंचने के निर्देश दिए, इसके बाद भी ज्यादातर शिक्षक 9 बजे देर से स्कूल पहुंचे।*
*खास बात यह थी कि संभागीय आयुक्त के निरीक्षण की किसी भी अधिकारी काे भनक तक नहीं लगी।*
*राेहट सीबीईईओ काे पता ही नहीं था कि संभागीय आयुक्त डॉ. शर्मा उनके क्षेत्र की स्कूलाें का कर रहे हैं निरीक्षण*
सिणगारी स्कूल में 16 में से मात्र 5 अध्यापक उपस्थित मिले। शेष स्कूल खुलने के 1 घंटे बाद तक भी विद्यालय नहीं पहुंचे। प्रधानाचार्य ज्योति गोस्वामी ने निरीक्षण दल के आने के तत्काल बाद खाली पड़े रजिस्टर के कॉलम भरने का प्रयास किया। जिस पर दल ने रजिस्टर जब्त कर लिया। संभागीय आयुक्त ने कलेक्टर पाली को पर्यवेक्षण की लापरवाही के लिए प्रधानाचार्य ज्योति गोस्वामी व जिला शिक्षा अधिकारी पाली को 17 सीसीए के अंतर्गत चार्जशीट जारी करने के निर्देश दिए।
आपकी सैलेरी 89 हजार रुपए है, आखिर क्या काम किया बताओ
संभागीय आयुक्त ने सिणधारी प्रिंसिपल से कहा कि आपकी सैलेरी कितनी है। इस पर उन्हाेंने बताया कि 89 हजार। इसके बाद संभागीय आयुक्त ने कहा कि इतनी सैलेरी लेने के बाद भी आप लाेग ईमानदारी से काम नहीं करते हाे। उन्हाेंने यहां तक कह दिया कि स्कूल में स्माइल प्राेजेक्ट के साथ-साथ ई शिक्षा प्राेजेक्ट काे लेकर किसने कितने कंटेट पढ़ाए। किसी के भी जवाब नहीं देने पर उन्हाेंने नाराजगी जताई।
अनुपस्थित रहने प इन सबकाे भी चार्जशीट देकर कार्रवाई के निर्देश
अनुपस्थित पाए गए रतनसिंह चारण व्याख्याता भूगोल, कुलदीपसिंह राठौड़ वरिष्ठ अध्यापक गणित, योगिता वरिष्ठ अध्यापक अंग्रेजी, राजेंद्रसिंह कविराज अध्यापक सामाजिक ज्ञान, सुमनलता लखारा अध्यापिका हिंदी, पुष्पलता अध्यापिका अंग्रेजी, अध्यापिका सीमा चौहान, नीलिमा व ज्योति वर्मा, शारीरिक शिक्षक भंवराराम, कनिष्ठ लिपिक विशनाराम, चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के अनुपस्थित रहने पर चार्जशीट जारी करने के निर्देश दिए।
*गढ़वाड़ा में सुबह 8.45 बजे तक कई शिक्षक नहीं आए, कुछ धूप में बैठे मिले*
गढ़वाड़ा स्कूल में संभागीय आयुक्त अचानक पहुंचे ताे शिक्षकाें की हालत खराब हाे गई। सुबह 8.45 तक कई शिक्षक नहीं पहुंचे। कुछ शिक्षक धूप में बैठे थे। इस पर संभागीय आयुक्त ने कहा धूप में बैठे हैं। इस पर उन्हाेंने कहा कि स्माइली प्राेजेक्ट काे लेकर कितनी पढ़ाई कराई। ताे एक भी जवाब नहीं दे पाया। इसके बाद उन्हाेंने रजिस्टर चैक किया। इसमें भी 18 में से कई अनुपस्थित मिले। संभागीय आयुक्त ने प्रत्येक स्कूल के निरीक्षण की वीडियाे भी खुद के माेबाइल से बनाए, ताकि सबूत के ताैर पर किसी भी प्रकार से काेई झूठ नहीं बाेल सके।
*🔴डॉक्टर शमित शर्मा, संभागीय आयुक्त जोधपुर हैं।अगर सभी अधिकारी ऐसे हो जाये,तो वाकई सिस्टम में बदलाव आ सकता है।योग्य कार्मिकों को भी इन निकृष्ट कार्मिकों की वजह से शर्मिंदगी झेलनी पड़ती है।*
**रेलवे के सिस्टम में जारी हुआ ट्रेनों का नया टाइम टेबल, लेकिन यात्रियों के लिए नहीं किया जारी**
जयपुर: त्यौहारी सीजन होने के चलते जनजीवन सामान्य होने लगा है. इसी बीच रेलवे द्वारा रेगुलर ट्रेनों को फेस्टिवल स्पेशल बनाकर यात्रियों से 30 फीसदी तक अधिक किराया वसूल किया जा रहा है. लेकिन यात्रियों को यह जानकारी भी नहीं दी जा रही है कि उनकी ट्रेन कितने बजे रवाना होगी और कितने बजे गंतव्य पर पहुंचेगी. जिसके चलते उन्हें परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.
दरअसल, रेलवे हर साल 1 जुलाई को ट्रेनों का नया टाइम टेबल जारी करता है. इस बार इसे 1 अक्टूबर से जारी करना तय किया गया था. कोरोना के चलते इसे जुलाई में जारी नहीं किया जा सका था. रेलवे के रिजर्वेशन सिस्टम में इसे अब तक नहीं बदला गया है. जिसके चलते रिजर्वेशन सिस्टम टिकट जारी करते समय ट्रेन का शेड्यूल अराइवल और डिपार्चर समय प्रिंट नहीं कर रहा है. इसके बजाय टिकट पर नया टाइम टेबल देखकर ही यात्रा करने की बात टिकटों पर लिखी जा रही है. ऐसे में यात्री ट्रेन के अराइवल और डिपार्चर समय जानने के लिए इधर-उधर परेशान हो रहे हैं.
टिकट पर कई ट्रेनों का शेड्यूल प्रिंट नहीं हो रहा
कमर्शियल विभाग के अधिकारियों ने स्वीकार किया कि टिकट पर कई ट्रेनों का शेड्यूल प्रिंट नहीं हो रहा है. हालांकि रेलवे अफसरों का कहना है कि किसी भी ट्रेन का समय नहीं बदला है. ट्रेनों का संचालन समय लॉक डाउन से पूर्व का ही रहेगा. हालांकि सॉफ्टवेयर को अपडेट कर यात्रियों की इस समस्या का समाधान किया जा सकता है.
:** लोगों का स्वप्रेरित होकर भीड़ भरे आयोजनों से बचना सराहनीय - सीएम गहलोत**
जयपुर: मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रदेश की जनता से अपील की है कि प्रदूषण के कारण कोविड-19 के रोगियों में सांस की तकलीफ बढ़ जाती है, इससे मृत्युदर बढ़ने की आशंका भी व्यक्त की गई है. ऐसे में, हमें दिवाली एवं दशहरे के अवसर पर आतिशबाजी से बचना चाहिए. गहलोत ने कहा कि ऐसी स्थिति में रावण दहन, दशहरा मेला जैसे कार्यक्रम भी डिजिटल माध्यम से आयोजित किया जाना बेहतर है.
रावण दहन, दशहरा मेला भी डिजिटल माध्यम से होना बेहतर:
मुख्यमंत्री ने गुरुवार को मुख्यमंत्री आवास पर कोविड-19 की समीक्षा बैठक आयोजित की, जिसमें प्रदेश की मौजूदा स्थिति के बारे में चर्चा की गई. सीएम ने मीटिंग में कहा कि कोरोना के खिलाफ जागरूकता बढ़ने से लोग स्वप्रेरणा से मास्क लगाने के साथ ही सोशल डिस्टेसिंग एवं अन्य हैल्थ प्रोटोकॉल की पालना कर रहे हैं. नवरात्रा के इन दिनों में होने वाले गरबा, डांडिया, रामलीला जैसे कार्यक्रम सार्वजनिक स्तर पर भीड़-भाड़ के साथ आयोजित न होकर डिजिटल माध्यम से ही हो रहे हैं. साथ ही सीएम ने वैवाहिक समारोहों एवं त्यौहारों के दौरान विशेष सावधानी बरतने की अपील की है. दरअसल सर्दी के मौसम में संक्रमण का खतरा तेजी से बढ़ सकता है.
घर-घर जाकर लोगों को मास्क पहनने के लिए प्रेरित करें:
वहीं मुख्यमंत्री ने जन आंदोलन के सकारात्मक असर को देखते हुए निर्देश दिए हैं कि स्थानीय निकायों में कार्यरत सफाईकर्मी भी घर-घर जाकर लोगों को मास्क पहनने तथा ‘नो मास्क-नो एन्ट्री’ के लिए प्रेरित करें. बैठक में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य राज्य मंत्री डॉ. सुभाष गर्ग, मुख्य सचिव राजीव स्वरूप, पुलिस महानिदेशक अपराध एमएल लाठर, प्रमुख सचिव गृह अभय कुमार, सूचना एवं जनसम्पर्क आयुक्त महेन्द्र सोनी सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे.
: *प्याज की बढ़ती कीमतों पर लगेगा ब्रेक, सरकार ने लिया ये बड़ा फैसला*
*सरकार ने प्याज की स्टॉक लिमिट (Onion Stock Limit) को भी तय कर दिया है.*
नई दिल्लीः प्याज की बढ़ती कीमतों (Rising Onion Prices) पर रोक लगाने के लिए सरकार ने दो जरूरी कदम उठाने का फैसला कर लिया है. जमाखोरी रोकने और प्याज की उपलब्धता को भारतीय बाजार में सुनिश्चित करने के लिए केंद्र ने शुक्रवार को ये दो बड़े फैसले लिए हैं. इससे त्योहारी सीजन में प्याज की बढ़ती कीमतों पर ब्रेक लगने की उम्मीद है.
प्याज की स्टॉक लिमिट तय
सरकार ने प्याज की स्टॉक लिमिट (Onion Stock Limit) को भी तय कर दिया है. इसके तहत थोक और खुदरा व्यापारियों के लिए अलग-अलग स्टॉक लिमिट तय की गई है. सरकार ने थोक विक्रेताओं के लिये प्याज की स्टॉक लिमिट को 25 मीट्रिक टन व खुदरा व्यापारियों के लिये 2 मीट्रिक टन निर्धारित किया है. ये स्टॉक लिमिट शुक्रवार 23 अक्टूबर से लेकर के 31 दिसंबर 2020 तक प्रभावी रहेगी.
लाल प्याज का होगा आयात
वहीं सरकार ने MMTC को लाल प्याज का आयात (Onion Import) करने के लिए भी आदेश जारी कर दिया है. आदेश मिलने के बाद MMTC जल्द ही इसके लिए टेंडर जारी करेगी. सरकार का कहना है कि 15 लाख टन प्याज के निर्यात होने की वजह से देश भर में प्याज की कमी हो गई है.
पीयूष गोयल ने किया ट्वीट :
उपभोक्ता मामलों के मंत्री पीयूष गोयल ने ट्वीट कर बताया, 'प्याज की बढ़ती कीमतों को नियंत्रित करने, और जमाखोरी रोकने के लिये PM@NarendraModi जी की सरकार द्वारा त्वरित कदम उठाये गये हैं. थोक विक्रेताओं के लिये प्याज की स्टॉक लिमिट को 25 मीट्रिक टन, व खुदरा व्यापारियों के लिये 2 मीट्रिक टन निर्धारित किया गया है.'
उन्होंने और एक ट्वीट में कहा की, 'उपभोक्ताओं को किफायती मूल्य पर प्याज उपलब्ध कराने के लिए PM @NarendraModi जी के नेतृत्व में सरकार द्वारा अनेकों कदम उठाये गये हैं. इनमें प्याज के निर्यात पर प्रतिबंध से लेकर, आयात के नियमों में ढील, और बफर स्टॉक से प्याज की आपूर्ति जैसे कदम शामिल हैं.'
उपभोक्ता मामलों की सचिव लीना नंदन ने बताया, ‘हमने बढ़ती कीमतों पर काबू पाने के प्रयासों को तेज कर दिया है. हमने राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेशों से खुदरा हस्तक्षेप के लिए बफर स्टॉक से प्याज लेने का अनुरोध किया है.’
दिल्ली में नाफेड, केंद्रीय भंडार, मदर डेयरी से सप्लाई केंद्र नासिक, महाराष्ट्र के भंडारित बफर स्टॉक से 26-28 रुपये प्रति किलोग्राम की खरीद दर पर उन राज्यों को प्याज की पेशकश कर रहा है, जो अपने आप स्टॉक को उठाना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि जिन राज्यों को प्याज पहुंचाए जाने (डिलीवरी भेजने) की जरूरत है, उनके लिए कीमत 30 रुपये प्रति किलोग्राम होगी. इसके अलावा, सचिव ने कहा कि सहकारी संस्था नाफेड, जो सरकार की ओर से प्याज की बफर स्टॉक के लिए खरीद और उनका रखरखाव कर रहा है, देशभर के थोक मंडियों में प्याज के स्टॉक को ला रहा है.
ये है फिलहाल प्याज की कीमतें
फिलहाल देश भर में नवरात्रि का त्योहार होने की वजह से प्याज को लोग खरीद नहीं रहे हैं. हालांकि इस त्योहार की समाप्ति के बाद प्याज की मांग बढ़ जाएगी, जिसके बाद इसकी कीमतों के और बढ़ने की आशंका है. कंज्यूमर अफेयर्स मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक मंगलवार को चेन्नई में प्याज की खुदरा कीमतें 73 रुपये प्रति किलो पर पहुंच गईं थी. दिल्ली में प्याज 50 रुपये प्रति किलो, कोलकाता में 65 रुपये प्रति किलो और मुंबई में 67 रुपये प्रति किलो पर बिक रही है.
एक अनुमान है कि अगर कीमतें ऐसे ही बढ़ती रहीं तो दिवाली तक प्याज की कीमतें 100 रुपये प्रति किलो के पार पहुंच जाएंगी. कंज्यूमर अफेयर्स मंत्रालय की ओर से कहा गया है कि खरीफ फसल की 37 लाख टन प्याज जल्द मंडियों में पहुंच जाएगी जिससे कीमतों में राहत देखने को मिलेगी.
अभी रबी फसल की भंडार की हुई प्याज बाजार में बिक रही है. पिछले कुछ दिनों में महाराष्ट्र, कर्नाटक और मध्य प्रदेश में भारी बारिश हुई. ये तीनों राज्य प्याज के मुख्य उत्पादक है. बारिश की वजह से खड़ी खरीफ की फसल के साथ साथ गोदामों में रखे प्याज को भी काफी नुकसान हुआ है.
जिसकी वजह प्याज की सप्लाई घटने की आशंका पैदा हो गई और कीमतों में अचानक उछाल देखने को मिला. आमतौर पर मॉनसून से लेकर सर्दियों से पहले तक प्याज की कीमतों में उछाल दिखता
**कोरोना के विरूद्ध जन आंदोलन
सीकर शहर के प्रिंटिंग प्रेस, गैस एजेन्सी , पैट्रोलपम्प, *-होटल, रेस्टोरेंट एवं आमजन आंदोलन से जुड़े -जिला कलेक्टर
कोरोना प्रचार के स्टीकर का किया विमोचन
सीकर 23 अक्टूबर। जिला कलेक्टर अविचल चतुर्वेदी ने कहा कि सीकर शहर के प्रिंटिंग प्रेस, गैस एजेन्सी , पैट्रोलपम्प, होटल, रेस्टोरेंट एवं आमजन कोरोना जन आंदोलन से जुडे़। जिला कलेक्टर अविचल चतुर्वेदी शुक्रवार को कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित कोरोना महामारी जन आन्दोलन अभियान की बैठक को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने बताया कि कोरोना महामारी को लेकर चलाये जा रहे राज्य सरकार द्वारा कोरोना महामारी के जन आन्दोलन अभियान में अधिकारी एवं कार्मिक ही नहीं अपितु आमजन का सहयोग भी होना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि त्यौंहार, शादी समारोह, दीपावली पर बाजार में व्यापारिक प्रतिष्ठानों पर भीड़-भाड़ रहेगी, जिसकों देखते हुए कोरोना के विरूद्ध चलाये जा रहे जन आंदोलन अभियान के तहत व्यापारिक प्रतिष्ठानों पर मास्क पहने, दो गज की दूरी बना के रखें के नारे साथ ही आमजन को प्रवेश करावें।
उन्होंने कहा कि समस्त प्रिंटिंग प्रेस, गैस एजेन्सी , पैट्रोलपम्प, होटल एवं रेस्टोरेंट के स्टाफ को भी मास्क पहनने एवं दो गज की दूरी रखकर कार्य करने के लिए पाबंद करें एवं आमजन में भी इस संदेश का व्यापक प्रचार-प्रसार करें। कोरोना महामारी के लिए कोई भी वैक्शिन तैयार नहीं हुई है तथा भविष्य में भी अगर वैक्शिन तैयार होती है तो उसके वितरण में समय लग सकता है। इसलिए इस कोरोना महामारी की गंभीरता को देखते हुए स्वयं की, परिवार की सुरक्षा की जिम्मेदारी भी आप पर है। इस महामारी के कारण आपके व्यावसायिक एवं आर्थिक गतिविधियों में भी प्रभाव पड़ा है।
उन्होंने कहा कि मास्क का उपयोग सार्वजनिक स्थानों पर हर समय करना है तथा आमजन को भी इस के लिए प्रेरित एवं मास्क का वितरण करना जरूरी है। जिला कलेक्टर ने कहा कि सभी संस्थान एवं संगठन इस आंदोलन से जुड़ें। उन्होंने कहा कि सभी संगठन अपने कर्मचारियों को और अन्य लोगों को जोड़ते हुए उन्हें कोरोना के संबंध में जागरूक करें और एक जिम्मेदार नागरिक की भूमिका अदा करें।
उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी से बचाव के लिए मास्क लगाने के लिए स्वयं को प्रेरित करें और दूसरों को भी मास्क लगाने के लिए प्रेरित करने की जिम्मेदारी निभाएं।
मास्क पहने, दूरी बनाये रखने के स्टीकर मिठाई के डिब्बों, प्रतिष्ठान, पैट्रोलपम्पों, गैस सिलेंड सिलेण्डरों एवं वाहनों पर चस्पा करके प्रेरित करें ताकी आने वाले समय में इस कोरोना महामारी से अधिक से अधिक बचाव किया जा सके। इस दौरान जिला कलेक्टर अविचल चतुर्वेदी ने रेडक्रॉस सोसायटी सीकर के द्वारा कोरोना प्रचार के स्टीकर का विमोचन करवाया गया।
बैठक में सीकर एसडीएम गरिमा लाटा, प्रशासनिक सुधार विभाग के सहायक निदेशक राकेश लाटा, पैट्रोलपम्प एसोसियएशन के अरूण फागलवा, आदित्य चौधरी, मिलन रेस्टोरेंट के प्रेम सैनी, गैस एजेन्सी संचालक महावीर लालासी, सुधीर गर्ग, प्रिंटिंग पे्रस के हरीश माथुर एवं विभिन्न संगठनों एव संस्थानों के प्रतिनिधि मौजूद रहें।